इंडिया टुडे मैग्जीन के यूपी ब्रांच हेड रहे जनरल मैनेजर आलोक पाठक एक पवित्र दिल के आदमी हैं. महादेव के भक्त हैं. जैसा जब भुगता, वैसा सच बयां किया. इंडिया टुडे की अच्छी खासी नौकरी करते वक्त दुनिया उन्हें हर वक्त हरी भरी ही लगती थी. पर बीते एक साल की बेरोजगारी ने सच्चाई से …
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इकलौते जज साहब हज करने चले गए, श्रम अदालत है महीने भर से खाली (देखें वीडियो)
बुरा हाल है श्रम अदालतों का, मीडियाकर्मी हक पाने के लिए भटक रहे… आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की कानपुर शाखा के सेक्रेटरी एके सिंह ने एक इंटरव्यू में मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ रहे मीडियाकर्मियों के सामने आ रही दिक्कतों का खुलासा किया.
(वीरेंद्र सेंगर-1) अयोध्या प्रकरण पर संघ और गुजरात दंगों पर मोदी का रंग-ढंग देखे वरिष्ठ पत्रकार की कहानी
वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र सेंगर के इंटरव्यू का ये पहला पार्ट है। अयोध्या के मंदिर-मस्जिद विवाद पर RSS की मीटिंग में घुसकर बेबाक रिपोर्टिंग करने के प्रकरण से लेकर गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी से सवाल करने के साइड इफेक्ट्स को झेलने के घटनाक्रम का वीरेंद्र सेंगर ने इस इंटरव्यू में विस्तार से …
जैन हवाला स्कैम ब्रेक करने वाले विनीत बोले- तब भी न्यायपालिका बिकी थी (देखें वीडियो)
जानिए जैन हवाला कांड कैसे खुला और इसे उजागर करने वाले विनीत नारायण के साथ क्या कुछ घटित हुआ… उन्हें क्यों देश छोड़कर भागना पड़ा था…
सुब्रमण्यम स्वामी अब अपनी धोती संभालें : विनीत नारायण (देखें वीडियो)
देश में वीडियो / टीवी पत्रकारिता की शुरुआत ‘कालचक्र’ के माध्यम से करने वाले वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण आजकल भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी से खासे नाराज चल रहे हैं. विनीत के खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी ने आठ पेज की चिट्ठी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यहां रवाना किया तो जवाब में विनीत नारायण ने स्वामी …
वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण से भड़ास एडिटर यशवंत की बातचीत (पार्ट वन) : देखें वीडियो
भड़ास एडिटर यशवंत को अपनी किताब ‘अदालत की अवमानना, कानून का दुरुपयोग’ भेंट करते वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण. भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने जब वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण को नटवरलाल बताते हुए आठ पेज की चिट्ठी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास प्रेषित किया तो अचानक ही विनीत फिर से सुर्खियों में आ गए.
राजदीप और आशुतोष की आत्मा जिंदा होती तो इस डाक्टर से माफी मांग चुके होते, देखें वीडियो
डाक्टर अजय अग्रवाल नोएडा के जिला अस्पताल के सीएमएस हैं. घुटना प्रत्यारोपण के फील्ड में देश के जाने माने डाक्टर हैं. हम बताएंगे कि इनकी जिंदगी किस तरह एक न्यूज चैनल ने तबाह कर दी….
मीडिया घरानों को नंगा करने वाले ‘कोबरा पोस्ट’ के संपादक अनिरुद्ध बहल का वीडियो इंटरव्यू देखें
दो पार्ट में मीडिया घरानों का स्टिंग कराने वाली मीडिया कंपनी कोबरापोस्ट के कर्ताधर्ता हैं अनिरुद्ध बहल. चमक-दमक और प्रचार से दूर रहने वाले इस शख्स के बारे में लोग कम ही जानते हैं. भड़ास के संस्थापक और संपादक यशवंत सिंह ने कल नोएडा स्थित कोबरापोस्ट के आफिस जाकर अनिरुद्ध बहल का एक विस्तृत वीडियो …
लाल झंडे वाले कबीराना फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार दत्ता से एक मुलाकात, देखें वीडियो
कबीर के नाम से चर्चित एसके दत्ता उर्फ सुनील कुमार दत्ता आजमगढ़ की एक जानी-मानी शख्सियत हैं. साइकिल से करियर शुरू करने वाले दत्ता साहब दैनिक जागरण, टाइम्स आफ इंडिया, राष्ट्रीय सहारा से लेकर अमर उजाला तक में काम करते हुए कुछ बरस से मोपेड से चलने लगे हैं. जाहिर है, उनके जीवन में, उनकी …
सुप्रिय प्रसाद मीडिया इंडस्ट्री के सर्वश्रेष्ठ बॉसेज में से एक हैं!
Yashwant Singh : संपादक को अपने व्यवहार और दिमाग से कैसा होना चाहिए… मैं जो समझ पाता हूं वो ये कि उसे नितांत डेमोक्रेटिक होना चाहिए. सबकी सुने…सबको मौका दे.. सरल-सहज रहे ताकि उससे कोई भी मिल जुल कह बता सके… नकारात्मकता न हो… कोई बुरा कहे तो जज्ब कर ले… कोई अच्छा करे तो उसे वाहवाही दे दे… आज के दौर के युवा संपादकों की बात करें तो कुछ ही हैं जो इस पैमाने पर खरे उतरते हैं… सुप्रिय प्रसाद को उनमें से एक मानता हूं…
सुप्रिय प्रसाद
भास्कर ग्रुप को धूल चटाने वाली इस लड़की का इंटरव्यू देखें-सुनें
मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ने में बहुत बड़े बड़े पत्रकारों की पैंट गीली हो जाती है लेकिन भास्कर समूह में रिसेप्शनिस्ट पद पर कार्यरत रही एक लड़की ने न सिर्फ भास्कर ग्रुप से कानूनी लड़ाई लड़ी बल्कि अपना हक हासिल करने की अग्रसर है.
‘मलिकज़ादा’ के विमोचन के बाद यशवंत ने की इसके लेखक नज़ीर मलिक से बातचीत, देखें वीडियो
35 साल सेवा के बाद वरिष्ठ पत्रकार को क्यों देना पड़ा दैनिक जागरण से इस्तीफा, जानिए पूरी दास्तान… सिद्धार्थनगर जिले के दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ रहे वरिष्ठ पत्रकार नज़ीर मलिक अपने जीवन, करियर और संघर्षों की कहानी बयां कर रहे हैं, भड़ास संपादक यशवंत से एक विशेष बातचीत में…
मोदी जी का इंटरव्यू और जी न्यूज के सामने पकौड़े वाला….
Nitin Thakur : सुधीर सर ने जो इंटरव्यू लिया उसे जर्नलिज़्म के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाए. छात्रों को वो हुनर सिखाया जाए कि एकतरफा संवाद करनेवाले नेता के भाषण के बीच में सवालनुमा टिप्पणी कुशलतापूर्वक घुसाकर कैसे इंटरव्यू होने का भ्रम पैदा किया जाता है. मोदी जी ने बाकायदा समझाया कि कैसे ज़ी न्यूज़ के बाहर पकौड़े तलनेवाले को 200 रुपए रोज़ाना का रोज़गार मोदीकाल में मिला है।
समय बीतने के साथ एनडीटीवी की मानहानि की कीमत कम होती गई और अब शून्य हो चुकी है… देखें इंटरव्यू भाग-दो
चर्चित आईआरएस अधिकारी एसके श्रीवास्तव को एनडीटीवी के आर्थिक घपलों को पकड़ने के कारण बहुत प्रताड़ित किया गया. इस अफसर के पास एनडीटीवी की पूरी कुंडली है. भड़ास से बातचीत में एसके श्रीवास्तव ने खुलासा किया था कि मनमोहन राज में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने NDTV पर छापा डालने जा रहे इनकम टैक्स अफसरों को रोक दिया था.
प्रणय राय की काली कमाई की पोल खोल दी इस IRS अधिकारी ने, देखें वीडियो
प्रणय राय अपना अफ्रीका वाला फार्म हाउस गिरवी रख देते तो सैकड़ों कर्मचारियों की नौकरी बच जाती…
Yashwant Singh : आपको मालूम है, प्रणय राय ने काली कमाई से अफ्रीका में सैकड़ों एकड़ का फार्म हाउस खरीद रखा है जिसमें ऐय्याशी के सारे साजो-सामान उपलब्ध है. प्रणय राय ने गोवा में समुद्र किनारे बंगला खरीद रखा है. दिल्ली और देहरादून में बंगले खरीद रखे हैं. एक हेलीकाप्टर भी खरीदा हुआ है. अगर वो सिर्फ अफ्रीका का अपना सैकड़ों एकड़ वाला रैंच या गोवा का सी-बीच वाला बंगला गिरवी रख दें तो सैकड़ों करोड़ रुपया मिल जाएगा. इस पैसे से वह एनडीटीवी की माली हालत ठीक कर सकते थे. सैकड़ों कर्मियों का ‘कत्ल’ करने से बच सकते थे.
युवा अखबार मालिक अभिजय चोपड़ा शतरंज के जरिए पंजाबी युवाओं में फैली नशे की लत को देंगे मात
दिमाग के खेल शतरंज यानि चेस में अब उत्तर भारत, खासतौर पर पंजाब के कई खिलाड़ी अपनी धाक जमाने लगे हैं। पंजाब में चेस के इस बढ़ते कल्चर का श्रेय ‘पंजाब केसरी’ के डायरैक्टर अभिजय चोपड़ा को जाता है जिन्होंने जालन्धर में पंजाब केसरी सेंटर ऑफ चेस एक्सीलैंस शुरू किया है। इस मंच के तहत जालन्धर में चेस प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे भाग लेकर चेस की बारीकियां सीख रहे हैं और अपने आपको बड़े टूर्नामैंट के लिए तैयार कर रहे हैं। भड़ास ने अभिजय चोपड़ा के साथ जालन्धर में विशेष बातचीत की। पेश है अभिजय चोपड़ा से बातचीत का एक अंश :
मीडिया केंद्रित फिल्म ‘JD’ में कई पत्रकारों ने किया काम, गिना रहे हैं डायरेक्टर शैलेंद्र पांडेय सबके नाम (देखें वीडियो)
मीडिया पर जोरदार फ़िल्म ‘जेडी’ बनाने वाले शैलेन्द्र पांडेय ने निकाली अपनी भड़ास। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया को कठघरे में खड़ा किया। कई असली पत्रकारों ने फिल्म में पत्रकार का किरदार निभाया है। तो, फ़िल्म में किन-किन असली पत्रकारों ने रोल किया, उन सबके नामों का किया खुलासा किया। शैलेंद्र पांडेय से बातचीत की भड़ास के संपादक यशवंत सिंह ने।
जंगल से आदिवासियों को बेदखल कर कारपोरेट को बसाने का अभियान मोदी सरकार ‘नक्सल सफाया’ के नाम पर चला रही है : वरवर राव
1940 में आंध्र-प्रदेश के वारंगल में जन्मे वरवर राव ने कोई 40 सालों तक कॉलेजों में तेलुगू साहित्य पढ़ाया है और लगभग इतने ही सालों से वे भारत के सशस्त्र माओवादी आंदोलन से भी जुड़े हुए हैं। वैसे वरवर राव को भारतीय माओवादियों के संघर्ष का प्रवक्ता माना जाता है, सरकारी दावे के अनुसार वे सशस्त्र माओवादियों के नीतिकार भी हैं, परंतु वरवर राव अपने को क्रांतिकारी कवि कहलाना ज्यादा पसंद करते हैं। सत्ता के खिलाफ लिखने-पढ़ने, संगठन बनाने और पत्र-पत्रिकायें प्रकाशित करने वाले वरवर राव टाडा समेत देशद्रोह के आरोप में लगभग 10 वर्षों तक जेल में रहे हैं और अभी लगभग 50 मामलों पर विभिन्न कोर्टों में सुनवाई चल रही है तो कुछ मामलों पर जमानत पर हैं।
‘अनारकली आफ आरा’ का क्लाइमेक्स 28 बार री-राइट किया गया : अविनाश दास
(फिल्म ‘अनारकली आफ आरा’ की हीरोइन स्वरा भास्कर के साथ फिल्म लेखक और निर्देशक अविनाश दास. फाइल फोटो)
‘अनारकली आफ आरा’ देश भर में 24 मार्च को रीलीज़ हो रही है। ‘नील बटे सन्नाटा’ के बाद स्वरा भास्कर की यह महत्वाकांक्षी सोलो फिल्म है। प्रोमोडोम कम्युनिकेशन्स के बैनर तले बनी इस फिल्म में उसने एक सड़कछाप गायिका का किरदार निभाया है। फिल्म का निर्देशन किया है अविनाश दास ने। अनारकली की कहानी भी उन्होंने ही लिखी है। इससे पहले अविनाश दास प्रिंट और टीवी के पत्रकार रहे हैं। उन्होंने आमिर ख़ान की ‘सत्यमेव जयते’ के लिए भी रिपोर्टिंग की है। ‘अनारकली’ में स्वरा भास्कर के अलावा संजय मिश्रा, पंकज त्रिपाठी और इश्तियाक़ ख़ान महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। फिल्म का अनोखा संगीत रचा है रोहित शर्मा ने, जिन्होंने ‘शिप आफ थिसियस’ में भी संगीत दिया था।
Priya Singh Paul claims that she is daughter of late sanjay gandhi!
संजय गांधी की बेटी होने का दावा… कोई न्यूज चैनल बात नहीं कर रहा… ‘छत्तीसगढ़’ नामक अखबार से लंबी बातचीत में प्रिया पॉल अपने दावे के लिए डीएनए जांच को तैयार
दिल्ली में रहने वाली, भारत सरकार के एक बड़े ओहदे पर काम चुकीं प्रिया सिंह पॉल का दावा है कि वे संजय गांधी की बेटी हैं, और वे यह संबंध साबित करने के लिए डीएनए जांच के लिए तैयार हैं। वे किसी राजनीति में नहीं हैं, और कई चैनलों में वे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं। अभी चार दिन पहले उन्होंने फेसबुक पर यह बात लिखी, और तब से लगातार इस अखबार, ‘छत्तीसगढ़’, ने लगातार उनसे बात करने की कोशिश की। वे आज सुबह इस बातचीत के लिए तैयार हुईं, और उनसे लंबे साक्षात्कार के कुछ हिस्से यहां प्रस्तुत हैं।
पांच मिनट में शास्त्रीय संगीत की अवधारणा पेश करने वाले खयाल गायक पं. सत्यशील देशपांडेय से विशेष बातचीत
खयाल गायक पं. सत्यशील देशपांडेय से मुहम्मद जाकिर हुसैन की खास बातचीत : जिसकी सांगीतिक आत्मा तड़पती है तो उसको शास्त्रीय संगीत तक आना पड़ता है… आम जनता को खुश करने के लिए नहीं है शास्त्रीय संगीत…
अंग्रेजी अख़बार ‘मिल्ली गज़ट’ बंद, पढ़िए एडिटर ज़फरुल इस्लाम खान से विशेष बातचीत
एडिटर ज़फरुल इस्लाम खान ने ‘एशिया टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में कहा- ”भारत के मुसलमानों की प्राथमिकताओं में मीडिया शामिल नहीं”
नई दिल्ली : वर्ष 2016 के दिसंबर के अंतिम दिनों में यह खबर मिली कि सत्रह साल से जारी अंग्रेजी पाक्षिक ‘मिल्ली गजट’ ने अपने पाठकों को अलविदा कह दिया। अंतिम अंक ३१ दिसंबर को प्रकाशित हुआ। वास्तव में यह खबर बेहद दुखदहै। ‘मिल्ली गजट’ के संपादक डॉक्टर ज़फरुल इस्लाम खान ने यह अखबार सन 2000 में इस सोच के साथ शुरू किया था कि वे भारतीय मुसलमानों की आवाज़ देश -विदेश तक पहुंचाएंगे जिसे नेशनल मीडिया में कोई जगह नहीं दी जाती। लेकिन मीडिया की इस घाटी में काफी समय तक खाली हाथ यात्रा कब तक संभव है।
इंटरव्यू : टी. जार्ज जोसेफ (वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, रिटायर्ड)
यूपी कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी टी. जार्ज जोसेफ भले ही कई बरस पहले रिटायर हो गए हों लेकिन उनको जानने चाहने वालों की कमी लखनऊ में नहीं है. ईमानदारी और सादगी के मामले में चर्चित जार्ज जोसेफ साहब पिछले दिनों वो दृष्टांत मैग्जीन की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में लखनऊ आए तो उनसे …
इंटरव्यू : ब्रजेश मिश्रा (एडिटर इन चीफ और चेयरमैन, यूपी टीवी)
लखनऊ में हजरतगंज स्थित यूपी टीवी के मुख्यालय जाकर भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह ने इस नए लांच हो रहे चैनल के एडिटर इन चीफ और चेयरमैन ब्रजेश मिश्रा से नए-पुराने दोनों चैनलों को लेकर विस्तार से बातचीत की. ईटीवी छोड़ने और यूपी टीवी शुरू करने के पीछ की कहानी ब्रजेश ने विस्तार से बताई. साथ ही इस बारे में भी जानकारी दी कि आखिर कैसे उनका यह नया चैनल यूपी का नंबर वन चैनल बन जाएगा. ब्रजेश मिश्र को ठीक से जानने वाले कहते हैं कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी इस शख्स के पास अदभुत विजन और अथक मेहनत करने की क्षमता के साथ-साथ पूरी टीम को उर्जा से भरकर लगातार चलते रहने के लिए प्रेरित करते जाने की पाजिटिव एनर्जी है.
साक्षात्कार- के.जी. सुरेश (महानिदेशक, आईआईएमसी)
भारत के प्रमुख मीडिया प्रशिक्षण संस्थान आईआईएमसी के महानिदेशक के.जी. सुरेश से पत्रकारिता के वर्तमान स्वरूप व चुनौतियों पर खास बातचीत…
‘समकालीन तीसरी दुनिया’ मैग्जीन के संपादक आनंद स्वरूप वर्मा का इंटरव्यू
हिंदी के दिग्गज और पुरोधा पत्रकार हैं आनंद स्वरूप वर्मा. ग्लैमर, पैसा और बाजार के आकर्षण से बिलकुल दूर अलग वे अपने पत्रकारीय मिशन में डूबे / लीन रहते हैं. आनंद स्वरूप वर्मा को अगर हिंदी पत्रकारिता का लौह पुरुष कहा जाए तो अनुचित न होगा. न जाने कितने झंझावात और उतार चढ़ाव आए, लेकिन उनका विजन, सरोकार और लक्ष्य नहीं बदला. वे ‘समकालीन तीसरी दुनिया’ मैग्जीन के जरिए आम जन के लिए पत्रकारिता को जीते रहे और सिस्टम को चुनौती देते रहे. आनंद स्वरूप वर्मा ने इस मैग्जीन की मदद से कई पीढियों को देश-दुनिया की हलचलों के पीछे की सरोकारी समझ से शिक्षित-प्रशिक्षित किया और बाजार के प्रभाव से दिमाग में निर्मित हो रहे वैचारिक झाड़-झंखाड़ और झालों को साफ कर जनता के प्रति प्रतिबद्धता को प्रतिष्ठित करने का काम अनवरत किया.
मीडिया इम्पलॉयर का राज दमन वाला राज है : एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्विस
जस्टिस मजीठिया वेजबोर्ड मामले पर जानिये क्या कहते हैं सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्विस जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में मीडियाकर्मियों की तरफ से सुप्रीमकोर्ट में लड़ाई लड़ रहे सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्विस का नाम हमेशा सुर्खियों में रहा है। जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले पर मुम्बई के निर्भीक पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट …
अखबार मालिक मजीठिया वेज बोर्ड लागू करें अन्यथा जेल जाएंगे : एडवोकेट परमानन्द पांडे
जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में मीडिया कर्मियों की तरफ अखबार मालिकों के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में लड़ाई लड़ रहे एडवोकेट परमानंद पांडे को मीडिया का भी काफी तजुर्बा है। वे इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के सेक्रेटरी जनरल भी हैं। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके परमानंद पांडे पर मीडियाकर्मियों को पूरा भरोसा है। वजह भी साफ़ है। परमानंद पांडे मीडियाकर्मियों का दर्द जानते हैं। यही वजह है कि वे माननीय सुप्रीमकोर्ट में सटीक मुद्दा रखते हैं। जो बात कहना रहता है पूरे दम से कहते हैं। मजीठिया वेज बोर्ड मामले पर एडवोकेट परमानंद पांडे से बात किया मुम्बई के निर्भीक पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट शशिकान्त सिंह ने। पेश है बातचीत के मुख्य अंश…
कैंसर की नई दवा के परीक्षण में जुटे गाजीपुर के डाक्टर एमडी सिंह का कवि रूप (देखें वीडियो इंटरव्यू)
Yashwant Singh : गाज़ीपुर जिले के मशहूर चिकित्सक डॉक्टर मुनि देवेंद्र सिंह उर्फ एमडी सिंह के कवि रूप को उनके ही जिले के बहुत कम लोग जानते होंगे। इस बार गाज़ीपुर प्रवास की उपलब्धि रहे DR. MD SINGH जी. आधे घंटे तक उनसे विस्तार से बातचीत हुई और पूरी बातचीत को मोबाइल में रिकार्ड किया. इस इंटरव्यू में एक डॉक्टर को कैसा होना चाहिए और संवेदनशीलता किस तरह शब्दों में ढलकर व्यक्ति को कवि बना देती है, इसके बारे में बताया डाक्टर एमडी सिंह ने.
एक मैग्जीन ऐसी भी… इंटरव्यू विशाल जैन (एडिटर इन चीफ)
Vishal Jain
Yashwant Singh : एक मेरे पुराने मित्र हैं. विशाल जैन. आजकल वे एजुकेशन और स्कूलिंग के फील्ड में कई नए प्रयोग कर रहे हैं. एक रोज उनसे मुलाकात हुई तो सामने टेबल पर रखी उनकी मैग्जीन पर भी नजर चली गई. इसके पन्ने पलटने लगा. लगा कि इसके बारे में सबको बताना चाहिए. क्या खूब हो कि आपका बच्चा स्कूल पढ़ने गया हो और एक दिन वह कमिश्नर का इंटरव्यू कर लाए और उसे एक मैग्जीन में छाप भी दिया जाए. विशाल अपने स्कूल के बच्चों से ऐसे कई क्रिएटिव काम कराते हैं.
देश के 80 प्रतिशत पत्रकारों के पास दृष्टि नहीं, संपादक भी दृष्टिहीन : विमल कुमार
कविताओं के जरिए मोदी को लगातार एक्सपोज करने में जुटे हैं कवि और पत्रकार विमल कुमार : हिन्दी के वरिष्ठ कवि एवं पत्रकार विमल कुमार पिछले दो सालों से लगातार सोशल मीडिया पर मोदी शासन के खिलाफ कवितायें लिखते रहे हैं. उनकी यह रचनाशीलता भवानी प्रसाद मिश्र की याद दिलाती है जब वे रोज तीन कवितायें आपातकाल के विरुद्ध लिखते रहे और बाद में उनकी पुस्तक ‘त्रिकाल संध्या’ भी आयी. 56 वर्षीय विमल कुमार की गत दो सालों में लिखी गयी कविताओं की पुस्तक ‘हत्या से आत्महत्या’ छपकर आयी है. उनकी इन कविताओं ने फेसबुक पर सबका ध्यान खींचा है. आखिर विमल कुमार को किन परिस्थितियों ने इन कविताओं को लिखने के लिए मजबूर किया, इस भेंटवार्ता में जानिए यह खुलासा –
मोदी के इंटरव्यू में अर्णब गोस्वामी खुद एक्सपोज हो गए, सोशल मीडिया पर हो रही थू थू
Mukesh Kumar : बहुत बेरहम मीडियम है टीवी। आप कभी किसी को एक्सपोज़ कर रहे होते हैं तो कभी खुद भी एक्सपोज़ हो रहे होते हैं। राहुल गाँधी को आपने एक्सपोज़ किया मगर मोदी को इंटरव्यू करते हुए खुद देश के सामने। प्रधानमंत्री का पहला इंटरव्यू लेते समय न्यूज़ ऑवर के आक्रामक, दूसरों की बोलती बंद कर देने वाले या दूसरों को बोलने ही न देने वाले, बड़बोले, तर्कों और रिसर्च से लैस अर्नब गोस्वामी को क्या हो गया था? वे इतने नरम क्यों थे, बार-बार नवनीत लेपन क्यों कर रहे थे? क्या उन्होंने ये इंटरव्यू कुछ शर्तों के साथ किया? क्या प्रश्न पहले से तय थे? क्या ये पीआर एक्सरसाइज थी? और हाँ, इतना बड़ा चैनल प्रधानमंत्री का इंटरव्यू करे और तकनीकी स्तर पर इतनी बड़ी चूक करे अच्छा नहीं लगता। ऑडियो बहुत खराब था भाई।
गलती आउटलुक ने की है, बदनाम मुझे कर रहा है : अनिल पांडेय
Anil Pandey : पिछले दिनों आउटलुक पत्रिका में छपे एक इंटरव्यू पर विवाद गहराया है। आउटलुक ने दावा किया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय का यह पहला इंटरव्यू है। रामबहादुर राय ने इस मसले पर यथावत पत्रिका के अपने अनायास स्तंभ में विस्तार से पूरे घटनाक्रम की चर्चा की है। अब जो सवाल उठ रहे हैं, उससे आउटलुक पीछे हट रहा है। चुप है। आखिर क्यों?
अंजना ओम कश्यप के लिए राजनाथ सिंह का चरणस्पर्श कर आशीर्वाद लेना ही बाकी रह गया था
तमाम शहरों और सूबों की राजधानियों में ऐसे कुछ पत्रकार पाये जाते हैं जिनका काम डीएम से लेकर सीएम तक की प्रेसकान्फ्रेंस को हल्का-फुल्का बनाना होता है। मसलन वे बड़ी मासूमियत से कुछ इस तरह के सवाल पूछते हैं-
“सर, आप पर इतना बोझ है, आखिर आपमें इतना स्टैमिना कहाँ से आता है?”
“आप पर ऐसे-ऐसे आरोप लगते हैं, लेकिन आप हमेशा मुस्कराते कैसे रहते हैं?”
“आपको लगता नहीं कि आपको जानबूझकर परेशान किया जाता है ? आप विरोधियों के प्रति इतने उदार कैसे हैं?”
पानी की कमी से जैसे हड़प्पा का नाश हुआ, वैसे ही आधुनिक शहरी-औद्योगिक सभ्यता का सत्यानाश होगा!
Pushya Mitra : हड़प्पा में हाल के दिनों में हुए एक्सकेवेशन करने वाली टीम के मुखिया अनिंद्य सरकार से रंजीत और अखिलेश्वर पांडे ने लम्बी बातचीत की है। यह बातचीत प्रभात खबर में प्रकाशित हुई है। यह काफी महत्वपूर्ण बातचीत है। इसका विषय शहरी जीवन और पर्यावरण है। उत्खनन से यह पता चला है कि …
ऊर्जा के क्षेत्र में यूपी ने किया शानदार काम, जल्द ही देंगे 24 घंटे बिजली : आलोक रंजन
लखनऊ : यूपी के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने अपने दो साल के कार्यकाल में विकास के नये कीर्तिमान स्थापित किये। जब उन्होंने कार्यभार संभाला तो नौकरशाहों की लापरवाही के चलते विकास कार्य बहुत प्रभावित हो रहे थे। ऐसे में उन्होंने खुद कमान संभाली और जिले के दौरे शुरू किये। गांव-गांव जाकर विकास कार्यों की हालत उन्होंने खुद देखा। यही कारण था कि दो साल के भीतर विकास कार्यों में खासी तेजी आयी। श्री रंजन ने आईआईएम अहमदाबाद जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से एमबीए की डिग्री लेने के बाद 1978 में उन्होंने आईएएस की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्होंने बेहद लोकप्रिय दो किताबें भी लिखीं। श्री रंजन अपने विनम्र स्वभाव के लिए बेहद लोकप्रिय हैं। श्री रंजन की कार्य कुशलता का ही परिणाम था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके रिटायर होने के बाद उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया। श्री रंजन ने अपनी जिन्दगी के कई पहलुओं पर 4पीएम के संपादक संजय शर्मा से विस्तार से बातचीत की। पेश हैं उसके अंश…
अगर अराजक होने से सच सामने आता है तो मैं हूं अराजक : यशवंत
भड़ास4मीडिया के संस्थापक और संपादक यशवंत सिंह पिछले दिनों लखनऊ में थे. इस दौरान उनकी वीकेंड टाइम्स और 4पीएम अखबारों के संपादक संजय शर्मा से मुलाकात हुई. संजय ने यशवंत के लखनऊ में होने का फायदा उठाते हुए उनका विस्तृत इंटरव्यू कराया. 4पीएम की स्थानीय संपादक प्रीति सिंह ने यशवंत से ढेर सारे सवाल पूछे और यशवंत ने पूरी बेबाकी से जवाब दिया.
JC Show : INTERVIEW WITH UNION MINISTER NITIN GADKARI BY ETV NEWS NETWORK HEAD JAGDEESH CHANDRA
Q: Welcome to ETV’s JC Show. Though there’s a lot of debate on whether Good Days of Modi has come or not, one thing is for sure that Nitin Gadkari is doing very good works. What are those?
A: People can better judge my work. I feel that we are a rich nation with poor population. We can change this situation. I have a budget of 3.5 lakh crore for five years combining the two ministries that is under me. But, I have targeted to complete 25 lakh crore worth projects by the completion of my five year tenure. At least five crore youths will get jobs through the projects that we have under taken in roads, ports, shipping, waterways sectors. We want to build dry ports in Rajasthan. If we compare the cost of transporting, then what costs 1.5 rupees by road, will cost one rupee by train and by waterways it costs only 20 paise. At international market, our logistic cost is 18 per cent, where as that of China is 8 per cent. 47 per cent of China’s passengers and goods traffic depend on water ways. It’s 43 to 44 per cent in Korea and Japan. In UK, European countries and Germany, it’s more than 40 Per cent. But, in India it was earlier only 3.5 per cent. In two years, we increased it to 6 Per Cent. I want to run ships in Indira Canal. Through this, one will not only get water to drink, but also for irrigation for agriculture, fisheries, as well as goods and passengers can be transported. We want to build water grid and want to link to ocean. Our parliament has passed the bill to make inland water ways in 111 rivers. We have started the work on Ganga River worth 4 thousand crore rupees. We also want to work in Rajasthan. Chief Minister of Rajasthan, Vasundhara Raje has given a report in this regard. We will make a canal from Gujarat Boarder, between Kandla and Mundra Port. The canal will go 350 Kilometers through Jhalore district. People will get water from this, and waterways can also be helpful for transport. This will increase the export and also create jobs for the people.
फारवर्ड प्रेस के संपादक प्रमोद रंजन से हरि नारायण की बातचीत
फारवर्ड प्रेस ने दिया वंचित बहुसंख्यकों को स्वर
अप्रैल का महीना देश के दलित बहुजन समाज के लिए मायने रखता है क्योंकि इस महीने दो महापुरुषों की जयंती पड़ती है। पहले ज्योतिबा फुले और दूसरे डॉ. बी आर आंबेडकर। बहरहाल अप्रैल 2016 हिंदी प्रदेश में रहने वाले तमाम वंचित बहुजनों के लिए निराशा का सबब बनकर आया है। फुले और आंबेडकर की विचारधारा के विभिन्न आयामों को सामने लाने वाली देश की पहले द्विभाषी पत्रिका फॉरवर्ड प्रेस जून से अपना प्रिंट संस्करण बंद करने जा रही है। अब यह प्रकाशन केवल वेब पर उपलब्ध होगा।
जेएनयू से निकला एक संत, प्रत्यूष पुष्कर को सलाम करो (देखें वीडियो)
Yashwant Singh : जेएनयू से लोग अफसर बनकर निकलते हैं, नेता बनकर निकलते हैं, इतिहासकार बनकर निकलते हैं, शिक्षक बन जाते हैं, पर बहुत कम लोग संत बनते हैं. प्रत्यूष पुष्कर उनमें से एक हैं. ये शुरुआती दिनों में मीडिया में रहे हैं. आशीष खेतान के साथ काम कर चुके हैं. फ्रीलांस फोटो जर्नलिस्ट के बतौर पूरा देश घूम चुके हैं. इन दिनों वे आर्ट और अध्यात्म पर काम कर रहे हैं.
Watch an exclusive interview of Sudarshan Shetty- a contemporary Indian artist on DD Bharati this weekend
New Delhi, 17 March 2016: ‘The pieces earth took away’, ‘Between the tea cup and a sinking constellation’, ‘This too shall pass’, ‘The more I die the lighter I get’ are some of the solo shows the great Indian contemporary artist, Sudarshan Shetty has to its credit. DD Bharati channel will air an exclusive interview with the artist on 18 March 2016, Friday at 8:30 pm.
हे पुरुष, तुम अपनी सहूलियत के लिए ये ड्रामा बंद कर दो कि हम बेचारी हैं : डा. रूपा जैन
आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस है। इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर एटा जिले की जानी मानी गाइनेकोलॉजिस्ट, भ्रूण हत्या के विरोध में और महिलाओं-बच्चियों की शिक्षा-स्वास्थ्य के लिए लंबे समय से काम कर रहीं चर्चित डॉक्टर रूपा जैन ने साक्षात्कार में जो कुछ कहा है, उसे उनके शब्दों में यहां रख रहा हूं…
सन्नी लियोन के पूरे इंटरव्यू में सबसे ज्यादा अश्लील भूपेंद्र चौबे के सवाल हैं
वरिष्ठ पत्रकार और ब्लागर मनीषा पांडेय ने फेसबुक पर लिखा है : ”सन्नी लियोन के पूरे इंटरव्यू में सबसे ज्यादा अश्लील भूपेंद्र चौबे के सवाल हैं. Chaubey’s questions were so disgusting and disgraceful and Sunny’s answers were so graceful. You are a brave woman.’ मनीषा की ये बात लगभग हर उस दर्शक की बात है जिसने सन्नी लियोन का सीएनएन आईबीएन पर प्रसारित इंटरव्यू देखा.
भास्कर डाट काम ने नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजित डोभाल का झूठा इंटरव्यू छापा
भास्कर डाट काम की जिस खबर पर बवाल मचा है, उसके बारे में कुछ तथ्य साझा करना चाहता हूं. भास्कर डाट काम ने नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर अजित डोभाल का झूठा इंटरव्यू छापा था. जिसका डोभाल ने तत्काल खंडन कर दिया लेकिन भास्कर बेशर्मी से इंटरव्यू को अभी तक चलाये जा रहा है. कोई भी हिंदी मीडिया को गंभीरता से नहीं लेता उसका ये फायदा उठाते हैं. अगर यह इंटरव्यू किसी अंग्रेजी अखबार की साइट पर होता तो अब तक बवाल मच गया होता.
आज है कमलेश्वर का जन्मदिन : तेरह साल पहले मोहम्मद जाकिर हुसैन ने जो इंटरव्यू लिया था, उसे आज फिर पढ़ें
12 जनवरी 2003 को प्रख्यात कथाकार कमलेश्वर भिलाई गए थे। तब पत्रकार मोहम्मद जाकिर हुसैन ने उनका एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू लिया था। वह तब ”हरिभूमि” में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ था। आज 6 जनवरी को स्व. कमलेश्वर जी का जन्मदिन है। पूरा इंटरव्यू आज की परिस्थिति में भी बेहद प्रासंगिक है। जो पढ़ चुके हैं वो दुबारा पढ़ें और जो नए हैं वो जरूर पढ़ें।
योग शरीर की यात्रा करके समाधि तक जाता है… (साक्षात्कार : योगी अरुण तिवारी)
यूं तो भारत और योग का संबंध हज़ारों साल से भी ज़्यादा पुराना है। लेकिन हाल के कुछ दशकों में इसकी लोकप्रियता तथा स्वीकार्यता तेज़ी से बढ़ी है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यही है कि पुरातन प्रयासों के समानान्तर आज भी भारतीय ज्ञान की वर्षा सम्पूर्ण विश्व-जगत में हो रही है, भले ही औसतन उसका प्रतिशत कम हो किन्तु निःसंदेह रूप से हमारे योगियों, ज्ञानियों, ऋषियों और महात्माओं के द्वारा आज भी उसके पोषण के प्रयास निरन्तर जारी रहते हैं। ऐसे ही प्रयासों में लगातार ख़ुद को समर्पित करने वाले हैं योग व समाज-सेवा के क्षेत्र में भारत के राष्ट्रपति व देश-विदेश की अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित योगी अरुण तिवारी जिन्होने भारत के अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ सहित दुनिया के अनेक देशों जैसे श्रीलंका, यूरोप, स्वीडन, नार्वे, डेनमार्क, फिनलैंड, लुथवेनिया, अमेरिका और कनाडा आदि में योग-सुधार कार्यक्रम के माध्यम से हज़ारों लोगों तक योग को सही रूप में पहुँचाया है। योग को लेकर दुनिया भर में उनके प्रयासों की पड़ताल कर रहे हैं अमित राजपूत–
वेब न्यूज चैनल लांच करने जा रहे संपादक अशोक दास का इंटरव्यू
अशोक दास ने कम उम्र में कई पड़ाव पार कर लिए हैं. आईआईएमसी से पत्रकारिता की डिग्री लेने के बाद अमर उजाला अलीगढ़ में नौकरी की. उसके बाद एक लंबी पद यात्रा. फिर भड़ास4मीडिया के साथ. इसके बाद दलितमत डाट काम नाम से वेबसाइट. दलित दस्तक नाम से पत्रिका की लांचिंग. अब अशोक दास नेशनल दस्तक नाम से एक वेब न्यूज चैनल लांच करने जा रहे हैं, 20 दिसंबर को. आप सभी आमंत्रित हैं. 20 दिसंबर को दिन में दो बजे, FCCI आडिटोरियम. लांचिंग समारोह में रवीश कुमार, मुनव्वर राणा, स्टालिन समेत ढेर सारे जाने-माने लोग शिरकत करेंगे.
‘न्यूज वर्ल्ड इंडिया’ के सीईओ और एडिटर इन चीफ शैलेश का इंटरव्यू
शैलेश ने ‘न्यूज वर्ल्ड इंडिया’ चैनल की कमान संभाल कर चैनल को दिशा देना शुरू कर दिया है. ये वही शैलेश हैं जिन्होंने आजतक से हटने के बाद न्यूज नेशन चैनल की शुरुआत की और इसे टीआरपी में टॉप फोर तक पहुंचा दिया. शैलेश अपना जादू फिर दुहराने की तैयारी में हैं. नए चैनल को जमाने के लिए उन्होंने अपनी स्टाइल में प्रोग्राम व शोज बनवाने शुरू कर दिए हैं.
अब हिन्दू भी खतरे में है, हर आजादी पहरे में है : निदा फाज़ली
ग्वालियर। प्रख्यात शायर एवं फिल्मी गीतकार निदा फाज़ली देश के वर्तमान हालात पर व्यथित और चिंतित हैं। उनका कहना है कि आज देश के हालात ऐसे हो गए हैं कि यहां ‘अब हिन्दू भी खतरे में है, हर आजादी पहरे में है। असहिष्णुता के मुद्दे पर पूरे देश में हंगामा मचने की बात पर वे कहते हैं कि देश के हालात पहले भी खराब रहे हैं, लेकिन पहले खराब करने वालों को डर रहता था, उन्हें दण्डित किए जाने का, लेकिन अब डर नहीं रहा, यही बात ज्यादा चिंता जनक है।
राज्यसभा टीवी के इंटरव्यू में एक महिला प्रतिभागी पर अपना नाम वापस लेने का दबाव डाला गया!
इसी साल सितंबर महीने में राज्यसभी टीवी में हुए Consultant Anchor के वॉक इन इंटरव्यू के लिए मैं पहुंचा राज्यसभी टीवी के दफ्तर। कई दूसरे प्रतिभागी भी वहां पहुंचे। सभी मीडिया जगत के ही साथी थे। एक-एक कर हमारे सीवी को छांटा गया। फिर जो सभी पैमानों पर उनके विज्ञापन पर खरे उतरे, उन्हें रुकने को कहा गया। बाकी सबको धन्यवाद कह दिया गया। मेरी भी सीवी सिलेक्ट हो गई। मैं काफी समय से मेनस्ट्रीम मीडिया में नौकरी करता आया हूं और अभी भी करता हूं।
मजीठिया वेज बोर्ड लागू कराने के लिए की गई सख्ती से घबराए कुछ मीडिया हाउस दिल्ली छोड़कर भागे : गोपाल राय
(दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय और भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह) दिल्ली सरकार के श्रम और परिवहन मंत्री गोपाल राय ने भड़ास4मीडिया के संपादक यशवंत सिंह से बातचीत में बताया कि मीडियाकर्मियों के वेतन मसले पर मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू कराने की दिल्ली सरकार की सख्ती के चलते कुछ मीडिया हाउस दिल्ली …
ये बात बर्दाश्त नहीं की जा सकती कि हम मेहनत से, बिना किसी से प्रभावित हुए काम करें और आप हमें दलाल बताएं : रवीश कुमार
Vineet Kumar : मैं तो प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया को सुझाव देना चाहता हूं कि आप ये बिल्कुल स्पष्ट कर दो कि कौन बीजेपी का पत्रकार है, उसके लिए काम कर रहा है, कौन कांग्रेस के लिए या किसी दूसरी पार्टी के लिए. सारा झंझट ही खत्म हो जाएगा. कम से कम लोगों के सामने चीजें स्पष्ट तो होंगी… लेकिन ये बात बर्दाश्त नहीं की जा सकती कि हम मेहनत से, बिना किसी से प्रभावित हुए काम करें और आप हमें दलाल बताएं.
सांप्रदायिकता की वजह ये राजनीति के ठेकेदार हैं, जिनमें बीजेपी सबसे ऊपर है : असीम त्रिवेदी
युवा कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी अपने कार्टून्स के जरिए भारत की स्थिति को उकेरते रहे हैं. कुछ कार्टून्स को विवादित माना गया और इसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा. इस पूरी परिघटना के कारण असीम त्रिवेदी काफी चर्चित हुए. यूपी में शुक्लागंज के रहने वाले असीम राजनीति और समाज के बारे में किस तरह से सोचते हैं, इसको लेकर उनसे युवा पत्रकार हिमांशु तिवारी ‘आत्मीय’ ने बातचीत की.
पहले पत्रकारिता में सिर्फ चार पेपर पढ़ाया जाता था, अब 16 पेपर पढ़ना पड़ता है : डॉ. अर्जुन तिवारी
भारत में पत्रकारिता शिक्षा की नींव और पत्रकारिता शिक्षा को दिशा देने में डॉ. अर्जुन तिवारी की भूमिका महत्वपर्ण रही है। सही मायने में इन्हें पत्रकारिता गुरु कहा जाय तो गलत नहीं होगा। ‘‘हिन्दी पत्रकारिता का उदभव और विकास’’ पर पीएच.डी. करने के बाद इन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। अब तक पत्रकारिता की 20 से ज्यादा पुस्तकें लिखने वाले डॉ. तिवारी को नामित पुरस्कार, सम्पादन पदक, बाबूराव विष्णु पराड़कर पुरस्कार और पत्रकारिता-भूषण साहित्य गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हाल में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने उन्हें तीन अगस्त 2015 को लोक साहित्य में महापंडित राहुल सांकृत्यान’’ पुरस्कार देने की घोषणा की है। यह पुरस्कार 14 सितंबर को दिया जाएगा। डॉ. अर्जुन तिवारी भाटपाररानी, देवरिया के मूल निवासी हैं। 1965 में भाटपाररानी से शैक्षणिक कार्य की शुरुआत की। इसके बाद 1994 में काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष हुए और 2002 में सेवानिवृत्त हुए। इसके बाद हिन्दी प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष के रूप में दक्षिण भारत के 16 विश्वविद्यालयों में हिन्दी विभाग की स्थापना कराई। साथ ही इन्होंने रांची, चित्रकूट, मुजफ्फरपुर और गोरखपुर में पत्रकारिता संस्थान शुरू किया जो आज भी अनवरत चल रहा है। वर्तमान में भोजपुरी-हिन्दी-अंगेजी शब्दकोश पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा में कार्य कर रहे हैं।
संपादक ने ना ढूंढा तिन पाइयां, इंटरव्यू में रिपोर्टर फेल
बहुत सोचा कि इस पोस्ट को लिखूं या न लिखूं। पर दिल नहीं माना, शेयर करता हूं। वाकया हमारे एक पत्रकार मित्र से जुड़ा है। इंटरव्यू देने गए थे, एक नामचीन संस्था में। एक नामी गिरामी संपादक ने इंटरव्यू लिया। भाई रिजेक्ट हो गए। वजह उनमें वह बात नहीं थी जो संपादक ढूढ़ रहे थे। अब वह संपादक तलाश क्या रहे थे सुनिए, इधर उधर के सवालों के बाद मुख्य सवाल-राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय एक ब़ड़े नेता के संदर्भ में –
दैनिक जागरण में जिस भी नेता का आधा पेज इंटरव्यू छपा, उसकी सरकार चली गई
यह महज एक दुर्योग है या कुछ और। पर बात तथ्य पर आधारित है। दैनिक जागरण में जब भी किसी मुख्यमंत्री का इंटरव्यू आधे पेज से अधिक स्थान में छपा, उसकी सरकार चली गई। इसी प्रकार का एक और दुर्योग प्रचलित है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आया, उसकी सरकार चली गई। आखिर ऐसा क्यों होता आया है, बात समझ से परे है। फिर भी मैं सोचता हूं कि जो काम जनहित से परे स्वार्थ के लिए किया जाता है, उसमें ये दुर्योग जरूर आते हैं।
अवकाश के दिन सूचना प्रसारण मंत्रालय ने रखा इंटरव्यू
देवरिया : लोकसभा टीवी चैनल के 17 से 20 जुलाई को होने वाले इंटरव्यू पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के कैलेंडर के मुताबिक 17 जुलाई को जमात-उल-विदा, 18 को ईद और 19 जुलाई को रविवार है। ऐसे में इस इंटव्यू में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है, क्योंकि कुछ अभ्यर्थी ईद के चलते अपने घर जा चुके हैं।
पत्रकार जगेन्द्र की मौत की जांच रिपोर्ट जल्द, दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी : अखिलेश
समाजवादी पार्टी का युवा चेहरा अखिलेश यादव दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव पार्टी अखिलेश को आगे करके ही लड़ने का मन बना रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। उनके मंत्रियों पर भी भ्रष्टाचार-दबंगई के आरोप लग रहे हैं। इन मुद्दों पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार …
अरविन्द केजरीवाल से बरखा दत्त का ये इंटरव्यू देखने सुनने लायक है
Sanjaya Kumar Singh : अरविन्द केजरीवाल और बरखा दत्त ने इस इंटरव्यू में भाजपा की राजनीति से लेकर मैगी तक की चर्चा की है। एलजी की तो ऐसी तैसी कर दी – यह कहते हुए कि ये तो कांग्रेस के नियुक्त किए हुए हैं। अपनी नौकरी बचाने के लिए काम कर रहे हैं और अमित शाह का चपरासी बुलाएगा तो रेंगते हुए जाएंगे। उपराज्यपाल के पद की गरिमा खराब कर रहे हैं आदि। दिल्ली सरकार के सौ दिन पूरे होने पर कनॉट प्लेस में पूरे मंत्रिमंडल ने आम जनता से बात की थी और अब करीब 52 मिनट का यह विस्तृत इंटरव्यू।
खेती-बाड़ी के लिए खाद का काम करेगा किसान टीवी : नरेश सिरोही
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान टीवी लांच किया है। अन्य तमाम चैनल सेवाओं के बीच इसकी क्या जरूत थी, इससे किसानों का कितना भला होगा आदि प्रश्नों पर पत्रकार रमेश ठाकुर ने किसान टीवी के एडवाइजर नरेश सिरोही से बातचीत की-
राष्ट्रपति का गलत इंटरव्यू छापने पर दैनिक ‘दाजेन नेतर’ से भारत ने जताया कड़ा विरोध
नई दिल्ली : भारत ने स्वीडिश दैनिक ‘दाजेन नेतर’ में प्रकाशित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के एक विवादित बयान वाले साक्षात्कार कड़ा विरोध जताया है। आपत्तिजनक बातें साक्षात्कार में दिए जाने पर भारत का कहना है कि ‘सामने वाले को नीचा दिखाने के लिए की गयी यह गैर पेशेवर और अनैतिक’ कार्रवाई है।
किसी बिल्ली का इंटरव्यू लेने वाले पहले पत्रकार बने राहुल पांडेय!
Yashwant Singh : दिल्ली के युवा, प्रतिभावान और तेजतर्रार पत्रकार राहुल पांडेय अपने घर पर रोज आने वाली बिल्ली से कुछ यूं दोस्ती गांठ चुके हैं कि वे अब उसके सुख-दुख को लेकर इंटरव्यू करने लगे हैं. जरा देखिए तो ये इस मीनू का इंटरव्यू. मीनू इन बिल्ली महोदया का नाम है. राहुल जी बिल्ली को बिल्ली नहीं कहते, मीनू जी कहकर पुकारते हैं. उसके लिए दूध हरवक्त तैयार रखते हैं. कब मीनू जा आ जाएं और खाने-पीने को लेकर आवाज लगा दें. सो, उनके लिए खाना-पीना सब तैयार रखते हैं. अकेले रहने वाले पत्रकार राहुल अपने लिए भले न कुछ पकाएं, लेकिन मीनू का मेनू तैयार रखते हैं.
(पत्रकार राहुल पांडेय के घर पर नए मेनू के लिए चिंतन करतीं मीनू जी की एक मुद्रा)
डाक्टर को बाउंसरों ने घसीटते हुए कहा था- ”स्टेज पर चलो, तुम्हारा बाप (मिका) तुम्हें बुला रहा है” (देखें इंटरव्यू)
पहले राखी सावंत और फिर सनी लियोनी की ‘किस’ करके साफ-साफ बच निकले सिंगर मिका सिंह इस बार बुरी तरह फंस गये हैं. 11 अप्रेल 2015 को दिल्ली स्थित पूसा इंस्टीट्यूट के मेला ग्राउंड में आयोजित रंगारंग नाइट में मिका सिंह ने एक प्रशिक्षु डॉक्टर को सरेआम थप्पड़ जड़ दिया. इस नाइट का आयोजन DELHI OPHTHALMOLOGICAL SOCIETY (DOS) द्वारा कराया गया था.
किरण बेदी पर शुरू से संदेह था : मेधा पाटकर
नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर अन्ना हजारे के 2011 के उस आंदोलन का भी हिस्सा थीं, जिसमें अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी भी जुड़े हुए थे. उन्होंने आम आदमी पार्टी से मुंबई से लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था, लेकिन नाकाम रहीं. वह कहती हैं कि कुछ लोगों को शुरू से किरण बेदी के भाजपा में जाने का संदेह था. वह वैकल्पिक राजनीति के रूप में जनांदोलन को आज भी जरूरी मानती हैं. ऐसे समय जब अरविंद केजरीवाल की दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में ताजपोशी हो रही है, वह अन्ना हजारे के साथ 24 फरवरी को भूमि अधिग्रहण के खिलाफ जंतर मंतर पर प्रदर्शन की तैयारी कर रही हैं. इन सभी मुद्दों पर अमर उजाला के स्थानीय संपादक सुदीप ठाकुर ने बात कीः
‘न्यूज इंडिया’ के मालिक ने मुझे इंटीमेट लेडी कॉन्फीडेंशियल लेडी बनने के लिए कहा… (देखें पीड़िता का इंटरव्यू)
‘न्यूज इंडिया’ चैनल के मालिक और निम्स विवि के चेयरमैन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की का विशेष इंटरव्यू खोजी पत्रकार संजीव चौहान के यूट्यूब चैनल Crimes Warrior पर उपलब्ध है जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है. इस इंटरव्यू की कुछ खास बात यहां पढ़ सकते हैं:
किरण बेदी का पुलिसिया अंदाज़ देखकर मैं हैरान था : रवीश कुमार
सुबह के 5 बज रहे थे तभी सुशील का फोन आया कि बैकअप प्लान किया है आपने। सुशील मेरे शो के इंचार्ज हैं। बैक अप प्लान? हो सकता है कि आधा घंटा न मिले। इंटरव्यू के लिए तैयार होकर चाय पी ही रहा था कि सुशील के इस सवाल ने डरा दिया। प्राइम टाइम एक घंटे का होता है और अगर पूरा वक्त न मिला तो बाकी के हिस्से में क्या चलाऊंगा। हल्की धुंध और सर्द भरी हवाओं के बीच मेरी कार इन आशंकाओं को लिए दफ्तर की तरफ दौड़ने लगी।
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह का एक पुराना इंटरव्यू
मीडियासाथी डॉट कॉम नामक एक पोर्टल के कर्ताधर्ता महेन्द्र प्रताप सिंह ने 10 मार्च 2011 को भड़ास के संपादक यशवंत सिंह का एक इंटरव्यू अपने पोर्टल पर प्रकाशित किया था. अब यह पोर्टल पाकिस्तानी हैकरों द्वारा हैक किया जा चुका है. पोर्टल पर प्रकाशित इंटरव्यू को हू-ब-हू नीचे दिया जा रहा है ताकि यह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे और यशवंत के भले-बुरे विचारों से सभी अवगत-परिचित हो सकें.
यशवंत सिंह
अजीत अंजुम की बिटिया जिया ने मोदी की बजाय केजरी पर मुहर मारा (देखें वीडियो)
Yashwant Singh : अजीत अंजुम ‘इंडिया टीवी’ चैनल में मैनेजिंग एडिटर हैं. इनकी एक प्यारी सी बिटिया है. नाम है- जिया. लगभग साढ़े आठ साल की होंगी. एक रोज यूं ही जिया ने अपने पापा से बातचीत के दौरान केजरीवाल और मोदी को लेकर जिक्र किया. अजीत अंजुम के भीतर का पत्रकार जगा और उन्होंने जिया से सहज भाव से बातचीत करते हुए सब कुछ मोबाइल में रिकार्ड कर लिया. जिया की मम्मी हैं गीताश्री जो खुद जानी-मानी महिला पत्रकार हैं. पत्रकार मां-पिता की बिटिया होने से उन्हें घर में बहस और विचार का माहौल मिलेगा ही. और, इस माहौल में अगर बच्चा अपनी कोई ओपीनियन बनाए तो वह सुनने जानने लायक होगा.
राज्यसभा टीवी में नौकरी की ख्वाहिश रखने वाले बहुत लोगों को मायूस होना पड़ा…
नौकरी पाने की ख्वाहिश थी. राज्यसभा टीवी में काम करने की सपना था. इन्टरव्यू में खुद को साबित करने की चुनौती थी. हिन्दी और अंग्रेजी के लिए कुल जमा 4 पोस्ट थी. इंटरव्यू देने पहुंचा. कॉफी की चुस्कियों के बीच कुछ पुराने दोस्तों का भरत-मिलाप हुआ और इसके साथ मीडिया का वर्ग विभेद भी मिटता दिख रहा था. किसी चैनल के इनपुट एडिटर भी प्रोड्यूसर बनने के लिए सूट पहनकर आए थे. ऐसे में सीनियर प्रोड्यूसर के प्रोड्यूसर बनने पर सवाल उठाना गलत होगा.
राज्यसभा टीवी में नौकरी की ख्वाहिश रखने वाले बहुत लोगों को मायूस होना पड़ा…
नौकरी पाने की ख्वाहिश थी. राज्यसभा टीवी में काम करने की सपना था. इन्टरव्यू में खुद को साबित करने की चुनौती थी. हिन्दी और अंग्रेजी के लिए कुल जमा 4 पोस्ट थी. इंटरव्यू देने पहुंचा. कॉफी की चुस्कियों के बीच कुछ पुराने दोस्तों का भरत-मिलाप हुआ और इसके साथ मीडिया का वर्ग विभेद भी मिटता दिख रहा था. किसी चैनल के इनपुट एडिटर भी प्रोड्यूसर बनने के लिए सूट पहनकर आए थे. ऐसे में सीनियर प्रोड्यूसर के प्रोड्यूसर बनने पर सवाल उठाना गलत होगा.
इंटरव्यू सिर्फ बहाना था, लोकसभा में पहले से काम कर रहे धीरज सिंह की नियुक्ति तय थी
अमर उजाला और स्टार न्यूज जैसे मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके व कई वर्षों से मुंबई में रहकर अर्थकाम डाट काम का संचालन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार अनिल सिंह 10 से 13 अक्टूबर तक दिल्ली में थे. वे लोकसभा टीवी के लिए निकली वैकेंसी के लिए इंटरव्यू देने आए थे. इस पद के लिए कई जेनुइन जर्नलिस्टों ने इंटरव्यू दिया लेकिन यह पद पहले से फिक्स था. अनिल सिंह ने इंटरव्यू के अनुभव और सवाल जवाब को अपने फेसबुक वॉल पर डाला है. वे लिखते हैं-
लोकसभा टीवी का हाल : 100 नंबर का इंटरव्यू पांच मिनट में, केवल तीन सवाल पूछे
लोकसभा टीवी के लिए डॉयरेक्टर प्रोग्रामिंग की पोस्ट के लिए मैंने आवेदन दिया था। अक्तूबर महीने में 11 तारीख को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। मेरा रोल नंबर 8 था लेकिन 8 तक के रोल नंबर में से केवल चार लोग ही आए थे। इंटरव्यू बोर्ड में तीन लोग थे जिनमें से दो सरकारी अफसर और एक पत्रकार थे जिन्हें मैंने नहीं देखा कभी और उनका नाम भी पता नहीं है। पत्रकारिता जगत में कोई जाना-पहचाना नाम भी नहीं है उनका। तीन में से दो सरकारी अफसर चुप रहे। एक व्यक्ति ने ही तीन सवाल पूछे….
मेरे रिमार्क ‘हबीब ने थिएटर में वो काम किया जो रामायण में हनुमान ने किया था’ को सर्वेश्वर ने दिनमान में छापा तो वो नाराज हो गए
: इप्टा के अध्यक्ष रणबीर सिंह से दिनेश चौधरी की बातचीत :
-थियेटर में आपकी भूमिका प्रमुखतः क्या है? अपने लिखे नाटकों और उनके निर्देशकों के बारे में कुछ बतायें।
–मेरी थिएटर में भूमिका प्रमुखतः क्या है, यह कहना मुश्किल है क्यों की जब मैंने थिएटर में काम करने की सोची तो मेरे सामने सवाल था थिएटर से रोटी-रोज़ी जुटाने का। उस वक्त शायद यह फैसला बेवकूफी भरा था या कोई कहे की हिम्मत भरा, मगर मेरे लिए यह दोनों ही नहीं। बस मेरी मज़बूरी थी। पहली नौकरी जो मिली वो भारतीय नाट्य संघ के कार्यवाहक मंत्री (एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी) की मिली। भारतीय नाट्य संघ यूनेस्को का इंडियन सेंटर था। मेरी क़िस्मत की वहां मुझे श्रीमती कमलादेवी चट्टोपाध्याय के नेतृत्व में काम करने का मौक़ा मिला। वहीँ मेरी मुलाक़ात कपिला वात्स्यायन, मृणालिनी साराभाई, प्रोफेसर एन. सी. मेहता, अल्काजी, हबीब तनवीर, इन्दर राज़दान, तरुण रॉय, नेमीचंद जैन, विश्णु प्रभाकर, जसवंत ठक्कर, शांता गांधी, अनिल बिस्वास , चार्ल्स फेब्री, शीला वत्स, कैलाश पाण्डेय जैसे महान लोगों से हुई और उनसे थिएटर के बारे में जानने-समझने का मौक़ा मिला। सारे भारत के थिएटर की जानकारी हासिल हुईय अच्छाइयाँ, बुराइयाँ, मुश्किलात, सरकार की नीयत और नीतियां, कामकाज का तरीकाय ये सब बहुत नज़दीक से देखने का मौक़ा मिला। उस वक्त मेरी भूमिका सिर्फ एक एडमिनिस्ट्रेटर की थी, जो आज मेरे काम आ रही है।
‘हैदर’ जैसी फिल्में भारतीय लोकतंत्र में ही संभव है : आशीष विद्यार्थी (इंटरव्यू)
आशीष विद्यार्थी आला दर्जे के कलाकार होने के साथ-साथ सबसे घुल-मिल कर रहने वाले एक आम इंसान भी हैं। बीते 12 दिनों से आशीष इस्पात नगरी भिलाई में यहीं के पले-बढ़े युवा निर्देशक केडी सत्यम की फिल्म ‘बॉलीवुड डायरी’ की शूटिंग में व्यस्त थे। शूटिंग कभी सुबह 10 बजे से रात 12 बजे तक चली तो कभी अगली सुबह 6 बजे तक। शूटिंग के बीच-बीच में जब भी वक्त मिला, आशीष ने टुकड़ों-टुकड़ों में बातचीत की। इस बीच वह सबसे खुल कर मिलते भी रहे। इसके बाद मुंबई रवाना होने से पहले उनके साथ बातचीत का फाइनल दौर चला। आशीष विद्यार्थी मानते हैं कि बीते तीन दशक के मुकाबले आज ज्यादा बेहतर फिल्में बन रही हैं। फिल्मों की व्यस्तता के बीच उन्हें थियेटर को कम वक्त देने का मलाल भी है। हाल की अपनी फिल्म ‘हैदर’ को लेकर वह खुल कर प्रतिक्रिया देते हैं। उनका मानना है कि ‘हैदर’ जैसी फिल्में भारतीय लोकतंत्र में ही संभव है। आशीष विद्यार्थी से हुई पूरी बातचीत सवाल-जवाब की शक्ल में-
तो क्या लोकसभा चैनल के संपादक का पद फिक्स था?
एक बात सच है कि सफेदपोश पॉवर के सामने मौजूदा समय में अनुभव, हुनर व ज्ञान की कीमत बहुत कम आंकी जा रही है। लोकसभा सभा चैनल के संपादक का पद पिछले कुछ माह से रिक्त है उसको भरने के लिए सरकार द्वारा आवेदन मांगे गए। मीडिया के कई धुरंधरों ने इसके लिए आवेदन भी किया। लेकिन उसके बाद अंदरखाने जो खेल खेला गया, वह किसी तमाशे से कम नहीं था।
भड़ास की खबर सच हुई, सीमा गुप्ता बन गईं लोकसभा टीवी की सीईओ और एडिटर इन चीफ (देखें किस पत्रकार को कितना नंबर मिला)
भड़ास ने बहुत पहले बता दिया था कि पीएमओ की तरफ से अघोषित आदेश सीमा गुप्ता को लोकसभा टीवी का सीईओ और एडिटर इन चीफ बनाने का है. वही हुआ भी. इसके लिए इंटरव्यू बोर्ड में ऐसे लोगों को रखा गया जिनका टीवी का कोई अनुभव नहीं था. खासकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अपने खासमखास अभिलाष खांडेकर को चयन बोर्ड का काम निपटाने के लिए तैयार कर रखा था. ढेर सारे वरिष्ठ लोगों में अनजाने से नाम सीमा गुप्ता को सीईओ और एडिटर इन चीफ चुना गया. पारदर्शिता के नाम पर जीत कर आई मोदी सरकार की इस करनी से लोगों को कांग्रेस के दिनों की याद आ गई.
लोकसभा चैनल के सीईओ और एडिटर इन चीफ पद के लिए इंटरव्यू लेने वाले पैनल में किसी का बैकग्राउंड टीवी का नहीं!
अजीब समय है. जो लोग इंटरव्यू लेने के लिए बैठे मिले, उनके पास टीवी का कोई ज्ञान नहीं है. पर वे एक टीवी चैनल के सीईओ और एडिटर इन चीफ की तलाश में दर्जनों लोगों का इंटरव्यू लेते रहे. जी हां. पिछले दिनों लोकसभा टीवी के नए सीईओ और एडिटर इन चीफ पद के लिए जो इंटरव्यू बोर्ड बैठा उसमें प्रिंट मीडिया में लंबे समय से कार्यरत अभिलाष खांडेकर (जो इंदौर की सांसद और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के काफी करीबी माने जाते हैं) और भाजपा सांसद व फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना भी शामिल थे. जो तीसरा शख्स था वह नौकरशाह था और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जुड़ा हुआ था.