Sanjay Kumar Singh : सुधीर चौधरी को रामनाथ गोयनका पुरस्कार देकर एक्सप्रेस के कर्ता-धर्ताओं ने रामनाथ गोयनका, उनके नाम पर दिए जाने वाले पुरस्कार और पत्रकारिता का जो अपमान किया था उसकी भरपाई पत्रकार और लेखक अक्षय मुकुल को उनकी किताब ‘गीता प्रेस एंड मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया’ को गोयनका देकर पूरी कर दी। रही-सही कसर अक्षय मुकुल ने नरेंद्र मोदी के हाथों पुरस्कार लेने से मना करके पूरी कर दी।
मुझे नहीं पता यह सब अपने आप हो गया या योजनाबद्ध था। अपने आप हो गया तो मुझे लगता है पत्रकारिता देश में अपने रंग-रूप में अभी कुछ समय और रहेगी। अगर योजना के तहत है जो एक्सप्रेस प्रबंधन बधाई का पात्र है। वह माने या न माने, मेरी बधाई स्वीकार करे या न करे। अक्षय मुकुल ने झुकने के लिए कहने पर रेंगने वालों के बीच तनकर खड़े होने और अपनी बात साफ शब्दों में कहने का साहस किया। अपनी किताब के जरिए ही नहीं, नरेन्द्र मोदी के साथ फ्रेम में आने से मना करके भी। सेल्फी पत्रकारों को शायद कुछ शर्म आए। इसके लिए अक्षय मुकुल की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
शानदार, जोरदार अक्षय मुकुल !!
Virendra Yadav : पत्रकार अक्षय मुकुल ने नरेन्द्र मोदी के हाथों से पुरस्कार लेने से इनकार किया. मुकुल का कहना है कि- ‘मोदी और मैं एक साथ एक फ्रेम में मौजूद होने के विचार के साथ जीवन नहीं बिता सकता.’ अक्षय मुकुल का अभिनन्दन. प्रतिरोध का बेहतरीन और अनुकरणीय उदाहरण.
वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह की एफबी वॉल से.
Comments on “मोदी के हाथों पुरस्कार लेने से मना करने वाले पत्रकार अक्षय मुकुल से सेल्फी पत्रकारों को शायद कुछ शर्म आए”
agar yeh itne hi paanidaar the to puraskaar samaroh men gaye kyon. aur gaye to vanha JH00tha aham dikhane ki jarrorat kyon aan padi, KYA VE AISA KARKE PM MODI SE BADE YA UNCHE HO JAAYENGE ? BILKUL NAHI, HAAN, KUCH CHATPATI SAmagri SURKHIYAN banane ko EK DIN KE LIYE MIL JAAYENGI AKhbaar walon ko. bas isse jyada aurkuch nahi, ve pm modi nahi ho sakate,haan, lekhak koi bhi ho sakata hai, kuch panne likhkar.
मोदी-विरोध का बिगुल बजाकर ही कुछ लोग स्वयं को पाक-साफ, आदर्श और महान पत्रकार की श्रेणी में खड़ा पाते हैं। मोदी ने ऐसा कौन सा जुल्म ढाया है पत्रकारों पर? आज तक कांग्रेसी आलाकमान के सामने ९० डिग्री के कोण पर झुककर कुर्निश बजाने वाले कुछ पत्रकारों को आज यकायक पत्रकारिता खतरे में नजर आने लगी है। इस देश के सिस्टम में चमचागिरी और चापलूसी की प्रणालिका कोई आज की बात नहीं। परन्तु कुछ कांग्रेसप्रेमी, कुछ लाल सलाम वाले पत्रकार अभी आवाज उठाकर अपने आने वाले कल की समृद्धि की नींव रखना चाहते हैं। लगे रहिए… सरकार की नीति आधारित और स्वस्थ आलोचना की जगह बीमार मानसिकता ने लेे ली है। मोदी का विरोध करने से ही कोई बड़ा नहीं बन जाएगा। भारत के आदर्श पत्रकारों की सूची में अपना नाम टटोल लेना उचित होगा। बेवजह सुर्खि़यों में रहने की ललक मौजूदा दौर का चलन बनते जा रही है।
तो क्या आज भारत क्या विश्व में जितनी हैसियत मोदीजी की है वो कम हो जाएगी आज की तारीख़ में मोदीजी क्या हैं ये दुनिया जानती है और मुकुल कौन है भाई ये मुकुल भगवान उनको सदबुद्धि दे वैसे नरेंद्र मोदी के साथ सेल्फ़ी खिंचवाकर ये कोई मोदीजी का उद्धार नहीं करते इनके जैसे कीड़े मकोड़े लोग जितना मर्ज़ी जल के कोयला हों या राख हों पर मोदीजी जैसा व्यक्ति सदियों में एक आते हैं और हिंदुस्तान का कुछ भला लिखा है जो वे भारत की धरती पर पैदा हुए हैं |
Akshay Mukul you are greatl . Your stand is truly a tight slap on faces of Arnabs,chaudharys, chaurasias. Bravo
Badhiya, Shandar, Anukaraniy
Modi ji ke hatho puraskar na lene wale kahi desh drohi na ho jae…Modi ji kahi k bhagwan ni hai jo unke hatho puraskar na lene se admi apahij ho jaega … ye to insan ka apna jine ka andaz hai… ab log ko kisi k jine k andaz par etraz hone lge to phr use khud kisi acche jyotishi se margdarshan lena chahea…