पटना के वरिष्ठ पत्रकार विनायक विजेता
Vinayak Vijeta : शहाबुद्दीन का सच… हत्यारा ही नहीं, देशद्रोही भी है पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन… 2001 में रची थी तहलका के तत्कालीन संपादक और रिपोर्टर की हत्या की साजिश… वर्ष 2002 में पटना से प्रकाशित एक हिन्दी मासिक के संपादक कुणाल एवं वर्ष 2016 में सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या सहित 45 संगीन मामलों में आरोपित पूर्व बाहुबली सांसद के सिर पर सिर्फ हत्याओं का ही ठीकरा नहीं बल्कि वो देशद्रोही भी है।
पूर्व सांसद और उनके बहनोई बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एजाजुल हक का सबंध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई व कश्मीर में कार्यरत पाकिस्तानी आतंकियों से भी है। शहाबुद्दीन और उनके बहनोई ने वर्ष 2001 में आईएसआई एजेंट जैन के साथ पटना में तत्कालीन मंत्री एजाजुल हक के आवास पर ही एक बैठक कर केन्द्र की तत्कालीन बाजपयी सरकार को गिराने के उद्देश्य से तहलका के संपादक तरुण तेजपाल और उनके सहयोगी अनिरुद्ध बहल की हत्या की साजिश रची थी।
इन लोगों की यह सोच थी कि इन दोनों की अगर हत्या हो जाती है तो इसका ठीकरा तत्कालीन बाजपेयी सरकार के सिर पर जाएगा जिस सरकार के खिलाफ तब तरुण तेजपाल लगातार तहलका मचा रहे थे। हत्या की जिम्मेवारी कुख्यात अपराधी अवधेश उर्फ भूपेन्द्र त्यागी और उसके साथियों को सौंपी गई थी। भूपेन्द्र त्यागी दिल्ली पहुचकर इस हत्या को अंजाम देता इसके पूर्व ही व अपने साथियों और हथियार के साथ दिल्ली के लोधी कॉलोनी पुलिस द्वारा दबोच लिया गया। पकड़े जाने के बाद भूपेन्द्र त्यागी ने पुलिस के सामने क्या खुलासा किया, पढ़िए इन कागजात में…. नीेचे दिए एक-एक लिंक पर क्लिक करें :
बिहार के वरिष्ठ पत्रकार विनायक विजेता की एफबी वॉल से.
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