हत्यारा ही नहीं, देशद्रोही भी है पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन

पटना के वरिष्ठ पत्रकार विनायक विजेता

Vinayak Vijeta : शहाबुद्दीन का सच… हत्यारा ही नहीं, देशद्रोही भी है पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन… 2001 में रची थी तहलका के तत्कालीन संपादक और रिपोर्टर की हत्या की साजिश… वर्ष 2002 में पटना से प्रकाशित एक हिन्दी मासिक के संपादक कुणाल एवं वर्ष 2016 में सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या सहित 45 संगीन मामलों में आरोपित पूर्व बाहुबली सांसद के सिर पर सिर्फ हत्याओं का ही ठीकरा नहीं बल्कि वो देशद्रोही भी है।

विनायक विजेता ने आरई पद से इस्तीफा दिया, बोले- ‘तरुण मित्र’ अखबार को ब्लैकमेलर चाहिए!

Vinayak Vijeta : अलविदा ‘तरूणमित्र’… बीते 7 अगस्त को हमने पटना से प्रकाशित दैनिक ‘तरुणमित्र’ में स्थानीय संपादक के रुप में अपना योगदान दिया था। पर चार माह की अल्पाअवधि में मुझे लगातार यह महसूस होने लगा कि इस अखबार को कोई योग्य संपादक या संवाददाता नहीं बल्कि संवाददाता के नाम पर ब्लैकमेलर, ब्यूरो व ब्लैकमेलर संपादक चाहिए जो सत्ता या विपक्षी दल के बड़े नेताओं की चाटुकारिता या दलाली कर विज्ञापन जुटा सके, पुलिस या प्रशासनिक अधिकारियों को हड़का कर नाजायज पैरवी करवा सके। मै यह मानता हूं कि किसी भी समाचार पत्र के लिए विज्ञापन एक मुख्य आधार होता है पर उसके लिए अखबार का सर्कुलेशन, सभी सरकारी कार्यालयों, और अधिकारियों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों के यहां अखबार का पहुंचना या अखबार के बारे में उनके दिलो दिमाग में संज्ञान जरूरी है। पर मेरे लाख प्रयास के बाद ऐसा नहीं हो सका।

बिहार में मीडिया पर घोषित प्रतिबंध

Vinayak Vijeta : मुख्यमंत्री का सख्त निर्देश, ईटीवी को कोई बाईट नहीं दें जदयू नेता… राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू नेताओं और अपने प्रवक्ताओं को यह सख्त निर्देश दिया है कि वह ईटीवी को न तो कोई बाईट दें और न ही ऑन या ऑफ द रिकार्ड इस चैनल के किसी संवाददाता से बात करें। सुत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री का इस चैनल पर गुस्सा पिछले दिनों पंचायत प्रतिनिधियों के सम्मेलन को लेकर था। बताया जाता है कि इस सम्मेलन के प्रचार के लिए सूचना और जनसंपर्क विभाग ने पटना के तीन निजी चैनलों को विज्ञापन दिया था। पर ईटीवी ने इस विज्ञापन को इसलिए स्वीकार नहीं किया कि विज्ञापन का दर चैनल के निर्धारित दर से काफी कम था।

बिहार में हफ्ते भर में तीन वरिष्ठ पत्रकारों की कैंसर से मौत

पहले अरुण कुमार, फिर प्रशांत और अब हेमेन्द्र की कैंसर से असमायिक मौत से पत्रकार स्तब्ध

(हेमेंद्र और प्रशांत)


हफ्ते भर में बिहार में पत्रकारों की लगातार तीन मौतों से पत्रकार समुदाय स्तब्ध है। छह दिनों पहले वरीय पत्रकार अरुण कुमार की कैंसर से जूझते हुए मौत हो गई। सोमवार को मौर्य टीवी के पत्रकार प्रशांत कुमार चल बसे और सोमवार की ही देर रात वरीय पत्रकार हेमेन्द्र नारायण लंग संबंधी कैंसर की बीमारी के कारण चल बसे।

…तब हमारा ब्रह्माण्ड लिंग नुमा सुरंग में धंसते हुए निकटवर्ती ब्रह्माण्ड में समाहित हो जाएगा!

(विजय सिंह ठकुराय)


अब बात ब्रह्माण्ड के अंत से लेकर आरम्भ तक की. THE BEGINNING OF EVERYTHING. लगभग 13.7 अरब वर्ष पूर्व ब्रह्माण्ड में समय और काल की अवधारणा शून्य थी. भौतिकी के नियम अस्तित्व में नहीं थे. दृश्य ब्रह्माण्ड का समस्त पदार्थ अपने फंडामेंटल स्वरुप (क्वार्क-ग्लुआन प्लाज़्मा) के रूप में एक पिन पॉइंट के आकार के द्रव्यमान (10^-26 मीटर) में सिमटा हुआ था. और एक विस्फोट हुआ.

यशवंत सिंह, इरा झा और विनायक विजेता ने अपनी-अपनी खराब सेहत के बारे में जानकारी दी

Yashwant Singh : हाई बीपी के कारण अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। ecg से लेकर कई किस्म के चेकअप हुए। डॉक्टर ने पांच दिन तक अल्कोहल, नमक, अचार से दूर रहने और दी गयी दवाएं नियम से खाते रहने को कहा है। रोज एक निश्चित टाइम पर बीपी नापते हुए छठें रोज फिर मिलने का आदेश किया है। उसने ह्रदय और दिमाग में मचे आड़ोलन को किसी किस्म का अटैक या हैमरेज होने या इनकी आहट की आशंका होने को खारिज किया है। लेकिन अलर्ट की चेतावनी जारी कर दी है। नार्मल से एलर्ट मोड में जीवन को रख दिया है।

2003 बैच की आईएएस अफसर ममता कैंसर से जीत नहीं पाईं, दिल्ली में निधन

Vinayak Vijeta : झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी ममता का लंबी बीमारी के बाद आज दिल्ली में निधन हो गया। ममता ने झारखंड में प्राथमिक शिक्षा की निदेशक सहित कई महत्वपूर्ण ओहदे पर काम किया था। वह लंबे समय से बीमार थीं जिनका इलाज दिल्ली में चल रहा था पर मौत के आगे जिंदगी हार गई। इससे पहले उन्हें सरकार में सर्विस नियम में राहत देते हुए उन्हें न्यूयार्क में एजुकेशनल कॉउंसल का पद दिया गया ताकि वह वहां इलाज करा सकें।

जाने-माने भोजपुरी गायक पवन सिंह की पत्नी ने खुदकुशी कर ली

Vinayak Vijeta : जाने-माने भोजपुरी गायक पवन सिंह की पत्नी ने मुंबई स्थित अपने आवास पर खुदकुशी कर ली है। हालांकि अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया। पवन सिंह का विवाह पिछले दिसम्बर माह में बिहार के भोजपुर जिला मुख्यालय आरा में उनके बड़े भाई की साली से काफी धूमधाम से हुआ था। इस विवाह में कई राजनीतिक फिल्म इंडस्ट्री की जानी मानी हस्तियां सम्मिलित हुई थीं।

कृष्ण मुरारी किशन के नाम पर ‘फोटो जर्नलिस्ट एवार्ड’ शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री मांझी को पत्र लिखा

सेवा में, श्री जीतन राम मांझी, माननीय मुख्यमंत्री,

बिहार सरकार, पटना

विषय- राज्य सरकार की ओर से पटना निवासी प्रख्यात छायाकार स्व.कृष्ण मुरारी किशन जी के नाम पर प्रति वर्ष ‘के एम किशन पत्रकारिता/छायाकार सम्मान एवार्ड’ देने के आग्रह के संदर्भ में,

मान्यवर,

मौत ने दूसरी बार कृष्ण मुरारी किशन को मौका नहीं दिया

Vinayak Vijeta : किशन जी का हंसता हुआ वो नूरानी चेहरा… जुल्फें बिखरी पर खिंची तस्वीरों का रंग सुनहरा… 1981 में किशन जी से सासाराम में हुई थी पहली मुलाकात.. एक बार मौत को मात दे दी थी हमारे बड़े भाई किशन जी ने… बिहार ही नहीं देश के दस सर्वश्रेष्ठ फोटोग्राफरों में शुमार कृष्ण मुरारी किशन जी से हमारी पहली मुलाकात 14 जनवरी 1981 में तब हुई थी जब वो कोलकाता से प्रकाशित और तब के सबसे चर्चित साप्ताहिक ‘रविवार’ के लिए कार्य किया करते थे। उस वक्त किशन जी की कला की इतनी धधक थी कि उन्हें इस पत्रिका द्वारा बिहार के बाहर भी फोटोग्राफी के लिए बुलाया जाता था। किशन जी से जब पहली बार सासाराम में हमारी मुलाकात हुई तो उस वक्त मैं सातवीं कक्षा में पढ़ा करता था।

स्व. कृष्ण मुरारी किशन

गिरिराज सिंह को रणवीर सेना का संरक्षक बताने वाले आईपीएस अमिताभ दास बोले- ”मैं किसी कार्यवाई से डरने वाला नहीं”

Vinayak Vijeta : हाल ही में केन्द्र में राज्य मंत्री बनाए गए भाजपा नेता व सांसद गिरिराज सिंह को रणवीर सेना का समर्थक और संपोषक करार देने वाले राज्य मानवाधिकार आयोग के एसपी अमिताभ कुमार दास पर विभागीय कार्यवाई तय है। सूत्रों के अनुसार आज यानी बुधवार को आयोग में होने वाली बैठक के बाद आयोग के अध्यक्ष बिलाल नजकी इस संदर्भ में गृह सचिव को पत्र भेजने वाले हैं। सनद रहे की आयोग माह के हर दूसरे और चौथे बुधवार को अपने अधिकारियों की बैठक आयोजित करता है। इधर आयोग के एसपी अमिताभ कुमार दास ने कहा की वह किसी कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं। कार्रवाई तो गिरिराज सिंह के खिलाफ होनी चाहिए जिन्होंने प्रतिबंधित रणवीर सेना के संस्थापक अध्यक्ष ब्रह्मेश्वर मुखिया को ‘गांधीवादी’ करार दिया था।

‘प्रभात खबर’ ने लालू यादव को राबड़ी देवी और राबड़ी देवी को लालू यादव बना दिया!

प्रभात खबर का एक और कारनामा… इसने रातोंरात अपने अखबार में लालू यादव को राबड़ी देवी और राबड़ी देवी को लालू यादव घोषित कर दिया…. ऐसा विज्ञापन में किया गया है. न्यूट्रल पब्लिशिंग हाउस नामक कंपनी प्रभात खबर अखबार का प्रकाशन करती है.  कभी ‘अखबार नहीं आंदोलन’ और आज के दिनों में ‘बिहार जागे…देश आगे’ स्लोगन देकर यह अखबार बेचा जाता है. इस हिन्दी दैनिक ‘प्रभात खबर’ के बिहार संस्करण में विज्ञापन के नाम पर एक और कारनामा सामने आया है.  ‘प्रभात खबर’ के गया एडीशन में एक विज्ञापन छपा जो काफी चौकाने वाला है.

नवादा में पेपर एजेंसी का मालिक राहुल सिंह लापता

वर्षों से नवादा में अखबार का एजेंसी देख रहे 36 वर्षीय राहुल सिंह मंगलवार को तड़के रहस्यमय ढंग से लापता हो गए। राहुल सिंह शहर के इज्जतदार परिवार से आने वाले स्व.उदयभान सिंह के इकलौते पुत्र हैं जो अपने पिता की मौत के बाद अखबार के एजेंसी का काम देख रहे थे। सूत्रों के अनुसार राहुल मंगलवार को तड़के नवादा के बुंदेलखंड से नवादा सरकारी बस स्टैंड जाने के लिए निकले थे जहां उनकी अखबार की एजेंसी है, पर वह एजेंसी नहीं पहुंचे। परिजनों ने राहुल के अपहरण की आशंका जताते हुए पुलिस को इसकी सूचना दी।

‘प्रभात खबर’ ने छापा कुख्यात अपराधी का ‘शुभकामना संदेश’

पटना से प्रकाशित हिन्दी दैनिक ‘प्रभात खबर’ ने अखबार और विज्ञापन की सारी सीमाओं और मर्यादा को तोड़ते हुए बुधवार को प्रकाशित अंक में एक ऐसे विज्ञापन को प्रकाशित किया है जो हैरत में डाल देने वाला है। 28 अक्टूबर को प्रकाशित इस अखबार के 5वें पृष्ठ पर फतुहा के टुनटुन यादव की तस्वीर के साथ छठ पर्व के अवसर पर एक बड़ा सा शुभकामना संदेश छपा है जिसमें टुनटुन यादव को फतुहा विधान सभा क्षेत्र का समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता बताया गया है।

तड़पकर मर गए पत्रकार शिवशंकर, देखने तक नहीं गया ‘हिन्दुस्तान’ प्रबंधन का कोई अधिकारी

Vinayak Vijeta : दिल्ली में आज दम तोड़ दिया बिहार के गया जिले के पत्रकार शिवशंकर ने… भले ही मशहूर अखबारों में काम करने से कोई पत्रकार अपने को गौरवान्वित महसूस करे पर अखबार में काम करने के वक्त उनके साथ होने वाली परेशानी में कोई अखबार मालिक खड़ा नहीं होता। इन पत्रकारों को असहाय छोड़ कर उन्हें कुत्ते की मौत मरने दिया जाता है। इसके उदाहरण हैं गया के सीनियर रिपोर्टर शिवशंकर, जिन्होंने आज दिल्ली के एक अस्पताल में अपनी एड़ियां रगड़-रगड़ अपनी मौत को स्वीकार कर लिया।

शिवशंकरशिवशंकर