श्याम मीरा सिंह-
यूपी पुलिस ने मेरे इस ट्वीट पर FIR दर्ज की है। FIR में लिखा है कि इस ट्वीट से UP के 25 करोड़ लोगों की भावनाएँ आहत हुईं हैं। लोग ग़ुस्से में हैं। क़ानून व्यवस्था ख़राब हो सकती है। इसपर विश्वास करते हुए UP पुलिस ने FIR दर्ज भी कर ली। पर मेरी समझ में ये नहीं आ रहा कि मेरे इस ट्वीट पर कुल इम्प्रेशन 1 लाख हैं। यानी इसे देखा भी कुल 1 लाख लोगों ने है। फिर भावनाएँ 25 करोड़ लोगों की आहत कैसे हो गईं? दूसरी बात कि क्या इस देश में किसी महिला को एक सुयोग्य वर का सुझाव देने भर के लिए ही FIR दर्ज हो सकती है? मैंने भाजपा नेताओं की तरह किसी महिला को गाली नहीं दी जैसे वे सोनिया गांधी और डिंपल यादव को देते हैं। मैंने मुख्यमंत्री के लिए अपशब्द नहीं कहे जैसा कि भाजपा नेता विपक्षियों को देते हैं। चूँकि मैं सरकार की घृणावादी नीतियों की आलोचना करता हूँ, Youtube पर वीडियोज बनाता हूँ। क्या सिर्फ़ इसलिए मुझे ह्रास करने के लिए ऐसी फर्जी FIR दर्ज कर ली गई?
मैंने अभी तक सनातन संस्था, RSS, नरेंद्र मोदी, Adani, अमित शाह के पुराने पापों पर खुलकर वीडियोज बनाईं। लेकिन जब जब सरकार इस तरह की फर्जी FIR कराकर आम जनों में डर बनाने की कोशिश करती तब तब मुझे लगता है कि मेरे काम में अभी कोई कमी है। मैं तब तक अपने काम से संतुष्ट नहीं होऊँगा जब तक कि ये मुझपे सिर्फ़ फर्जी मुकदमें ही करते रहेंगे। जब तक ये लोग मुझे गौरी लंकेश की तरह सड़क पर मार नहीं देते। जब तक नरेंद्र दाभोलकर की तरह मैं इनकी आँखों में बुरी तरह खटक न जाऊँ। तब तक मुझे लगता रहेगा कि ज़रूर मेरे काम में कोई कमी रह गई है।
FIR और एकाध महीने की जेलों की तो, मैं गाँव से दिल्ली आते हुए सोचकर ही आया हूँ। ऐसे डर और धमकियाँ हम गाँव में अपनी भैंस के खूँटे से बांधकर सोते हैं। इनसे डर गए तो हमारा मर जाना है। हम आधी रात में खेतों में चारपाई डालकर जंगली सियारों से फसलों की रखवाली करने वाली किसान क़ौम हैं। ऐसे छोटे छोटे डरों से हमारी छातियों में हिम्मत इकट्ठी होती है। ये FIR उस हिम्मत को बढ़ाने का काम ही करेगी।
जिन दोस्तों ने चिंता जताई उनका आभार। आप सब के अब तक के समर्थन के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
आपके अच्छे-बुरे वक्त का दोस्त
– श्याम