Mamta Yadav : लडकी सिंगल रहती है, जरूर परेशान होगी, मजबूर होगी, पैसों की तंगी होगी। मदद कर देते हैं, कुछ न कुछ तो मिलेगा। इस ‘कुछ न कुछ’ की हद एक लडकी के मामले में कहां तक जा सकती है, इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है। दिमागों के जाले वक्त से पहले साफ कर लिये जायें तो सरेबाजार बेपर्दा होने का डर कभी नहीं सतायेगा। या तो जो मुखौटा है उसे कायम रखा जाये या असली थोबडे के साथ घूमिये तथाकथित भैया, अंकल, दोस्त। उन लडकियों को थोडी नहीं, बहुत आसानी होगी जो आपकी नजर में कमजोर बेचारी हैं।
मौका समझने के मुगालते अब न पालें आप लोग। जब अकेली लड़की अपने पर आयेगी तो मुंह छुपाने की जगह नहीं मिलेगी। आमतौर पर कहा जाता है लडकियां एक—दूसरे की बहुत बुराईयां करती हैं लेकिन सच्चाई यह है कि हर आदमी या लडका दूसरे आदमी की बुराई लडकियों के सामने ज्यादा करता है। खुद को स्मार्ट दिखाने के लिये। बेशक इस पोस्ट के बाद ये कमेंट भी आयेंगे कि लड़कियां भीदोषी हैं तो लड़कियों पर उंगलियां उठाने वाले ये भी देख लें कि चार उनकी तरफ हैं। अपने दम पर आगे बढती लड़की की तरक्की बहुत कम लोगों को हजम होती है। बहुत ज्यादा नहीं, थोड़ी उम्मीद हम भी कर सकते हैं कि आप भी अपनी सोच बदलें अगर वाकई इस मॉडर्न सोच के साथ आप जी रहे हैं कि इतना मजाक तो दोस्त, बेटी, बहन के साथ भी चलता है। हम तो हैं ही पिछड़ी सोच के। सारा बहनापा, बेटियापा और दोस्ताना किसी खास मौके पर ही जागता है। माफ करो यार, मौका मत समझो, हमें मौका दो खुद को साबित करने का।
मध्य प्रदेश की पत्रकार ममता यादव के फेसबुक वॉल से.
reader
June 11, 2015 at 6:42 pm
अति उत्तम,,,,,,,,,,,,,,,,,, 100 प्रतिशत खरी बात….
kunvar sameer shahi
June 12, 2015 at 5:49 am
बहुत क्रांतिकारी बात काश इस हकीकत से भाई लोग कुछ सबक लेते तो कितना अच्छा रहता …ममता mam की बात बहुत ही साफ और खरी होती है ..किसी को बुरा लगे या भला पर यथार्थ तो यही है ..जय हो