Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

मिस्टर पुरुष, बदल लो सिंगल रहने वाली लड़की के प्रति सोच

Mamta Yadav : लडकी सिंगल रहती है, जरूर परेशान होगी, मजबूर होगी, पैसों की तंगी होगी। मदद कर देते हैं, कुछ न कुछ तो मिलेगा। इस ‘कुछ न कुछ’ की हद एक लडकी के मामले में कहां तक जा सकती है, इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है। दिमागों के जाले वक्त से पहले साफ कर लिये जायें तो सरेबाजार बेपर्दा होने का डर कभी नहीं सतायेगा। या तो जो मुखौटा है उसे कायम रखा जाये या असली थोबडे के साथ घूमिये तथाकथित भैया, अंकल, दोस्त। उन लडकियों को थोडी नहीं, बहुत आसानी होगी जो आपकी नजर में कमजोर बेचारी हैं।

<p>Mamta Yadav : लडकी सिंगल रहती है, जरूर परेशान होगी, मजबूर होगी, पैसों की तंगी होगी। मदद कर देते हैं, कुछ न कुछ तो मिलेगा। इस 'कुछ न कुछ' की हद एक लडकी के मामले में कहां तक जा सकती है, इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है। दिमागों के जाले वक्त से पहले साफ कर लिये जायें तो सरेबाजार बेपर्दा होने का डर कभी नहीं सतायेगा। या तो जो मुखौटा है उसे कायम रखा जाये या असली थोबडे के साथ घूमिये तथाकथित भैया, अंकल, दोस्त। उन लडकियों को थोडी नहीं, बहुत आसानी होगी जो आपकी नजर में कमजोर बेचारी हैं।</p>

Mamta Yadav : लडकी सिंगल रहती है, जरूर परेशान होगी, मजबूर होगी, पैसों की तंगी होगी। मदद कर देते हैं, कुछ न कुछ तो मिलेगा। इस ‘कुछ न कुछ’ की हद एक लडकी के मामले में कहां तक जा सकती है, इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है। दिमागों के जाले वक्त से पहले साफ कर लिये जायें तो सरेबाजार बेपर्दा होने का डर कभी नहीं सतायेगा। या तो जो मुखौटा है उसे कायम रखा जाये या असली थोबडे के साथ घूमिये तथाकथित भैया, अंकल, दोस्त। उन लडकियों को थोडी नहीं, बहुत आसानी होगी जो आपकी नजर में कमजोर बेचारी हैं।

मौका समझने के मुगालते अब न पालें आप लोग। जब अकेली लड़की अपने पर आयेगी तो मुंह छुपाने की जगह नहीं मिलेगी। आमतौर पर कहा जाता है लडकियां एक—दूसरे की बहुत बुराईयां करती हैं लेकिन सच्चाई यह है कि हर आदमी या लडका दूसरे आदमी की बुराई लडकियों के सामने ज्यादा करता है। खुद को स्मार्ट दिखाने के लिये। बेशक इस पोस्ट के बाद ये कमेंट भी आयेंगे कि लड़कियां भीदोषी हैं तो लड़कियों पर उंगलियां उठाने वाले ये भी देख लें कि चार उनकी तरफ हैं। अपने दम पर आगे बढती लड़की की तरक्की बहुत कम लोगों को हजम होती है। बहुत ज्यादा नहीं, थोड़ी उम्मीद हम भी कर सकते हैं कि आप भी अपनी सोच बदलें अगर वाकई इस मॉडर्न सोच के साथ आप जी रहे हैं कि इतना मजाक तो दोस्त, बेटी, बहन के साथ भी चलता है। हम तो हैं ही पिछड़ी सोच के। सारा बहनापा, बेटियापा और दोस्ताना किसी खास मौके पर ही जागता है। माफ करो यार, मौका मत समझो, हमें मौका दो खुद को साबित करने का।

Advertisement. Scroll to continue reading.

मध्य प्रदेश की पत्रकार ममता यादव के फेसबुक वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. reader

    June 11, 2015 at 6:42 pm

    अति उत्तम,,,,,,,,,,,,,,,,,, 100 प्रतिशत खरी बात….

  2. kunvar sameer shahi

    June 12, 2015 at 5:49 am

    बहुत क्रांतिकारी बात काश इस हकीकत से भाई लोग कुछ सबक लेते तो कितना अच्छा रहता …ममता mam की बात बहुत ही साफ और खरी होती है ..किसी को बुरा लगे या भला पर यथार्थ तो यही है ..जय हो

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement