ताजमहल देखने गई एक रइसजादी ने दी मां-बहिन की गंदी-गंदी गालियां (देखें वीडियो)

Are you safe in TajMahal? see this video आगरा में एक बार फिर से शराब के नशे में धुत शराबी पर्यटकों ने ताजमहल की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए ताजमहल के पश्चिमी गेट को तोड़ते हुए अपनी गांड़ी के अंदर ले गए..पर्यटकों की इस दुस्साहिक कदम से रोकने में तैनात ताज सुरक्षा के सिपाहियों की पर्यटकों ने लात घूसों से जमकर पिटाई कर दी…

आरा शहर की एक लड़की दो साल तक बहेलिए पत्रकार की बाहों में

जिंदगी के कैसे-कैसे रंग दिखाती है यह कमबख्त फेसबुक। अभी थोड़ी देर पहले विदेश में रहने वाले फेसबुक मित्र राजीव जजवालिया का संदेशा आया। कैसे आरा शहर की एक लड़की अपने सपनों को पूरा करने के वास्ते शहर का रुख करती है। महुआ टीवी में नौकरी मिलती है..ख्वाबों को पर लग जाते हैं..। उगते परों को पहचान शातिर पत्रकार करीब आता है..दोस्त बन सहलाता है। फिर ले उड़ता है। दो साल तक यह लड़की बहेलिए पत्रकार की बाहों में झूलती हुई कुछेक भोजपुरी फिल्मों में छोटे मोटे काम भी करती है। रंगीन दुनिया में अपने वजूद को तलाशती हुई बेफिक्र रहती है..क्योंकि हमदर्द बहेलिया जो साथ था.. 

मिस्टर पुरुष, बदल लो सिंगल रहने वाली लड़की के प्रति सोच

Mamta Yadav : लडकी सिंगल रहती है, जरूर परेशान होगी, मजबूर होगी, पैसों की तंगी होगी। मदद कर देते हैं, कुछ न कुछ तो मिलेगा। इस ‘कुछ न कुछ’ की हद एक लडकी के मामले में कहां तक जा सकती है, इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल नहीं है। दिमागों के जाले वक्त से पहले साफ कर लिये जायें तो सरेबाजार बेपर्दा होने का डर कभी नहीं सतायेगा। या तो जो मुखौटा है उसे कायम रखा जाये या असली थोबडे के साथ घूमिये तथाकथित भैया, अंकल, दोस्त। उन लडकियों को थोडी नहीं, बहुत आसानी होगी जो आपकी नजर में कमजोर बेचारी हैं।

‘क्योंकि वह लड़की मुझे आज भी नहीं भूलती’

मैं उसे भुला नहीं पा रहा हूँ। साल भर पहले तक टीवी, इंटरनेट, अखबार सभी उसकी कहानी से भरे पड़े थे। पहले वह सफदरजंग अस्पताल में भर्ती रही। फिर सिंगापुर उसे भेजा गया और अब वह हमेशा के लिए यह दुनिया छोड़ गई। पल-पल उसकी बिगड़ती हालत के बारे में बताया जा रहा था और मेरे दिमाग में वह वीभत्स रात गहराती जा रही थी। उसे कैसे भूल सकता हूँ। शायद इसलिए नहीं भूल सकता, क्योंकि मैं दिल्ली में रह रही अपनी बहन को याद करता हूँ तो महसुस होता है कि वो सड़क पर अकेले खड़ी होकर बस या ऑटो का इंतजार करते हुए उन परिस्थितियों का सामना करती होगी जब लोग उसे घूरते होंगे। मैंने महसूस किया है उसे। मैं उसे इसलिए नहीं भूल सकता क्योंकि उसके लिए मैने पहले भी अखबारों में लिखा था। नहीं भूल सकता मैं उसे क्योंकि महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। इसलिए भी नहीं भुला पा रहा हूं, क्योंकि यह डर कहीं न कहीं मेरे मन में भी बैठा हुआ है कि यह मेरी दोस्त या रिश्तेदार के साथ भी हो सकता था या हो सकता है। कारण भले ही कुछ भी हो, मगर मैं उस बहादुर लड़की और उसके साथ हुई पाशविकता को भुला नहीं पा रहा हूँ। मैं क्या करूं? हममें से कोई कर भी क्या सकता है?

‘सेवा’ को मिला भारत के प्रतिनिधित्व का मौका, गर्ल राइट्स अम्बेसडर और पत्रकार अर्चना यादव का सम्मान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की प्रख्यात सामाजिक संस्था स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (सेवा) की उपलब्धियों में एक उपलब्धि और जुड़ गयी। सेवा को भारत में एशियन गर्ल्स कैम्पैन पार्टनर के तौर पर एशियन ह्यूमन गर्ल्स राइटस् कान्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया गया। यही नहीं कान्फ्रेंस के दौरान बनी स्टेटमेन्ट कमेटी में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये सेवा की गर्ल राइट्स अम्बेसडर अर्चना यादव को सम्मानित भी किया गया। अर्चना यादव लखनऊ शहर की एक जानी-मानी पत्रकार हैं जिन्होने महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ हमेशा आवाज़ उठाई।

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