सत्य और नैतिकता की बड़ी बड़ी बातें करने वाले और ‘उठाओ आवाज, बदलो हालात’ जैसे नारे देने वाले अखबार अखबार के कर्मचारी अमित मिश्रा और विजय कुमार शर्मा ने जब अपने हक के लिए आवाज उठाई और माननीय सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर कर दी तो पत्रिका प्रबन्धन ने अपनी नैतिकता और सत्य को उठा कर ताक पर रख दिया। विजय कुमार शर्मा को आनन फानन में जयपुर बुला कर केस वापस लेने का दबाव बनाया लेकिन विजय शर्मा ने इनकार कर दिया।
विजय शर्मा के इनकार कर देने पर पैसे और पोस्ट का लालच दिया गया लेकिन शर्मा इस पर भी नहीं डिगे तो पत्रिका ने उनका ट्रान्सफर भोपाल से जगदलपुर (छत्तीसगढ़) कर दिया। उल्लेखनीय है कि विजय शर्मा का मात्र 6 माह में 3 बार ट्रान्सफर किया गया। भोपाल से बैंगलोर, बैंगलोर से भोपाल और भोपाल से जगदलपुर। जगदलपुर ज्वाइन करने के 3 दिन बाद उन्हें मौखिक रूप से सुकमा जाने के लिए कहा गया इस पर विजय शर्मा ने मना कर दिया और लिखित आदेश माँगा। पत्रिका ने लिखित आदेश नहीं दिया।
चूंकि पत्रिका पर पहला केस 572 / 2014 अमित मिश्रा, विजय कुमार शर्मा और अरुण सूर्यवँशी की तरफ से लगाया गया था इसलिए प्रबन्धन ने षड्यंत्र रचते हुए अमित मिश्रा और विजय कुमार शर्मा को सस्पेंड कर दिया। जबलपुर में विजय शर्मा की घरेलू जांच कार्यवाही शुरू हुई जिसमें उन्हें दोषी करार देते हुए टर्मिनेट कर दिया। टर्मिनेशन पर उनको ग्रेच्युटी का 211817 रूपये का चेक दिया गया जो चेक बैंक में लगाया तो बाउंस हो गया।
lalit
August 4, 2016 at 4:01 am
पत्रिका अपनी ईमानदारी का ढिंढोरा पिटती है लेकिन उसकी हकीकत कुछ और ही है। पत्रिका की पोल आम जनता के सामने खुलनी चाइए।
lalit
August 4, 2016 at 4:03 am
पत्रिका अपनी ईमानदारी का ढिंढोरा पीटती है लेकिन असल में इसकी हकीकत कुछ और ही है। इसका नंगा चेहरा आम जनता के सामने आना चाइए।
prem.mishra
August 4, 2016 at 8:20 am
विजय शर्मा जी ने क्रांति लाने का क** किया है उनके साथ तमाम पत्रकार बिरादरी है राजस्थान पत्रिका कि मालिकों को ऊपरवाला सद्बुद्धि dजबलपुर पत्रिका के तमाम सहयोगी उनके साथ है विजय शर्मा जी ने जबलपुर पत्रिका में लंबे समय तक क** किया है यहां से जब भोपाल गए थे तभी से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था जबलपुर पत्रिका में 2 लोगों को बाहर कर दिया गया है हम भी पीड़ितों में से एक है
dev
August 5, 2016 at 6:14 pm
आपना हक तो लेकर रहेंगे