Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

राष्ट्रभक्ति किसी की जागीर नहीं है

गोविंद गोयल


श्रीगंगानगर। जनाब! जिसे आप राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति कहते हो ना, वो व्यक्तिपूजा है। खास व्यक्ति की चापलूसी है। पता नहीं आपने किस  किताब मेँ पढ़ ली, क्या मालूम कहाँ से सुन ली, देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति की ये नई  परिभाषा। जिसमें श्री नरेंद्र मोदी जी की जय घोष, उनकी सरकार की जय जय कार, बीजेपी की प्रशंसा को ही देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति माना गया है। उनकी कार्यशैली, उनकी सरकार की नीतियों की आलोचना देशद्रोह हो चुका है। राष्ट्रद्रोह की श्रेणी मेँ मान लिया जाता है मोदी जी और उनकी सरकार की आलोचना को।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p><span style="font-size: 8pt;"><strong>गोविंद गोयल</strong></span></p> <hr /> <p>श्रीगंगानगर। जनाब! जिसे आप राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति कहते हो ना, वो व्यक्तिपूजा है। खास व्यक्ति की चापलूसी है। पता नहीं आपने किस  किताब मेँ पढ़ ली, क्या मालूम कहाँ से सुन ली, देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति की ये नई  परिभाषा। जिसमें श्री नरेंद्र मोदी जी की जय घोष, उनकी सरकार की जय जय कार, बीजेपी की प्रशंसा को ही देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति माना गया है। उनकी कार्यशैली, उनकी सरकार की नीतियों की आलोचना देशद्रोह हो चुका है। राष्ट्रद्रोह की श्रेणी मेँ मान लिया जाता है मोदी जी और उनकी सरकार की आलोचना को।</p>

गोविंद गोयल

Advertisement. Scroll to continue reading.

श्रीगंगानगर। जनाब! जिसे आप राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति कहते हो ना, वो व्यक्तिपूजा है। खास व्यक्ति की चापलूसी है। पता नहीं आपने किस  किताब मेँ पढ़ ली, क्या मालूम कहाँ से सुन ली, देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति की ये नई  परिभाषा। जिसमें श्री नरेंद्र मोदी जी की जय घोष, उनकी सरकार की जय जय कार, बीजेपी की प्रशंसा को ही देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति माना गया है। उनकी कार्यशैली, उनकी सरकार की नीतियों की आलोचना देशद्रोह हो चुका है। राष्ट्रद्रोह की श्रेणी मेँ मान लिया जाता है मोदी जी और उनकी सरकार की आलोचना को।

मोदी जी के नेतृत्व मेँ जो कुछ किया जाए मात्र वही अब राष्ट्रहित है। आपकी नजर मेँ पहले वाली सरकारों ने कुछ नहीं किया था। देश मेँ आज जो कुछ भी है, वह सब तीन सालों मेँ मोदी जी की सोच और उनकी सरकार के कार्यों का परिणाम है। कांग्रेस को गाली देना, मोदी सरकार की आलोचना करने वालों के लत्ते पाड़ना, सरकारी नीतियों के खिलाफ लिखने वालों को परोक्ष रूप से धमकाना भी अब देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति की श्रेणी मेँ आ चुका है। आपकी परिभाषा के अनुसार हमारे जैसे व्यक्ति देशभक्त, राष्ट्रप्रेमी  नहीं है। अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है और सच्ची बात भी यही है कि आप भी नहीं हो वो, जिसे देश भक्त, राष्ट्रप्रेमी कहते हैं। क्योंकि राष्टभक्ति एक जज्बा है। राष्ट्रप्रेम एक भावना है। राष्ट्रभक्ति एक साधना है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

सरकार के पक्ष मेँ, आतंकवाद के खिलाफ फेसबुक पर दो पोस्ट डालने, कॉपी पेस्ट करने से देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति नहीं आ जाती । सरकार की नीतियों की खिलाफत करने वाले को धमकाना आतंक है, देशभक्ति, राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रभक्ति  नहीं। किसी को डरा के पक्ष मेँ करना राष्ट्रप्रेम नहीं है। इसे सत्ता का आतंक  कहते हैं। उजले कपड़े वाला हर इंसान देशभक्त हो ये जरूरी नहीं। ईमानदार ही देशप्रेमी हो ये आवश्यक नहीं। टुच्चे से टुच्चा इंसान भी बहुत बड़ा देशभक्त हो सकता है और एक चरित्रवान, बड़ा व्यक्ति, समाज का मुखिया देशद्रोही।

जनाब! एक बात ये भी याद रखना, भूखे पेट भजन नहीं होते। इंसान को पहले भर पेट रोटी चाहिए, रहने को मकान और तन ढकने को कपड़ा। उसके बाद उसे समाज और देश की याद आती है। पेट भूखा होने के बावजूद भी जो देश को नुकसान नहीं पहुंचाता, वह है देशभक्त। समाज को लूट कर देश हित मेँ प्राण दे देने वाला है राष्ट्रप्रेमी। न्याय के लिए अदालतों मेँ चक्कर काटते लोगों से पूछो देशप्रेम की परिभाषा। थानों मेँ प्रताड़ित होते पीड़ित व्यक्ति बताएँगे राष्ट्रभक्ति की बातें। घर बैठे बैठे देश भक्ति की बात करना वहुत आसान है। उस से भी आसान है लेपटॉप, मोबाइल से फेसबुक और व्हाट्सएप पर देशभक्ति की कहानी लिखना। असल मेँ बहुत मुश्किल है अपने अंदर राष्ट्रप्रेम को जागृत करना।

Advertisement. Scroll to continue reading.

बड़ी कठिन है भीतर मेँ राष्ट्रभक्ति की साधना और आराधना। देश का भला करे ना करे जो देश के बारे मेँ बुरा नहीं सोचता वह भी देशभक्त है। अपने काम को ज़िम्मेदारी से, देश को कोई नुकसान पहुंचाए बिना करने वाला व्यक्ति राष्ट्रप्रेमी है। उन लोगों से राष्ट्रभक्ति का  प्रमाण पत्र लेने की कोई जरूरत नहीं है जो राष्ट्र की नहीं एक व्यक्ति की पूजा कर रहे हैं । आँख बंद कर उसी की साधना और आराधना मेँ लगे हैं। उस व्यक्ति से भी राष्ट्रभक्ति का प्रमाण पत्र नहीं चाहिए जो मात्र जयघोष करना जानते हैं, किसी से निष्पक्ष होने का सर्टिफिकेट भी नहीं चाहिए, क्योंकि जो खुद एक पक्ष के साथ खड़े हैं वे लोग  किसी की निष्पक्षता पर संदेह करने वाले होते कौन हैं। देश को याद रखना चाहिए कि मोदी जी के आने से पहले भी देशभक्ति थी और उनके बाद भी रहेगी।  दो लाइन पढ़ो-

कौन है जो मुझे यूं छू के जाता है
तन मन सब निरमल हुआ जाता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

लेखक गोविंद गोयल श्रीगंगानगर (राजस्थान) के वरिष्ठ पत्रकार हैं. संपर्क : [email protected] 

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement