(लापता पत्रकार उमेश शुक्ल)
वाराणसी । वाराणसी पुलिस विगत 19 महीनों से लापता एक पत्रकार को खोजना तो दूर, उनका सुराग तक नहीं लगा पाई। लापता पत्रकार की खोज के लिए लगातार बड़ा भाई दिनेश कार्यालयों और अधिकारियों के दरवाजे भटकता रहा लेकिन किसी ने कुछ नहीं सुना। दिनेश मुख्यमंत्री सहित गृह मंत्रालय को भी पत्र लिखते रहे लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। कुछ दिनों तक पत्रकार संगठनों ने दिलचस्पी दिखाई लेकिन अखबरों में संगठन का नाम छपने के बाद वह भी बैकफुट पर आ गए। लेकिन दिनेश ने हार नहीं माना और न्याय के लिए लड़ते रहे। दिनेश ने पुनः एसएसपी आकाश कुलहरि से गुहार लगाई। एसएसपी से आदेश मिलने के बाद सिगरा थाने ने आईपीसी की धारा 363 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
वाराणसी के हडहा, बेनियाबाग थाना चौक निवासी दिनेश शुक्ला ने बताया कि उनके छोटे भाई पत्रकार उमेश शुक्ला उत्तर प्रदेश के विभिन्न अखबारों में कार्य कर चुके हैं। लापता होने से पूर्व वह ‘आज’ अखबार, गाज़ियाबाद में कार्यरत थे। वहां साथ में अपने परिवार को भी रखते थे। अस्वस्थ होने के कारण वह वाराणसी चले आए और सिगरा थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर कॉलोनी में किराए के मकान में रहने लगे थे। 24 मार्च 2014 को मकान मालिक ने फोन कर बताया कि पिछले 2 दिन से उमेश न तो कमरे पर हैं, न उनका फ़ोन लग रहा है।
सूचना के बाद दिनेश ने उमेश से उनके फोन नंबर 9598510392 और 9506532363 पर संपर्क साधने की कोशिश की। दोनो नंबर बंद मिले। इसके बाद वह उमेश की कार (UP-14-AY-2448) की खोज में जुट गए। जब वह भी पता नहीं चला तो उन्होंने किसी अनहोनी की आशंका में सिगरा पुलिस की मदद ली। प्रथम दृष्ट्या मामला पत्रकार का होने के कारण पुलिस हरकत में आ गई और उनके मोबाइल नंबर से उनका लोकेशन जानने की कोशिश की। उनका अंतिम लोकेशन वाराणसी का शिवपुर थाना क्षेत्र मिला। उसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी भी दर्ज कर ली लेकिन धीरे-धीरे समय बीतता गया। मामला पुलिस के ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया। दिनेश ने जनता से भी गुजारिश की है कि जो भी उनके भाई के बारे में कोई सूचना देना चाहे, उनके मोबाइल नंबर – 9889296402 पर बता सकता है।
इस प्रकरण के बारे में भड़ास पर छपी कुछ पुरानी खबरों के लिंक ये रहे>
पत्रकार उमेश शुक्ला लापता, भाई दर-दर खोज रहा, पुलिस खामोश
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