वाराणसी : आंखों में आंसू, मन में विश्वास लिए दिनेश शुक्ला अपने 48 वर्षीय छोटे भाई एवं पत्रकार उमेश शुक्ला को दर-दर तलाश रहे हैं। अपने परिचितों-सुपरिचितों से मदद की गुहार लगाते डोल रहे हैं, पुलिस के दरवाजे पर भी बार-बार दस्तक दे चुके हैं, जिलाधिकारी से लेकर गृह मंत्रालय तक गुहार लगा चुके हैं लेकिन कहीं से कोई न सहयोग मिल पा रहा है, न उस कलम के सिपाही का कोई सुराग।
वाराणसी के हडहा, बेनियाबाग थाना चौक निवासी दिनेश शुक्ला ने बताया कि उनके छोटे भाई पत्रकार उमेश शुक्ला उत्तरप्रदेश के विभिन्न अखबारों में कार्य कर चुके हैं। लापता होने से पूर्व वह ‘आज’ अखबार, गाज़ियाबाद में कार्यरत थे। वहां साथ में अपने परिवार को भी रखते थे। अस्वस्थ होने के कारण वह वाराणसी चले आए और सिगरा थाना क्षेत्र की शास्त्री नगर कॉलोनी में किराए के मकान में रहने लगे थे। 24 मार्च को मकान मालिक ने फोन कर बताया कि पिछले 2 दिन से उमेश न तो कमरे पर हैं, न उनका फ़ोन लग रहा है।
सूचना के बाद दिनेश ने उमेश से उनके फोन नंबर 9598510392 और 9506532363 पर संपर्क साधने की कोशिश की। दोनो नंबर बंद मिले। इसके बाद वह उमेश की कार (UP-14-AY-2448) की खोज में जुट गए। जब वह भी पता नहीं चली तो उन्होंने किसी अनहोनी की आशंका में सिगरा पुलिस की मदद ली। प्रथम दृष्ट्या मामला पत्रकार का होने के कारण पुलिस हरकत में आ गई और उनके मोबाइल नंबर से उनका लोकेशन जानने की कोशिश की। उनका अंतिम लोकेशन वाराणसी का शिवपुर थाना क्षेत्र मिला। उसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी भी दर्ज कर ली लेकिन धीरे-धीरे समय बीतता गया। मामला पुलिस के ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया।
दिनेश का कहना है कि पुलिस ने तो चुप्पी साध ही ली है, शहर के पत्रकार संगठन भी उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं। उनकी मांग है कि उमेश शुक्ला के रहस्यमय तरीके से लापता हो जाने की जांच क्राइम ब्रांच को देकर खोजबीन में तेजी लाई जाए ताकि परिवार को बिछड़ा सदस्य मिल सके। उन्होंने जनता से भी गुजारिश की है कि जो भी उनके भाई के बारे में कोई सूचना देना चाहे, उनके मोबाइल नंबर – 9889296402 पर बता सकता है। उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्रालय को भी पत्र लिखा है। मिनी पीएमओ ने जिलाधिकारी को दो दिन पूर्व पत्र लिखकर मामले की जांच करने की मांग की है।