देहरादून में एक वेब जर्नलिस्ट हैं, नारायण परगाई. ये भड़ास4इंडिया नामक न्यूज पोर्टल चलाते हैं. इन्होंने जानकारी दी कि समाचार प्लस से जुड़े उमेश कुमार से संबंधित एक खबर छापने के कारण उन्हें 20 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस भेजा गया है. नारायण परगाई कहते हैं- ”जब वो दूसरों के खिलाफ समाचारों को चलाता है तो वो बन जाता है ईमानदार और जब कोई उसके खिलाफ समाचार लिखता है तो भेज देता है क़ानूनी नोटिस. ये कैसा दोगलापन है. सही खबर लिखे जाने पर ऐसी तिलमिलाहट क्यों.
समाचार प्लस के उमेश जे कुमार इन दिनों हरीश रावत के स्टिंग से भाजपा को राजनैतिक फायदा पहुंचाने के मामले में चर्चित हुए हैं. मामले को लेकर सीबीआई छानबीन भी कर रही है. उत्तराखंड में भाजपा की सरकार को बागी विधायकों के सहारे बनाए जाने का खेल शुरू हुआ तो राज्य में स्टिंग को ही आधार बनाया गया. समाचार प्लस इससे पूर्व भी कई तरह के स्टिंग को अंजाम देकर अपने यहाँ चला चुका है.
उमेश जे कुमार को लेकर बीते 15 अप्रैल को एक प्रेस वार्ता रघुनाथ नेगी ने देहरादून के होटल सायना इन में आयोजित की थी. इस प्रेस वार्ता में उमेश जे कुमार को लेकर नेगी ने सवाल खड़े किये थे. नेगी ने ये भी कहा था कि समाचार प्लस का उमेश जे कुमार भाजपा की सरकार के समय ढाई हज़ार का इनामी बदमाश था और कई थानों में मुकदमे दर्ज़ थे.
रघुनाथ नेगी ने ये भी कहा था कि उमेश जे कुमार के खिलाफ रमेश पोखरियाल निशंक की सरकार के समय लुक आउट नोटिस भी जारी हुआ था लेकिन इस के बाद भी पुलिस उमेश जे कुमार उर्फ़ उमेश शर्मा को नहीं पकड़ पाई थी. प्रेस वार्ता में नेगी ने ये भी बताया था की उमेश जे कुमार के घर की कुर्की भी पुलिस दवारा की गयी थी.
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नारायण परगाई बताते हैं कि भड़ास फॉर इंडिया ने १५ अप्रैल की इस प्रेस वार्ता को आधार बना कर अपने न्यूज़ पोर्टल में एक समाचार प्रकाशित किया जिसका शीर्षक ”समाचार प्लस का उमेश बना स्टिंग तस्कर” था. इस समाचार को लेकर मीडिया में लम्बी बहस जारी रही. भड़ास फॉर इंडिया ने अपने हवाले से कोई भी बात नहीं लिखी. सिर्फ अपने मीडिया के धर्म को निभाया. जो कहीं से भी गलत नहीं. इसी खबर को लेकर भड़ास फॉर इंडिया के संपादक नारायण परगाई को उमेश जे कुमार के वकील ने बीस करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा है.