Yashwant Singh-
आपरेशन : भय और मुक्ति और प्रार्थना!
मैंने जीवन में कभी कोई आपरेशन नहीं कराया. कराया भी तो ऐसा नहीं कराया जिसमें बेहोश किया जाना पड़े. एनीस्थिसिया वाला! किडनी से सरक कर यूरेटर में फंसा साढ़े दस मिमी का स्टोन अब आपरेशन की तरफ ले जा रहा है. तो अपने मन को तैयार करना पड़ेगा.
मेरे लिए बड़ी समस्या मेरा मन है. जब तक किसी चीज के लिये मेरा मन कनवींस नहीं होता, वह भी लाजिकली (कभी नेचुरली, कभी साइंटिफिकली और कभी इंटरनली स्वांत सुखाय), तब तक वह काम मैं खुशी खुशी नहीं करता. आपरेशन तो कराना ही है. खुशी खुशी कराओ या दुखी दुखी. तो फिर क्यों न इसे खुशी खुशी कराया जाए. इसके लिए मन को तैयार करना होगा. मन का आह्वान करने के क्रम में पहला अनुष्ठान किया, एक आपरेशन विशेषज्ञ से संपर्क स्थापित कर.
मैंने पटना वाले भाई Himanshu Kumar को आज फोन किया. ये यूरोलोजी के एक बहुत बड़े डाक्टर के साथ काम करते हैं. आए दिन कई कई किडनी स्टोन के केस हैंडल करते हैं. हिमांशु जी से देर तक बतियाया. सवाल और आशंकाएं उनके सामने रखता गया. वे अच्छे से बताते समझाते गए. स्टेंट, एनीस्थिसिया, लेजर, लिथोट्रिप्सी… दर्जनों टेक्निकल और नान-टेक्निकल चीजों को अच्छे से समझाया. मैं सुनता गया… पूछता गया… वो समझाते गए… मैं आंख बंद किए कनसीव करता गया.. चित्र रचता गया… माहौल क्रिएट करता गया… मेरे दिमाग में ओटी संचालित हो रहा था… मैंने खुद अपना आपरेशन होते अपने दिमाग में देख लिया… हर घड़ी कड़ी का गवाह बना…
मेरा साठ प्रतिशत भय आज खत्म हो गया. मैं अब धीरे धीरे खुद को कनवींस कर रहा हूं. काफी हद तक कनवींस कर चुका हूं. इस सहमति में दबाव नहीं है. इस सहमति में जबरदस्ती नहीं है. उपलब्ध विकल्पों में सर्वोत्तम का चयन है फिर उसको अपनाया जाना है.
हिमांशु जी से इतनी सारी बातें की, इतने सवाल पूछे, इतनी शंकाएं आशंकाएं व्यक्त कीं….कि उनका जो जो जवाब आया, उसे एक जगह लिख दूं तो किसी भी किडनी स्टोन मरीज के आपरेशन में जाने से पहले उसे मानसिक रूप से सकारात्मक व्यवहार के लिए तैयार करने के लिए एक जरूरी बुकलेट साबित होगी. मैं तैयार हूं अब, लेकिन थोड़ी-सी हिचक के साथ. एक महान छलांग. एक बड़ी छलांग. इतनी भर के लिए जो शुरुआती आंतरिक उर्जा चाहिए, वो अभी नहीं है. उसे संजो रहो हूं. थोड़े थोड़े उत्साह और दुस्साहस के अणु बटोर रहा हूं. वे शक्ति पुंज बन जाएंगे तो छलांग लगा दूंगा. तो कह सकते हैं कि अभी जो थोड़ी बहुत हिचक है, वह खुद के चलते है, खुद से है. मुझे आंतरिक उर्जा जुटानी है. खुद को सौंप देने के लिए. आपरेशन थिएटर के हवाले करने के लिए. निर्भय होकर.
मेरी बहुत बड़ी दिक्कत है बेहोश न होना. बेहोश न होने की जिद को जीता रहा हूं. एक बेहोशी आए और मैं इसे कुबूल करूं, इसके लिए मुझे खुद से प्रार्थना करना है. ऐसा हुआ नहीं अभी तक. लेकिन खुद को मनाना होगा. खुद को तैयार करना होगा.
और ये सब जो करूंगा न, तो आज एक छोटे से कहे जाने वाले आपरेशन के लिए कर रहा हूं, कल को ये किसी बड़े काम के लिए भी कर सकता हूं. मैंने अपनी शक्तियों को कभी समझा, समेटा और फैलाया नहीं. मैंने शक्तियों में खुद को प्रवाहमान रखा. मुझे अब शक्तियों से खेलना है, इनका इस्तेमाल करना है.
मैं प्रार्थना करता हूं खुद से कि मैं खुद की उर्जा को शांत कर अपनी चेतना को महाचेतना के हवाले कुछ देर के लिए कर सकूं. मैं अपनी देह को इन ब्रह्मंडों के अनंत महादेहों के संरक्षण में कुछ देर के लिए स्वस्थ छोड़ दूं.
मैं शून्य में जाना और जीना चाहता हूं कुछ देर. इसी दौरान डाक्टर आपरेशन कर लेंगे. मैं बहुत कम समय में की गई एक लंबी यात्रा से लौट आऊंगा. आप भी प्रार्थना करिए न!
Satyendra
October 24, 2023 at 3:31 pm
बाइबल में लिखा है ” परमेश्वर तुम्हारा शरणस्थान और गढ़ है । समस्त संसार और संसार से उपजी कोई चीज तेरा बाल भी बांका नही कर पायेगी क्योंकि तू मेरा है और..मैं तेरे संग हूँ । तेरा शोक आनंद में बदल जायेगा इसलिए मत डर और विश्वास कर । परेशानी आएगी लेकिन तेरा कुछ बिगाड़ न पाएगी ।
प्रेमश्वर का कथन है कि तेरे मुंह से निकला शब्द तेरे लिए फल बन जायेगा इसलिए परमेश्वर के सम्मुख अपने मुँह से यह शब्द निकालता हूँ कि यशवंत भाई पर अपनी आशीष बनाये और अपने सामर्थी नाम से परेशान करने वाली किडनी स्टोन को डिजॉल्व कर उन्हें चंगाई दे । आमीन
राजेश विक्रांत
October 24, 2023 at 7:53 pm
आप साहसी हैं। आपका ऑपरेशन सफल होगा। शुभकामनाएं।
फैसल खान
October 24, 2023 at 9:13 pm
अल्लाह पाक आपकी परेशानी दूर करे और आपको जल्द सेहत अता फ़रमाये,आमीन-फिक्र मत कीजिये हज़ारों दोस्तो की दुआएं आपके साथ हैं हमेशा,
ओमी
October 25, 2023 at 3:08 pm
ये सब तुम्हारे पुराने अय्याशी का नतीजा है यशवंत। जब रात रात भर गले तक दारू पिए घूमा करते थे। अब शरीर बदला ले रहा है। जब तक जिओगे ऐसे ही परेशान रहोगे, आज स्टोन कल बीपी परसो शुगर नरसो थायराइड सदसो कैंसर।
anil kumar
October 26, 2023 at 2:23 pm
शुन्य में जाने के लिए अभी थोड़ी और मशक्त करनी पड़ेगी । और ब्रहाम्डो का आनंद तो मुझे पता नहीं लेकिन बहाम्ड का आनंद तो केवल भगवान ही लेते हैं यह मैने सुना है ।