मामला जनसंदेश टाइम्स, बनारस यूनिट का है, जहाँ अभी बीते सप्ताह PF घोटाले वाली जाँच में नए कोतवाल रतन सिंह यादव जाँच आगे बढ़ाने पर तुल गये थे। कई बार पुलिस पहुंची अखबार के दफ्तर, लेकिन सम्पादक रवींद्र कुमार गायब हो जाते ऐन मौके पर। अंत में पत्रकार विजय विनीत ने दबाव डालकर जांच अधिकारी ही बदलवा दिया। कैसे कैसे लोग हैं पत्रकारिता के नाम पर कलंक।
जांच कार्यवाही के दौरान आखिर में पुलिस ने संपादक को थाने आने का आदेश दिया। तब यहाँ पत्रकार विजय विनीत ने कोतवाल रतन सिंह यादव के अति करीबी अनिल यादव को पकड़ा। ये डॉ. अनिल यादव मुगलसराय में लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में कार्यवाहक प्राचार्य रह चुके हैं और अभी अँग्रेजी विभागाध्यक्ष हैं। उन पर विजय विनीत ने दबाव डालकर कल रात में जाँच अधिकारी को बदलवा दिया ताकि जाँच ठंडे बस्ते में चली जाये।
यह भी जानना जरुरी है कि डॉ. अनिल यादव का जनसंदेश से जुड़ाव है और उनका लड़का सिद्धार्थ ब्यूरो चीफ है चंदौली का, जो खुद को जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली से पत्रकारिता पढ़ा हुआ बताता है। यहाँ अखबार में दो तीन माह से पूरे पैसे नहीं मिले। विजय विनीत यहां बीसों बच्चों को पत्रकारिता पढ़ाता है। साहब पढ़ाता क्या है, बस अपना उल्लू सीधा कर रहा है। इस प्रकार संपादक की गिरफ्तारी भी रुक गयी।
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित