ये पत्रकारों का दोस्त है या दुश्मन, जांच अधिकारी ही बदलवा दिया!

मामला जनसंदेश टाइम्स, बनारस यूनिट का है, जहाँ अभी बीते सप्ताह PF घोटाले वाली जाँच में नए कोतवाल रतन सिंह यादव जाँच आगे बढ़ाने पर तुल गये थे। कई बार पुलिस पहुंची अखबार के दफ्तर, लेकिन सम्पादक रवींद्र कुमार गायब हो जाते ऐन मौके पर। अंत में पत्रकार विजय विनीत ने दबाव डालकर जांच अधिकारी ही बदलवा दिया। कैसे कैसे लोग हैं पत्रकारिता के नाम पर कलंक। 

हिमाचल में मजीठिया छानबीन के नाम पर श्रम विभाग की खानापूरी

धर्मशाला : मजीठिया वेतनमान मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर हिमाचल प्रदेश में भी श्रम विभाग सक्रिय हो गया है। अखबारों के कार्यालयों में मजीठिया मामले को लेकर छानबीन शुरू हो गई है। दैनिक जागरण धर्मशाला की बनोई स्थित यूनिट में छानबीन के दौरान लेबर इंस्पेक्टर को कर्मचारियों ने घेर लिया। 

अखिलेश सरकार सीबीआई से नहीं कराएगी जगेंद्र हत्याकांड की जांच, अब हाईकोर्ट की सुनवाई का इंतजार

शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग को प्रदेश सरकार ने ठुकरा दिया है। अब देश-प्रदेश के आंदोलित पत्रकारों और संगठनों की निगाह 25 जून को इस मामले की हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। हत्याकांड का मुख्य आरोपी प्रदेश सरकार का एक आरोपी राममूर्ति वर्मा के होने से इस मांग को ठुकराए जाने की मुख्य वजह माना जार हा है। हत्याकांड में कोतवाली प्रभारी समेत पांच पुलिस वाले भी अभियुक्त हैं। उन्हें निलंबित कर दिया गया है लेकिन एक भी हत्यारोपी अब तक गिरफ़्तार नहीं किया गया है।

शाहजहांपुर में धरने पर बैठे पत्रकार जगेंद्र सिंह के पत्नी बच्चे व अन्य

भ्रष्टाचार की भेट चढ़े पत्रकार की मौत पर आईपीएस अमिताभ ने जांच की मांग उठाई

शाहजहाँपुर निवासी सोशल मीडिया पत्रकार जगेन्द्र सिंह, जो 01 जून 2015 को दिन में अपने आवास विकास कॉलोनी, सदर बाज़ार स्थित मकान में सदर कोतवाल श्रीप्रकाश राय द्वारा दी गयी दबिश के दौरान आग लगने से लगभग 60 फीसदी जल गए थे, की आज सिविल अस्पताल, लखनऊ में मौत हो गयी.

घटना से चिंतित जगेंद्र सिंह के परिजन

विधवाओं के कल्याण के लिए ‘भगवान भजनाश्रम ‘ की जाँच जरूरी

धार्मिक भावनाओं की तुष्टि के सिलसिले में वृन्दावन का नाम कुछ ज्यादा ही श्रद्धा से लिया जाता है। बंगाल में तो बहुत पहले से मान्यता रही है कि स्वर्ग के दरवाजे पर दस्तक वृन्दावन में रहकर ही दी जा सकती है। वैधव्य की आपदाओं से घिरी बंगाली स्त्रियों को बाकी जीवन जीने के लिए वृन्दावन ताकत देता रहा है। यही कारण है कि वृन्दावन में बंगाली विधवाओं की उपस्थिति एक शताब्दी से लगातार बनी हुई है। विडम्बना यह है कि ये विधवाएँ सारा जीवन नारकीय यातनाओं को भोगते गुजार देती हैं। इन अनपढ़, सीधी-सच्ची और दुखी औरतों को इस बात का तनिक आभास नहीं होता कि उनकी वर्तमान हालत पुराने जन्मों के पापों का फल न होकर सुनियेाजित ढंग से धर्म के नाम पर खड़े किए गए आडंबर के कारण है। वृन्दावन में बंगाली विधवाओं की स्थिति एक बार जाल में फँसने के बाद कभी न निकलने वाली मछली की मानिंद है।

प्रसार भारती के छह आला अफसरों के खिलाफ जांच करेगी सीबीआई

सीबीआई प्रसार भारती के छह बड़े अधिकारियों के खिलाफ जांच करेगी। डिप्‍टी डायरेक्‍टर जनरल से लेकर प्रोग्राम के एग्जिक्‍यूटिव प्रोड्यूसर तक जांच के दायरे में हैं। ‘द एशियन एज’ के मुताबिक केंद्रीय सतर्कता आयोग श्रीनगर में दूरदर्शन केंद्र के संचालन में बड़े पैमाने पर गोलमाल मिलने के बाद इस मामले में सक्रिय हुआ है। 

वार्डन ने छात्राओं को मुर्गा बनाया, एसडीएम ने जांच के बाद दिया कार्रवाई का भरोसा

मेरठ : मवाना तहसील रोड स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं को गत दिनो वार्डन ने शौचालय में मुर्गा बनाकर मारा पीटा। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया तो वार्डन ने उन्हें धमकाते हुए बाहर भगा दिया। इसके बाद परिजनों ने एसडीएम मवाना से मामले की शिकायत की। मौके पर पहुंचे एसडीएम ने बच्चों से वार्ता की तो मामला सही पाया गया। एसडीएम ने बताया कि वार्डन के खिलाफ कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट भेजी जा रही है। 

एसडीएम के सामने रो-रोकर आपबीती सुनाती छात्राएं

ब्लैकमेलिंग मामले में ‘सुदर्शन न्यूज’ चैनल के मालिकान भी संदेह के घेरे में! लीपापोती के लिए सारे घोड़े खोले!!

जिन चार लोगों को ब्लैकमेलिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है, उनसे पूछताछ और मोबाइल काल डिटेल चेक करने के बाद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के शक के दायरे में सुदर्शन न्यूज चैनल के एक मालिकान भी आ गए हैं. चैनल के बड़े मालिक हैं सुरेश चह्वाणके. इनके छोटे भाई भी एक मालिक हैं जिनका नाम है राम चह्वाणके. सुदर्शन न्यूज की एसआईटी के लोग राम चह्वाणके के अधीन रहकर काम करते थे. सुदर्शन न्यूज के गिरफ्तार रिपोर्टरों ने क्राइम ब्रांच की पूछताछ में बताया है कि उगाही का एक हिस्सा वह चैनल के मालिक को देते थे.