न्यूज़ एजेन्सी यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई) में पिछले दिनों हुए बड़े उलटफेर के बीच हिंदी के वरिष्ठ पत्रकार और जानेमाने कवि लेखक विमल कुमार उर्फ अरविंद कुमार रिटायर हो गए। वह पिछले 34 वर्ष से यूएनआई की हिंदी सेवा यूनीवार्ता में कार्यरत थे और फिलहाल कार्यवाहक ब्यूरो चीफ थे।
श्री कुमार कई राजनीतिक दलों को कवर करते रहे और पिछले पन्द्रह वर्षों से राज सभा भी कवर कर रहे थे। करीब दो दशक तक उन्होंने संसद की रिपोर्टिंग की।
बिहार के पटना में 9 दिसंबर 1960 को जन्मे श्री कुमार की अब तक 13 पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं और वह देश के तमाम अखबारों में लिखते भी रहे हैं।
श्री कुमार एक प्रतिबद्ध पत्रकार हैं और पत्रकारिता में आई गिरावट को लेकर बहुत चिंतित भी है।उन्होंने आज की पत्रकारिता को लेकर हमेशा सवाल खड़े किए।
श्री कुमार ने भड़ास को बताया कि अब वह रिटायर होने के बाद अपनी कई पुस्तकों पर काम करेंगे और इसके माध्यम से अपनी बात पहुंचाने का काम करेंगे क्योंकि उनका मानना है कि एक पत्रकार को अपनी बात हमेशा बेबाक तरीके से कहनी चाहिए।उसे अपनी एक जीवन दृष्टि जरूर होनी चाहिए और बिना किसी जीवन दृष्टि के सच्ची पत्रकारिता नहीं की जा सकती है ।
श्री कुमार ने 1984 में एक साप्ताहिक पत्र से अपनी पत्रकारिता शुरू की थी और उसके बाद वह तीन दशक से भी अधिक समय तक हिंदी समाचार एजेंसी में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। वे शिक्षा संस्कृति चुनाव आयोग ग्रामीण विकाश मंत्रालय कवर करते रहे।
उन्होंने कविता कहनी व्यंग्य उपन्यास सब विधाओं में लिखा।उनके पांच कविता संग्रह एक उपन्यास एक कहानी संग्रह दो व्यंग्य की किताब छप चुकी है।चोरपु राण उनका चर्चित नाटक है। बिहार के आरशहर पर भी उनकी एक किताब आई है। किताबों में स्त्री नाम से उनकी एक किताब आ रही है। फेसबुक पर आजकल स्त्री दर्पण के माध्यम से स्त्री विमर्श का मंच चलाते है।