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सुख-दुख

गर्दे जी के पौत्र भाऊ का निधन

प्रख्यात पत्रकार लक्ष्मण नारायण गर्दे के पौत्र विश्वास गर्दे का वाराणसी में शनिवार की सुबह अन्ततः निधन हो गया था। वे पिछले एक पखवारे से मौत से संघर्ष कर रहे थे। शुक्रवार को उन्हें निजी चिकित्सालय से स्थानीय शिवप्रसाद गुप्त जिला चिकित्सालय में लाया गया था।

वे परिवारीजनों और मित्रों में भाऊ के नाम से लोकप्रिय थे। मिलनसार और सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहने वाले भाऊ का पिछले दिनों महमूरगंज स्थित एक निजी चिकित्सालय में आंत का आपरेशन किया गया था। तबसे वे सघन चिकित्सा कक्ष में थे।

उनके रक्त में संक्रमण भी था। भाऊ वाराणसी के पत्थर गली स्थित अपने पैतृक निवास में पिता पुरुषोत्तम लक्ष्मण गर्दे के साथ रहते थे। पिता भी अस्वस्थ हैं।

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लाकडाउन के दौरान भाऊ की तबीयत बिगड़ने पर पहले उन्हें मच्छोदरी के बिडला अस्पताल में दाखिल कराया गया था। शनिवार की भोर उन्होंने अन्तिम सांस ली।लक्ष्मण नारायण गर्दे हिन्दी पत्रकारिता के आधारस्तम्भ पत्रकारों में रहे हैं।

भारतमित्र, नवजीवन, वेंकटेश्वर समाचार और हिंदी बंगवासी के संपादकीय दायित्वों का निर्वाह करने वाले गर्दे जी ने मराठीभाषी होते हुए हिन्दी की अप्रतिम सेवा की।

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वे गांधी और तिलक के करीब रहे, सरल गीता लिखी। कल्याण के अंकों का संपादन भी किया।

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गर्दे जी के पौत्र की हालत चिन्ताजनक, आंत का आपरेशन

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