विश्वदीपक-
आशीष चतुर्वेदी याद है? शायद नहीं. भूल गए होंगे. इस पोस्ट के साथ संलग्न तस्वीर आशीष चतुर्वेदी की ही है. अगर आपकी आंखों में देखने की ताकत है तो मुझे कुछ कहने की ज़रूरत नहीं. एक तस्वीर हज़ार शब्दों से ज्यादा बोलती है.
फिर भी संदर्भ के लिए बता रहा हूं कि अगर आप आशीष चतुर्वेदी आरटीआई एक्टिविस्ट हैं. आशीष इस वक्त दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच (निमोनिया संक्रमण के बाद) संघर्ष कर रहे हैं.
मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार के संरक्षण में चलने वाले, आज़ाद भारत के सबसे बड़े और गूढ़ शिक्षा घोटाले VYAPAM का खुलासा आशीष चतुर्वेदी ने ही किया था. इसका इनाम उसे इस रूप में मिला कि उसके ऊपर कई बार संघातक हमला हुआ. अपहरण की कोशिशें की गईं. उसके पिताजी के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी गई थी. मुश्किल से उनकी जान बची थी.
चूंकि भारतीय गणराज्य में हर जान की कीमत बराबर है और चूंकि देश में कानून का ही राज है इसलिए आशीष को, उसी सरकार ने सुरक्षा प्रदान की जो इस महाघोटाले की कर्ता धर्ता है.
यह कोई मैजिकल रियलिज्म नहीं बल्कि विशुद्ध भारतीय यथार्थवाद है. आप देख सकते हैं इस पुरानी तस्वीर में आशीष का रक्षक उसके साथ साइकिल पर पीछे बैठा हुआ है.
VYAPAM महाघोटाले के खिलाफ लिखने-बोलने वाले, इससे जुड़े गवाहों समेत करीब 24 लोगों की हत्या हो चुकी है अबतक. हालांकि मुझे आपकी (भारतीय समाज) की याददाश्त पर पूरा भरोसा है लेकिन यह बात इसलिए लिख रहा हूं कि ताकि कोई आपकी याददाश्त पर सवाल न उठाए.
आशीष चतुर्वेदी साइकल घसीटता हुआ, हांफते-हांफते मृत्यु के दरवाजे तक जा पहुंचा है.
अजय दुबे-
कई दिनों से व्हिसलब्लोअर एक्टिविस्ट आशीष चतुर्वेदी की हालत गंभीर है। सरकार बेखबर है और उनकी कोई रुचि नहीं दिखाई दे रही।
आशीष के पिता कई दिनों से मदद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनका फोन नही उठ रहा है,कमलनाथ अनजान हैं।
कभी वो दौर था जब ये बड़े नाम मप्र में सरकार बनाने के लिए २४ घंटे उपलब्ध रहते थे। खैर समय सबका आता है। दुआ करिए आशीष जल्द स्वस्थ हो।
निदा रहमान-
मैंने जब तक न्यूज चैनल में काम किया बहुत बड़े बड़े हीरो हीरोइन आए। कभी किसी के साथ तस्वीर लेने का दिल ना किया । लेकिन जब मध्यप्रदेश का व्यापम घोटाले का खुलासा हुआ तो घोटाले का खुलासा करने वाले आशीष चतुर्वेदी हमारे गेस्ट बने।
उनके साथ एक तस्वीर ली। आज मौत से जूझ रहे ये तस्वीर भी आशीष की है। दुबली पतली कद काठी के शख्स को देख कर मैं हैरान थी कैसे इसने बीजेपी सरकार की नाक में दम कर दिया था। दुआ करिए आशीष के लिए क्योंकि आशीष जैसे लोग ही उम्मीद हैं इस देश की। आशीष को निमोनिया बताया जा रहा है।
साइकिल से चलने वाले शख्स की जान के दुश्मन बहुत हैं। आप सब दुआ करिए बस। बाकि सरकारों से मदद की कोई उम्मीद नहीं है। Ajay Dubey की पोस्ट से पता चला है कि आशीष के पिता मदद के लिए लोगों से संपर्क कर रहे हैं लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं वहां से।
Get well soon Ashish
Shailendra Kumar Srivastava
August 22, 2022 at 9:30 am
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MK Tillorey
August 23, 2022 at 6:50 am
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Pichle 70 salo me yesa kabhi nahi huaa.