ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज में रकम की कथित हेराफेरी मामले में सेबी ने गुरूवार को प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) से कहा कि एस्सेल ग्रुप के मानद मानद चैयरमैन सुभाष चंद्रा ने तथ्यों को दबाया. चंद्रा ने सैट में फरवरी लास्ट में अपील की थी और 8 मार्च को दलीलें पेश की थीं. उन्होंने इस मामले में राहत के लिए बंबई हाई कोर्ट से भी संपर्क किया है.
चंद्रा की तरफ से 5 मार्च को बंबई हाई कोर्ट में अपील करते हुए मौजूदा जांच को अवैध करार देने की मांग की है. सेबी के वकील डेरियस खंबाटा ने सैट से ये बातें कहीं. खंबाटा ने कहा कि सहयोग करना तो दूर उन्होंने सक्रियता से जांच रोकने के लिए कदम उठाए हैं और समन का जवाब नहीं दे रहे हैं.
इससे पहले सेबी ने ट्रिब्यूनल में कहा था कि चंद्रा, उन्हें जारी समन पर सहयोग नहीं कर रहे हैं. बाजार नियामक, चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका की तरफ से रकम की कथित होराफेरी की जांच कर रहा है. गोयनका ज़ी के एमडी और सीईओ भी हैं. सेबी ने अगस्त 2023 में इस मामले में पुष्टि वाला आदेश जारी कर दोनों को समूह की चारों फर्मों में कोई अहम पद लेने से रोक दिया था. हालांकि, ट्रिब्यूनल ने गोयनका को राहत दी थी.
पहले की सुनवाई में चंद्रा के वकील ने कहा था कि किसी फर्म में वह अहम पद पर नहीं हैं और अगर उनके खिलाफ सेबी के आदेश पर स्थगन मिल जाए तो ऐसे ही रहने के लिए तैयार हैं. उन्होंने तर्क दिया कि जल्दबाजी में आदेश देने की जरूरत नहीं थी और कोई भी आरोप साबित नहीं हुए हैं.
चंद्रा की तरफ से बंबई हाई कोर्ट में की गई अपील में कहा गया है कि समन पढ़ने से पता चलता है कि सेबी ने जांच के चरण में ही मान लिया कि याची दोषी है और वह भी बिना किसी प्रक्रिया, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पालन किए बगैर. ऐसे में मौजूदा जांच सिर्फ दिखावा है. सैट में 19 मार्च को दलील जारी रहेगी.