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जागरण वालों ने कंचन प्रेस नाम से नई कंपनी में दिखा दी गैर-संपादकीय वालों की नियुक्ति

मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ मिलेगा या नहीं, इसको लेकर संशय : दैनिक जागरण मुरादाबाद से खबर है कि प्रबंधन ने गैर-संपादकीय लोगों को एक नई कंपनी में नियुक्ति दिखा दी है. इस नई कंपनी का नाम है कंचन प्रेस प्राइवेट लिमिटेड है. कंचन में नियुक्त दिखाए गए गैर-पत्रकारों को अब यह भय सता रहा है कि कहीं ऐसा करके प्रबंधन ने उन्हें मजीठिया वेज बोर्ड के दायरे से बाहर न कर दिया हो. वैसे कहा जा रहा है कि किसी मूल मीडिया कंपनी के सिस्टर कनसर्न को भी मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ मिलेगा. सच्चाई क्या है, इस बारे में प्रबुद्ध जन मदद करें.

जागरण प्रकाशन कंपनी से जुड़े लोगों ने दैनिक जागरण पर केस करके मजीठिया वेज बोर्ड के लिए जीत हासिल की है. पर क्या कंचन प्रेस कंपनी वाले भी ऐसा कर सकते हैं, इस बारे में सलाह की जरूरत है. क्या मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई में कंचन प्रेस वाले भी शामिल हो सकते हैं? अगर हो सकते हैं तो हमारी मदद करें. कंचन के कर्मचारियों को नींद से जागने की जरूरत है. जगरण में कंचन प्रेस प्राइवेट लिमिटेड के अधीन करके बरेली, मुरादाबाद, कानपुर, लखनऊ व अन्य कई यूनिटों में काम कराया जाता है. जागरण प्रबंधन ने खर्चे बचाने और कम वेतन देने के मकसद से कई उप कंपनियां बना रखी हैं. गैर-पत्रकारों को कंचन नामक कंपनी में नियुक्ति दिखा दी है. कंचन के सारे कर्मचारी मजीठिया वेज बोर्ड के लिए आस लगाए हैं. उम्मीद करते हैं कि भड़ास पर खबर प्रकाशित करके आप लोग हम लोगों की मदद करेंगे.

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एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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0 Comments

  1. सुरेंद्र सोढ़ी

    February 21, 2015 at 4:04 pm

    देखो भाई या तो हम जैसे रीढ़विहीन केंचुआ टाइप के रिपोर्टरों की तरह चुप मारकर बैठ जाओ या फिर सुप्रीम कोर्ट के वकील परमानंद के पास जाओ। पता जनसत्ता एक्सप्रेस पर है। फोन कर लो पहले। 8 मार्च तक का अभी समय है।

  2. जुलाब कोठारी

    February 22, 2015 at 6:47 am

    यहाँ मंच उत्साह बढ़ानेका है। सिर्फ मदद मांगने से कुछ नहीं होगा अपनी लड़ाई आप लड़नी होगी। सुचना मदद कर सकती है,अच्छा हो कि सब अपने स्तर पर रिसर्च करे और अपनी लड़ाई का फार्मूला खुद इज़ाद कर लें।

  3. प्रदीप गंभीर

    February 22, 2015 at 11:03 am

    भाईयो खुद आगे आआ। कोशिश करो न्याय जरूर मिलेगा।

  4. himanshu331

    February 23, 2015 at 8:48 am

    Every company/units under one management, will be considered as one whole company. There are few SC judgement clarifying this issue.

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