पत्रकार रहे और अब भाजपा की राजनीति कर रहे शलभमणि त्रिपाठी व वरिष्ठ पत्रकार रहीस सिंह को योगी सरकार ने नया काम काम दे दिया है. शलभ को सूचना विभाग में सलाहकार बनाया गया है. वे लोकल इलेक्ट्रानिक मीडिया पर नजर रखेंगे. रहीस सिंह को भी सूचना विभाग में सलाहकार बनाया गया है. वे स्थानीय प्रिंट मीडिया का कामकाज देखेंगे.
मृत्युंजय कुमार पहले की भांति मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार बने रहेंगे और यूपी व नेशनल मीडिया का कामकाज मुख्यमंत्री के लिए देखेंगे. बताया जा रहा है कि शलभ और रहीस की तैनाती से योगी सरकार की स्थानीय मीडिया में सकारात्मक छवि बनाने में मदद मिलेगी.
पर सवाल ये है कि जब पूरा प्रदेश नौकरशाहों के हवाले किया जा चुका हो और पुलिस-प्रशासनिक अमला आम जन का खून चूसने में जुटा हो तो सिर्फ मीडिया मैनेजमेंट के जरिए कितने दिनों तक सरकार का छवि सकारात्मक रखी जा सकेगी.
योगी राज में जिस कदर पत्रकारों का उत्पीड़न हुआ है और हो रहा है, वह भयानक है. उम्मीद करते हैं कि शलभ और रहीस पीड़ित पत्रकारों को न्याय दिलाने के लिए भी आगे आएंगे ताकि मनबढ़ अफसरों को सबक सिखाया जा सके.
ज्ञात हो कि शलभ मणि त्रिपाठी लंबे समय तक प्रिंट और टीवी की पत्रकारिता करने के बाद भाजपा में शामिल हो गए. उन्हें बीते लोकसभा चुनाव के दौरान देवरिया से टिकट मिलने की उम्मीद थी पर ऐसा न हुआ. रहीस सिंह भी वरिष्ठ पत्रकार हैं और कई अखबारों में काम कर चुके हैं. उनके आलेख अखबारों में छपते रहे हैं. उन्हें विनम्र और जन भावनाओं को समझने वाला पत्रकार माना जाता है.