बिहार के मुंगेर जिले के वरिष्ठ पत्रकार, अधिवक्ता और शिक्षक काशी प्रसाद का निधन बीती देर रात लगभग 12 बजे मंगल बाजार स्थित निवास पर हो गया। वे विगत दो माह से हृदय रोग से जूझ रहे थे। वे 94 वर्ष के थे। वे अंतिम सांस तक अंग्रेजी दैनिक द टाइम्स आफ इंडिया से संवाददाता के रूप में जुड़े रहे।
वे अपने करियर में देश के ख्यातिप्राप्त अंग्रेजी और हिन्दी अखबारों द स्टेट्समैन, द सर्चलाइट, द इंडियन नेशन, प्रदीप, आर्यावर्त, नवभारत टाइम्स, आज, सन्मार्ग, राष्ट्र्वाणी से संवाददाता के रूप में जुड़े रहे। वे आकाशवाणी से भी जुड़े रहे।
काशी प्रसाद ने मुंगेर के सरकारी श्रीदुर्गा संस्था उच्च विद्यालय में अंग्रेजी शिक्षक के रूप नौकरी की और प्रधानाध्यापक पद पर अवकाशग्रहण किया। शिक्षा सेवा से सेवा-निवृत होने के बाद उन्होंने मुंगेर सिविल कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की और अंतिम सांस तक वकालत के पेशे से जुड़े रहे।
मुंगेर में गंगा नदी पर आज दौड़ रही ट्रेन में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल निर्माण के लिए ‘जागृति‘ संस्था के बैनर तक चलाए गए दशक पुराने आंदोलन का नेतृत्व उन्होंने अध्यक्ष के रूप में किया। उन्होंने आम सभा में पुल न बनने पर सरकार को आत्मदाह की खुली घोषणा की थी।
काशी प्रसाद स्वतंत्रता-सेनानी रहे और भारत छोड़े आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। परन्तु, उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी पेंशन लेने से इन्कार कर दिया। वे अपने पीछे पुत्र श्रीकृष्ण प्रसाद, आचार्य पी0 संजय, अजय कुमार और बिजय कुमार और भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।