उत्तर प्रदेश में पिछले तीन सप्ताह में शाहजहाँपुर में पत्रकार जगेंद्र सिंह को जिन्दा जलाने, जालौन में दो पत्रकारों, कानपुर के पत्रकार दीपक मिश्रा तथा लखनऊ के पत्रकार अमित सिंह पर हमलों के विरोध में जिला पत्रकार संघर्ष समिति उरई कलेक्ट्रेट परिसर में धरना दिया। पत्रकारों ने आरोपी राज्य मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा तथा पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार करने और घटना की निष्पक्ष जांच सीबीआई से कराने की मांग की।
जिला पत्रकार संघर्ष समिति के संयोजक अनिल शर्मा ने बताया कि जालौन जिले के वरिष्ठ पत्रकार दीपक अग्निहोत्री के पुत्र सौरभ को 27 मई 2015 की शाम आधा दर्जन अराजक तत्वों ने लोहे की रॉड , तमंचे, डंडों से लैस होकर पीटा था। अपने पिता को सौरभ ने मोबाइल पर जैसे ही सूचना दी, दीपक अग्निहोत्री, अचल शर्मा, आज के ब्यूरोचीफ अरविन्द द्विवेदी घटना स्थल पर पहुंच गए। हमलावरों ने उनको भीघेर कर लोहे की रॉड, क्रिकेट के बैट से लहूलुहान दिया। बार-बार फोन करने के बावजूद पुलिस घटना स्थल पर नहीं पहुंची। घटना की जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी रामगणेश जिला अस्पताल पहुंचे। अराजक तत्वों से मिलीभगत के चलते कोतवाली पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ रिपोर्ट को हलकी धाराओं में तरमीम कर दिया। इतना ही नहीं, घटना के 18 दिन बाद भी कोतवाल दयाशंकर, जो इस मामले के विवेचक हैं, ने घायल पत्रकारों के बयान नहीं लिए। दो नामजद, चार अज्ञात अभियुक्तों में से पुलिस ने घटना के 8 दिन बाद एक अभियुक्त योगेश राजपूत और 16 दिन बाद पंकज चौहान को गिरफ्तार जेल भेजा। इस से प्रेस को अवगत नहीं कराया गया।
अनिल शर्मा ने बताया कि इसी तरह कानपुर के पत्रकार दीपक मिश्रा को तीन दिन पूर्व अराजक तत्वों ने गोली मारकर हत्या का प्रयास किया। दो दिन पूर्व लखनऊ के कैनविज टाइम्स के पत्रकार अमित सिंह को सपा के छुटभैये नेताओं ने वाहन चढ़ाकर मारने का प्रयास किया। इन सभी घटनाओं में अभी तक अभियुक्त गिरफ्तार नहीं हुए हैं। इसके विरोध में जालौन के पत्रकारों ने धरना देकर पुलिस के विरोध में जमकर नारेबाजी की। सभी पत्रकार मंगलवार को एकजुट होकर प्रदेश में पत्रकारों की हो रही हत्या और कातिलाना हमले के विरोध में नगर में माहिल तालाब से लेकर गांधी चबूतरे तक कैंडल मार्च निकालेंगे।