आलोक प्रकाश पुतुल बीबीसी के लिए छत्तीसगढ़ में रिपोर्टिंग करते हैं. उन्होंने अपनी किसी रिपोर्ट पर पक्ष के लिए बस्तर के आईजी शिवराम प्रसाद कल्लूरी से संपर्क किया तो उन्होंने आलोक को जो मैसेज भेजा, वह इस प्रकार है : “आपकी रिपोर्टिंग निहायत पूर्वाग्रह से ग्रस्त और पक्षपातपूर्ण है। आप जैसे पत्रकारों के साथ अपना समय बर्बाद करने का कोई अर्थ नहीं है, मीडिया का राष्ट्रवादी और देशभक्त तबका कट्टरता से मेरा समर्थन करता है, बेहतर होगा मैं उनके साथ अपना समय गुजारूं, धन्यवाद।”
ये था बस्तर के आईजी शिवराम प्रसाद कल्लुरी का पत्रकार आलोक को भेजा गया मैसेज. इस मैसेज के नीचे उन्होंने बीबीसी हिन्दी की वेबसाइट पर छपी आलोक की एक ख़बर भी पेस्ट की थी जिसमें पत्रकार मालिनी सुब्रहमण्यम और कुछ महिला वकीलों को परेशान किए जाने के मुद्दे पर रिपोर्ट थी. कुछ ही देर बाद लगभग इसी तरह का जवाब बस्तर के एसपी आरएन दास ने आलोक को भेजा, “आलोक, मेरे पास राष्ट्रहित में करने के लिए बहुत से काम हैं, मेरे पास आप जैसे पत्रकारों के लिए कोई समय नहीं है, जो कि पक्षपातपूर्ण तरीक़े से रिपोर्टिंग करते हैं, मेरे लिए इंतज़ार न करें।”
एक अन्य बीबीसी संवाददाता वात्सल्य राय के साथ भी आईजी शिवराम प्रसाद कल्लूरी बेहद तल्खी से पेश आए. आलोक शनिवार को रिपोर्टिंग के सिलसिले में जगदलपुर में थे. ये छत्तीसगढ़ का वो इलाक़ा है जहां पिछले एक दशक से माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच लगभग युद्ध सा छिड़ा हुआ है और इस संघर्ष की ईमानदारी से रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को दोनों पक्षों की ओर से निशाना बनाया जाता रहा है. एक पत्रकार के तौर पर दोनों पक्षों से बात करके ही रिपोर्ट फाइल की जानी चाहिए इसलिए आलोक और वात्सल्य ने पुलिस अधिकारियों से बात करने की कई बार कोशिश की और उन्हें मैसेज डाले. अफसरों के जवाबी मैसेज बेहद डराने वाले थे क्योंकि इन संदेशों से थोड़ी देर पहले ही एक गांव वाले ने आलोक को बताया था, “आपकी तलाश की जा रही है, कुछ भी हो सकता है.”
जब बीबीसी के दिल्ली कार्यालय ने इस मामले में आईजी शिवराम प्रसाद कल्लूरी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बीबीसी संवाददाता वात्सल्य राय को पत्रकार मानने से ही इनकार कर दिया और कहा, “मेरे मुताबिक़ पत्रकार वही है जो प्रेस कॉन्फ़्रेंस में आता है, जिसे हम जानते हैं, जिससे हम रोज़ाना बात करते हैं। कोई ऐरा गैरा फ़ोन करके इसी तरह लंबा इंटरव्यू करना चाहता है तो क्या हम कोई संवाद केंद्र चला रहे हैं। फोन रखिए, और अगर आलोक प्रकाश पुतुल की कोई समस्या है तो उनसे मुझे फ़ोन करने को कहें।”