प्रतिबंधित दवा बेचने वाले मेडिकल स्टोर मालिक ने आफिस में घुसकर महिला ड्रग इंस्पेक्टर की कर दी हत्या
Yusuf Kermani : नेता सुर्ख़ियाँ बनाते हैं और बटोरते हैं। चंद ईमानदार कर्मचारी और अफ़सर सिस्टम से लड़ते हैं और मर खप जाते हैं। एक मामूली ड्रग इंस्पेक्टर को कौन जानता है। लेकिन नेहा सूरी को अब हर कोई जान गया है। पंजाब के हेल्थ डिपार्टमेंट में काम करने वाली इस महिला की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी गई कि उन्होनें एक ऐसी केमिस्ट शॉप का लाइसेंस कैंसल कर दिया था जो प्रतिबंधित दवाएँ बेचता था। नेहा सूरी उस सिस्टम से लड़ रही थीं जो ‘उड़ता पंजाब’ में दवा की दुकानों पर प्रतिबंधित दवाएँ बिकने देता है।
यह रेयर ऑफ़ द रेयरेस्ट केस है कि कोई ड्रग इंस्पेक्टर इतना ईमानदार था कि उसकी हत्या कर दी गई। मैंने मेडिकल बीट में रिपोर्टिंग की है, किसी ड्रग इंस्पेक्टर को नेहा सूरी जैसा नहीं पाया। ड्रग कंट्रोलर और ड्रग इंस्पेक्टर मिलकर ऐसा सिस्टम बनाते हैं कि तमाम अवैध दवा कंपनियाँ या दवाओं के महँगे रेट का धंधा इन्हीं के दम पर चलता है। लाइलाज बीमारियों की दवाओं के रेट में केमिस्ट 50 से 75 फ़ीसदी का मार्जिन वसूलते हैं लेकिन कभी कोई ड्रग इंस्पेक्टर यह सब चेक करने नहीं जाता है।
नेहा सूरी खबर मीडिया में कुछ देर का होहल्ला है। कल किसी फेंकू के वादे की नई सुर्खी आने के बाद हम सब नेहा सूरी को भूल चुके होंगे।…अलविदा नेहा…यह सिस्टम आप जैसों के लिए नहीं बना है।….
Vikash Rishi : भारत में नकली दवाईयों और मेडिकल इंडस्ट्री में जितना भ्रष्टाचार है। शायद उतना राजनीति में भी नहीं है! ये तस्वीर बेख़ौफ़ सरकारी अधिकारी नेहा शौरी की है। कल पंजाब के मौहली/खरड़ में तैनात इस ड्रग इंस्पेक्टर को एक मेडिकल शॉप के मालिक (डॉ बलविंदर सिंह) ने अपनी रिवाल्वर से (.32 बोर की 4 से 5) गोलियां मार दी। अपराधी इतना बेख़ौफ़ था कि वो रिवाल्वर लेकर सीधे सरकारी दफ़्तर में घुस गया और नेहा के सहकर्मियों के सामने उसे गोली मार दी।
नेहा से उसका बैर उसके कारोबार में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर था। ड्रग इंस्पेक्टर की अपनी जिम्मेदारियां ईमानदारी से निभाते हुए नेहा ने जब इसकी मेडिकल शॉप को सरकारी मानकों पर खरा नहीं पाया तो उसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया था।
दरअसल पंजाब का केमिस्ट बिज़नेस देश के अन्य हिस्सों की तरह न सिर्फ नक़ली दवा माफियाओं के शिकंजा में है। बल्कि यहाँ के सबसे खतरनाक नशा ‘चिट्टा यानी कि स्मैक, ब्रॉउन शुगर’ के अलावा यहां की नौजवान पीढ़ी कोरेक्स एवं अन्य प्रतिबंधित दवाओं को भी नशे के लिए इस्तेमाल में लाती है। यहाँ के ज़्यादातर मेडिकल शॉप्स में सालों से प्रतिबंधित दवाओं को बेचा जाता है। कुछ ड्रग इंस्पेक्टर कुछ ले देकर इससे इससे समझौता कर लेते हैं जबकि नेहा शौरी जैसे अपनी जिम्मदरियों के लिए कुर्बान हो जाते हैं।
गौरतलब है कि आरोपी डॉ बलविंदर सिंह खुद एक डॉ था। घटना को अंजाम देकर भागने के दौरान उसकी बाइक एक खंबे से टकरा गई और बुरी तरह से घायल होने के कारण वो लोगों के हत्थे चढ़ गया। ऐसे में उसने नजाने क्या सोचकर अपनी रिवाल्वर से खुद को भी गोली मार ली।
D.S. Srivastav : ड्रग्स अधिकारी नेहा शौरी की हत्या से हर कोई सन्न, दिख रहा आक्रोश… पंजाब के खरड़ में हुई ड्रग्स ऑफिसर नेहा शौरी की हत्या ने सभी को दहलाकर रख दिया है। 10 साल पुरानी रंजिश के चलते एक शख्स ने जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पद पर तैनात महिला अधिकारी नेहा शौरी की हत्या कर दी। नेहा ने साल 2009 में ड्रग इंस्पेक्टर के पद पर रहने के दौरान आरोपी की दवा की दुकान का लाइसेंस कैंसल किया था, जिसके बाद से वह नेहा से रंजिश रखने लगा था। घटना के बाद देशभर से लोगों का सोशल मीडिया पर गुस्सा फूट पड़ा है और वे उनके लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं।
पूर्व स्पेशल फोर्सेस अधिकारी और हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए मेजर (रिटायर्ड) सुरेंद्र पूनिया ने लिखा, ‘सरकारी अधिकारी नेहा की एक अनाधिकृत दवाइयां रखने वाली दुकान का लाइसेंस कैंसल करने पर हत्या कर दी गई। बहादुर अफसर नेहा ने हजारों जिंदगियां बचाने के लिए अपनी जान दे दी। नेहा, आप देश के युवाओं के लिए एक हीरो हो।’
पंजाब पुलिस का कहना है कि 2009 में दवा की दुकान का लाइसेंस कैंसल करने के चलते बलविंदर नेहा शौरी के खिलाफ बदले की भावना से भर गया था और उसने उनकी हत्या की साजिश रची थी। शुक्रवार सुबह जब नेहा खरड़ स्थित अपने दफ्तर में मौजूद थीं तो आरोपी बलविंदर सिंह ने सुबह 11 बजकर 40 मिनट में उनके कार्यालय में घुसकर .32 बोर लाइसेंसी रिवॉल्वर से तीन गोलियां मारकर उनकी हत्या कर दी। बलविंदर बैग में रिवॉल्वर लेकर आया था। बताया जा रहा है कि घटना के समय कार्यालय में एक ही सिक्यॉरिटी गार्ड तैनात था, लेकिन वह बलविंदर को देख नहीं पाया।
पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई है। नेहा पर जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त वह अपनी 3 साल की भतीजी से बातें कर रही थीं। हमलावर ने बच्ची के सामने ही नेहा पर तीन गोलियां दागीं। एक गोली उनके सीने पर, दूसरी चेहरे पर और तीसरी कंधे पर लगी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
नेहा 2016 से जोनल लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पद पर तैनात थीं। पुलिस ने बताया कि हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू की गई है। शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपी बलिंदर मोरिंडा में दवा की दुकान चलाता था और 2009 में नेहा ने उसकी दुकान पर छापा मारा था। नेहा ने वहां से कथित रूप से नशीली दवाएं बरामद की थीं। इसके बाद नेहा ने उसके दवा दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
Sharad Pratap Singh : ये है डॉ नेहा शौरी, जो पंजाब में ड्रग इंस्पेक्टर के पोस्ट पर तैनात थीं। कुछ हीं महीने पहले इन्होंने कुछ फार्मेसी आउटलेट्स पर छापा मारा था और प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री के लिए उनके लाइसेंस रद्द कर दिए थे। कल, एक ड्रग माफिया ने मोहाली में इनके ऑफिस में घुसके दिनदहाड़े इन्हें गोली मार दी। पंजाब के लगभग 70-80% युवाओं को बर्बाद कर चुकी ड्रग्स से लड़ने वाली एक ऐसी ईमानदार अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर देना ये हमारे समाज की बहुत बड़ी छति है।
क्यो की नेहा शौरी और इन जैसे लोगों की बहादुरी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी हमारे सशस्त्र बलों,सेना और पुलिस की। ये लोग देश को अंदर से सुरक्षित करते हैं। वे हमारे समाज, हमारे युवाओं, हमारे लोगों की रक्षा करते हैं। इस बहादुर और ईमानदार महिला को दिल से सैल्यूट है जिन्होंने कई युवाओं के भविष्य की रक्षा करते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया। नेहा शौरी जी को दिल से श्रद्धांजलि….
सौजन्य : फेसबुक