इसमें एक सूचना है, पैन नहीं … तो रद्द हो जाएगी उम्मीदवारी। इसके मुताबिक हलफनामा दाखिल करते वक्त उम्मीदवारों को पैन की जानकारी देनी होगी। ऐसा नहीं करने वालों की उम्मीदवारी रद्द हो जाएगी।
इस संबंध में फेस बुक पर 4 अक्तूबर 2018 की अपनी एक पुरानी पोस्ट कॉपी पेस्ट कर रहा हूं।
“29 दलों के 194 नेताओं ने चुनाव आयोग को दिए हैं गलत पैन नंबर,
कोबरा पोस्ट का सनसनीखेज खुलासा
इन नेताओं में छह पूर्व मुख्यमंत्री, 10 कैबिनेट मंत्री, आठ पूर्व मंत्री, 54 मौजूदा विधायक, 102 पूर्व विधायक, एक पूर्व डिप्टी स्पीकर, एक पूर्व स्पीकर, एक पूर्व सांसद और एक उप मुख्यमंत्री शामिल हैं। ये नेता देश की 29 छोटी-बड़ी राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हैं। भाजपा के 41 नेता हैं। इनमें 13 विधायक, 15 पूर्व विधायक, 9 मंत्री, एक पूर्व स्पीकर, एक पूर्व मंत्री, एक पूर्व मुख्यमंत्री और एक गवरनर शामिल हैं। कांग्रेस के कुल 72 नेता हैं। इनमें 13 विधायक, 48 पूर्व विधायक, एक मंत्री, पांच पूर्व मंत्री, चार पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व डिप्टी स्पीकर हैं।
कोबरा पोस्ट ने अपने एक सनसनीखेज खुलासे में दावा किया है कि देश के 194 नेताओं ने चुनाव आयोग को चुनाव लड़ने के लिए दी गई जानकारी में गलत पैन नंबर दिया है। पैन मतलब पर्मानेंट अकाउंट नंबर या स्थायी खाता संख्या। यह आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है और आपके तमाम आय, व्यय और संपत्ति आदि की खरीद बिक्री सब इससे जुड़े रहते हैं या जुड़े रहने चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी जांच या मिलान हो सके। आय छिपाना और बेनामी संपत्ति को रोकने के लिए पैन नंबर जरूरी है। और तो और बैंक में 50 हजार रुपए से ज्यादा नकद जमा करने पर भी पैन नंबर देना अनिवार्य है। ऐसे में इसकी महत्ता समझी जा सकती है।”
अखबार में खबर छपने से लगता है कि यह लागू भी है या हो जाएगा (जैसी भी स्थिति हो)। एक पाठक के रूप में मैं यही समझता था कि अगर अखबार ने सूचना दी है कि ऐसा नियम है तो उसका पालन नहीं होने के मामले की सूचना भी अखबार ही देगा। पर क्या ऐसा हो रहा है? मैं अमर उजाला का नियमित पाठक नहीं हूं। आप देखिए और जानिए। अगर छपा है तो अच्छी बात है। आपका अखबार आपको जरूरी सूचनाएं देता है। नहीं देता है तो आंख मूंदकर भरोसा करने से पहले संभल जाइए। यह सिर्फ अमर उजाला के लिए नहीं है। सभी अखबारों और सभी पाठकों के लिए है। यह तो संयोग है कि मुझे सबसे पहले यह सूचना अमर उजाला में दिखी। सरकारी घोषणा है तो और भी अखबारों में होगी और सब की जिम्मेदारी थी कि गलत पैन दिए जाने की सूचना आपको देते। दी?
https://www.bhadas4media.com/wrong-pan-number/
पूरी खबर भड़ास4मीडिया पर भी थी। वहां कोबरा पोस्ट के वीडियो का लिंक भी है। यह खबर आपको मालूम थी? आपके अखबार में छपी थी? इसका कोई फॉलो अप आपने कहीं देखा? कोई सूचना जानकारी है? क्या इस खबर का फॉलो अप नहीं होना चाहिए था? आपने सैकड़ो विज्ञापन देखे क्या कोई विज्ञापन दिखा जिसमें इस मामले की चर्चा हो, इस पर कार्रवाई की कोई बात हो?
प्रधानमंत्री का दावा है भष्टाचार खत्म हो गया है। नामुमकिन मुमकिन है। कैसे आप समझ सकते हैं।
संजय कुमार सिंह