Connect with us

Hi, what are you looking for?

टीवी

अमीष देवगन उवाच- मंदिर जाओगे तो अस्पताल जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी!

बिमल कुमार यादव-

न्यूज़ अट्ठारह का एंकर अमीष देवगन बोल रहा है कि मंदिर जाओगे तो अस्पताल जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कई लोग उसके इस प्रवचन की खिल्ली उड़ा रहे हैं। कई इसकी कड़ी निंदा और भर्त्सना कर रहे हैं। मुझे लगता है कि वह मनोरोग की बात कर रहा है। मनोरोगियों के लिए मंदिर एक ज़रूरी जगह है। मन के शांत होने से भी कई मनोरोग मद्धिम पड़ जाते हैं।

अपने देश में मनोचिकित्सकों का घोर अभाव है। लोगों में जागरूकता भी नहीं। बहुसंख्य आबादी मानसिक विक्षिप्तता का शिकार होने के बावजूद यह जानती ही नहीं कि वो शिकार है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

ऐसे में यदि कोई मंदिर जाने पर अस्पताल न जाने की बात कर रहा है तो उसकी निंदा नहीं बल्कि प्रशंसा होनी चाहिए। अमीष देवगन यदि रोज़ मंदिर जाते होते तो उनकी हालत कटहा कुक्कुर जैसी नहीं होती। उन्हें अपने इस ज्ञान पर अमल भी करना चाहिए।

हालाँकि मेरा मानना है कि बड़े-बड़े मंदिरों से बेहतर इलाज अपने मन के या या फिर घर के मंदिर में किया जा सकता है। बड़े-बड़े मंदिरों का रोल अब वही है जो बड़े बड़े शॉपिंग मॉल्स का है। एक बड़ी संख्या सिर्फ़ विंडो शॉपिंग करने जाती है। इससे उनका मन शांत हो जाता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

शारीरिक रोगों का इलाज अस्पताल जा कर ही सम्भव है।

अमीष देवगन मनोरोगी तो है ही। उसे इससे मुक्ति के लिए मंदिर जाना चाहिए। जाता तो ऐसी हालत नहीं होती उसकी।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement