अमिताभ सिन्हा आजतक छोड़ आईबीएन7 पहुंचे, तुषार बनर्जी ने ‘बीबीसी’ और अभिषेक ने ‘खबर मंत्र’ छोड़ा

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आजतक में कई वर्षों से कार्यरत पत्रकार अमिताभ सिन्हा ने दुखी मन से इस्तीफा दे दिया है. चर्चा है कि अमिताभ खुद की उपेक्षा से नाराज थे. पिछले तीन वर्षों से उनको प्रमोशन नहीं दिया गया था. वे भाजपा बीट कवर करते थे और नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू ले पाने में टीवी टुडे ग्रुप से अमिताभ सिन्हा ही सफल हो पाए थे. बताया जाता है कि नरेंद्र मोदी ने खुद इच्छा जताई थी कि वो अगर टीवी टुडे में किसी को इंटरव्यू देंगे तो वो अमिताभ सिन्हा होंगे.

अमिताभ सिन्हा ने जब अपना इस्तीफा चैनल प्रबंधन को भेजा तो कली पुरी से लेकर सुप्रिय प्रसाद तक उन्हें मनाने में जुट गए. भाजपा इन दिनों सत्ता में है और भाजपा बीट पर अमिताभ सिन्हा अच्छी पकड़ रखते हैं, इसलिए उन्हें खोने के लिए चैनल प्रबंधन तैयार न था. लेकिन अमिताभ सिन्हा नहीं माने. उनकी पहले ही बात आईबीएन7 में हो गई थी. उन्होंने राजनीतिक संपादक पद पर आईबीएन7 ज्वाइन किया है.

बीबीसी हिंदी आनलाइन में कार्यरत पत्रकार तुषार बनर्जी ने इस्तीफा दे दिया है. वे राघव बहल के नए लांच होने वाले आनलाइन न्यूज वेंचर के हिस्से हो गए हैं. तुषार ने बनारस स्थित बीएचयू से पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद कई संस्थानों के साथ कार्य किया. न्यूज और टेकनालजी की बेहतरीन समझ रखने वाले तुषार ने बीबीसी में कार्य के दौरान कई बड़ी खबरें ब्रेक की. बीबीसी में हुए विदाई समारोह के बारे में तुषार बनर्जी अपने फेसबुक वॉल पर लिखते हैं: ”Big thanks to wonderful souls at the BBC for organising this lavish send-off…..My stint has been truly enriching and has helped me transform into a more professional individual. I will miss my office, colleagues, and those readers’ mails where I often got mentioned….But to move on is life….A short break awaits me before I take up the new responsibility at a newer place…Blessings awaited 🙂 ”

रांची के अखबार ‘खबर मंत्र’ से सूचना है कि अभिषेक कुमार राय ने सब एडिटर पद से रिजाइन दे दिया है. उन्होंने इस्तीफा देने के बाद अखबार के अंदर की तस्वीर को मेल के जरिए उजागर किया है. उन्होंने लिखा है कि एक बिल्डर अखबार का संपादक बनकर वहां अपने काले ब्लैक कारनामों को वाइट करने में जुटा है. चिरौंदी की जमीन, उसके द्वारा रैयतों को दिया गया चेक और उसमें गड़बड़ी, जमीन मामले में उनकी कंपनी को बचाने के लिए अखबार का यूज किया गया. जब सारा कुछ सध गया तो वे खुद संपादक बन बैठे हैं. अब वहां का माहौल काम करने लायक नहीं रहा है इसलिए प्रतिष्ठा के साथ वे बाहर आए गए, अपना त्यागपत्र देकर. अभिषेक ने लिखा है कि खबर मंत्र अब जी-हजूरी करनेवालों का दरबार बन गया है.



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