पत्रकारिता में कभी इसलिए लोग आते थे कि वो देश और समाज की बेहतरी के लिए कुछ कर पाएंगे. सत्ता की गड़बड़ियों की पोल खोल पाएंगे. आम आदमी के दुख-दर्द को साझा कर पाएंगे. पर समय ऐसा बदला कि मीडिया हाउस भारी भरकम प्रलोभन में फंसकर खुद ही सत्ता के प्रवक्ता बन बैठे.
मीडिया हाउसों और मीडिया मालिकों के रीढ़ विहीन होने के बाद गाज इनके पत्रकारों पर गिरनी थी. सो यहां कार्यरत पत्रकार अब पत्रकार नहीं बल्कि गली के छिछोरे लौंडे बन गए हैं. इनकी पत्रकारिता की स्तर ये है कि ये दिन भर चिल्ला चिल्ला कर दीपिका पादुकोण की गाड़ी का पीछा करते हैं.
यही काम कोई आम नागरिक करे तो उसे दूसरों की जान खतरे में डालने की धारा लगाकर जेल भेज दिया जाता लेकिन ये कार्य हमारे देश के महान न्यूज चैनलों के महान पत्रकारों के जरिए संपादित किया जा रहा है इसलिए कहीं कुछ न होगा.
इसी आजतक चैनल के एक पत्रकार को मुंबई में एक ड्रग पैडलर ने लाइव पीटा था. पर आजतक न्यूज चैनल की इतनी हिम्मत न हुई कि वह अपने रिपोर्टर को पीटे जाने के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा सके.
ये है आज के नपुंसक और भांड़ मीडिया हाउसों का सच.
निधि राजदान ने आजतक के पत्रकार अशोक सिंघल को लेकर जो ट्वीट किया है, उसे पढ़ें और वीडियो देखें… पर बुजुर्ग होते जा रहे अशोक सिंघल को शर्म मगर कहां आएगी…
रिपब्लिक टीवी और इसका मालिक अरनब गोस्वामी तो सरेआम बदनाम है. ये पत्रकारिता की जगह सुपारीकारिता कर रहे हैं. पर दुख ये है कि इनके ही रास्ते पर बाकी सारे चैनल चल पड़े हैं. भारत टीवी न्यूज इंडस्ट्री में ये भेड़चाल नया नहीं है. पहले भी जब एक चैनल ने भूत प्रेत की पत्रकारिता से टीआरपी हासिल की तो बाकी सब इसी राह पर चल पड़े थे.
जब पूरे देश के किसान अपने दुख-दर्द के लिए सड़कों पर उतरे थे तो भारत के सारे टीवी न्यूज चैनल दीपिका पादुकोण की हंटिंग में लगे थे. देखें रिपब्लिक भारत की आज की पत्रकारिता का ये वीडियो–