सहारा का हाल : अय्याशी के लिए पैसा है पर कर्मचारियों के लिए नहीं!

Share the news

चरण सिंह राजपूत

सुना है कि पैरोल पर जेल से छूटे सहारा के चेयरमैन सुब्रत राय ने 18 जनवरी की शाम को दिल्ली के मौर्य होटल में भव्य कार्यक्रम आयोजित कर अपनी शादी की वर्षगांठ मनाई। इस कार्यक्रम में करोड़ों का खर्च किया गया। जनता के खून-पसीने की कमाई पर मौज-मस्ती करना इस व्यक्ति के लिए कोई नयी बात नहीं है। गत दिनों लखनऊ में अपनी पुस्तक ‘थिंक विद मी’ के विमोचन पर भी करोड़ों रुपए बहा दिए। अखबारों में विज्ञापन छपवाया कि देश को आदर्श बनाओ, भारत को महान बनाओ। दुर्भाग्य देखिए, यह सुब्रत राय अपनी संस्था और अपने आप को तो आदर्श व महान बना नहीं पाए लेकिन देश को आदर्श और महान बनाने चल पड़े हैं। गरीब जनता को ठगेंगे। कर्मचारियों का शोषण और उत्पीड़न करेंगे पर देशभक्ति का ढकोसला करेंगे। यह व्यक्ति कितना बड़ा नौटंकीबाज है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यदि आप सहारा के कार्यालयों में जाएंगे तो आपको वहां पर भारत माता की तस्वीर दिखाई देगी।

कार्यक्रमों की शुरुआत में आप इस व्यक्ति को भारत माता की तस्वीर के सामने दीप प्रज्ज्वलित करते पाएंगे। दिखावे के लिए यह संस्था गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस को भारत पर्व के रूप में मनाती है। तिरंगे का इस्तेमाल ऐसे किया जाता है कि जैसे इनसे बड़ा देशभक्त कोई दूसरा हिन्दुस्तान में नहीं। देशभक्तों को लूटकर देशभक्ति का जो दिखावा ऐसे लोग कर रहे हैं। यह देश के लिए बहुत घातक है। ऐसे लोगों के चेहरे बेनकाब करने बहुत जरूरी है। कारगिल के नाम पर अपने ही कर्मचारियों से अरबों रुपए की उगाही करने वाला। जेल से छुड़ाने के नाम पर अपने ही कर्मचारियों से अरबों रुपए ठगने वाला यह व्यक्ति देश और समाज दोनों को बेवकूफ बना रहा है। सुप्रीम कोर्ट को बनाने चला था कि आ गया शिकंजे में। अपनी मां के निधन पर पैरोल पर जेल से छुटकर कर्मचारियों में आतंक का माहौल बना रहा है।

जिन कर्मचारियों के बल पर 2000 रुपए से दो लाख करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित कर पाया यह व्यक्ति, अब उन्हीं कर्मचारियों को बर्बाद करने में लगा है। कर्मचारियों को सच बोलने की शिक्षा देने वाले इस व्यक्ति को सच्चाई पसंद नहीं। जो जितना झूठ बोलता हो, चाटुकारिता करता हो। निर्लज्ज और बेशर्म हो। वह उतना ही इसे पसंद आता है। स्वाभिमानी, खुद्दार और ईमानदार कर्मचारी तो जैसे इसका सबसे बड़ा दुश्मन हो। प्रवचन ऐसे देता है कि बाबा आशाराम और रामपाल भी शर्मा  जाएं। कितना निरंकुश और तानाशाह है यह व्यक्ति। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब मीडिया में सहारा में चल रही अराजकता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया तो जैसे इसके सीने पर पैर रख दिया गया हो। इस व्यक्ति ने आंदोलन की अगुआई कर रहे कर्मचारियों को जेल में बुलाकर धमकाना चाहा पर उन कर्मचारियों की दाद देनी पड़ेगी कि उन्होंने हर बात का मुंहतोड़ जवाब दिया। देशभक्ति का ढकोसला करने वाली संस्था पर जिस दिन सीबीआई जांच बैठेगी उस दिन लोगों को पता चल जाएगा कि इसमें कितने गड़बड़झाले हुए हैं।

यह वह संस्था है जिसके मालिकान और अधिकारी अय्याशी करते हैं और कर्मचारियों को एक-एक पैसे के लिए तरसाया जाता है। भले ही आज की तारीख में कर्मचारियों को वेतन मिलने लगा हो पर आज भी 10-17 माह का बकाया वेतन संस्था पर है। जिन कर्मचारियों का रिटायरमेंट हुआ है। उन्हें पैसा नहीं दिया गया। जिन लोगों ने एक्जिट प्लॉन के तहत नौकरी छोड़ी है। उन्हें पैसा नहीं मिला है। हमेशा कोर्ट के सम्मान की बात करने वाला यह व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रिंट मीडिया को मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से वेतन देने को तैयार नहीं। जिंदगी के महत्पवूर्ण 20-25 साल संस्था को देने वाले कर्मचारी अब इसे बोझ लगने लगे हैं। किसी को तबादले के नाम पर तो किसी को बर्खास्त कर और किसी को तरह-तरह के तरीके अपनाकर परेशान कर नौकरी से निकालने में लगा है। वह भी बिना भुगतान किए बिना। मीडिया से 22 कर्मचारी मई माह में निकाल दिए गए थे कि हाल ही में 25 कर्मचारियों की नौकरी ले ली गई। यह कर्मचारी इस हाड़ कंपकपाती ठंड में राष्ट्रीय सहारा (नोएडा) के मेन गेट पर जमीन पर बैठकर अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं पर इन लोगों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। इन सब बातों की ओर शासन-प्रशासन, उत्तर प्रदेश व केंद्र सरकारों के अलावा सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकृष्ट करना बहुत जरूरी हो गया है।

चरण सिंह राजपूत

पूर्व सहारा कर्मी

charansraj12@gmail.com

इन्हें भी पढ़ें…

xxx

xxx



भड़ास का ऐसे करें भला- Donate

भड़ास वाट्सएप नंबर- 7678515849



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *