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उत्तर प्रदेश

थाने में महिला को जिंदा जलाने की घटना की हो सीबीआई जांच – आइपीएफ

लखनऊ : बाराबंकी के कोठी थाने में आंगनबाड़ी कार्यकत्री नीतू को पुलिस द्वारा जिंदा जलाकर मार डालने की घटना पर आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) की प्रदेश अध्यक्ष प्रो0 कमर जहां ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। आइपीएफ अध्यक्ष ने महिला की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करते हुए उ0 प्र0 सरकार से इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने, दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने और मृतक महिला के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। 

<p>लखनऊ : बाराबंकी के कोठी थाने में आंगनबाड़ी कार्यकत्री नीतू को पुलिस द्वारा जिंदा जलाकर मार डालने की घटना पर आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) की प्रदेश अध्यक्ष प्रो0 कमर जहां ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। आइपीएफ अध्यक्ष ने महिला की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करते हुए उ0 प्र0 सरकार से इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने, दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने और मृतक महिला के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। </p>

लखनऊ : बाराबंकी के कोठी थाने में आंगनबाड़ी कार्यकत्री नीतू को पुलिस द्वारा जिंदा जलाकर मार डालने की घटना पर आल इण्डिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) की प्रदेश अध्यक्ष प्रो0 कमर जहां ने गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। आइपीएफ अध्यक्ष ने महिला की मृत्यु पर संवेदना व्यक्त करते हुए उ0 प्र0 सरकार से इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने, दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें तत्काल गिरफ्तार करने और मृतक महिला के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। 

उन्होंने बताया कि कल इस घटना की जांच के लिए आइपीएफ के प्रदेश संगठन महासचिव दिनकर कपूर के नेतृत्व में एक टीम बाराबंकी जायेगी। प्रो0 कमर जहां ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज नहीं रह गया है। पुलिस व प्रशासन निरंकुश होता जा रहा है और गुण्ड़ा-माफिया ताकतों का मनोबल बढ़ा हुआ है। प्रशासन ने यदि पत्रकार जगेन्द्र की घटना में कड़ाई से कार्यवाही की होती तो इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होती।

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उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री के मृत्युपूर्व बयान के बाबजूद पुलिस प्रशासन ने दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया है जो यह स्पष्ट तौर पर दिखाता है कि प्रशासन दोषियों को बचाने में लगा है। इसलिए इस घटना की मजिस्ट्रेट से जांच कराना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि इसकी सीबीआई जांच करायी जानी चाहिए। 

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