जबलपुर । दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण के प्रबंधन को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने जबलपुर के अपूर्वा हाइट प्रोजेक्ट के खिलाफ तथ्य हीन खबर छापने के कारण नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उस शिकायत के आधार पर दिया गया है जिसमें अपूर्वा हाइट के स्वामित्व को लेकर दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण ने लगातार सिलसिलेवार स्टोरी छापी थी और बिल्डर के तथ्यों को भी दरकिनार कर दिया था।
दैनिक भास्कर के इस कृत्य के खिलाफ व्यथित होकर अपूर्वा हाइट्स के प्रमोटर्स एंड डेवलपर्स बृजेश तिवारी ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष सभी दस्तावेजों साथ शिकायत की थी। इसके बाद 27 सितंबर 2021 को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने कारण बताओ नोटिस दैनिक भास्कर के प्रबंध निदेशक कैलाश अग्रवाल, गिरीश पांडे सहायक संपादक और आशीष शुक्ला पत्रकार को जारी किया है। पीसीआई ने प्रकाशित खबरों के संबंध में जवाब तलब किया है।
यह नोटिस प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की सचिव अनुपमा भटनागर की तरफ से जारी किया गया है। अनुपमा भटनागर ने नोटिस में लिखा है कि शिकायत में उपलब्ध सामग्री पर सावधानीपूर्वक विचारों उपरांत मुझे निर्देश हुआ है कि प्रेस परिषद जांच प्रक्रिया विनियम 1979 के विनियम 5 (1) के अंतर्गत आपसे कारण बताने के लिए कहा जाए कि आप के विरुद्ध भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम 1978 की धारा 14 के अंतर्गत कार्यवाही क्यों न की जाए। ऊपर उल्लेखित विनियमों के विनियम 6 के अनुसार आप इस शिकायत के उत्तर में अपना लिखित वक्तव्य 3 प्रतियों सहित इस नोटिस प्राप्ति के 14 दिनों के भीतर प्रस्तुत करें तथा शिकायतकर्ता को इसकी प्रतिलिपि प्रेषित करें तत्पश्चात इस मामले को प्रेस परिषद की जांच समिति के समक्ष उचित आदेश हेतु प्रस्तुत किया जाएगा।
क्या है शिकायत…
मैं ब्रजेश तिवारी प्रोमोटर एवं डेवलपर इस शिकायत के माध्यम से दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण में प्रकाशित कुछ भ्रामक समाचारों की तरफ आपका ध्यान आकृष्ट करना चाह रहा हूं। पत्रकारिता के उच्च मापदंडों की बड़ी बड़ी बात करने वाले दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण ने मेरे अपूर्वा हाइट्स प्रोजेक्ट के खिलाफ पूरी तरह भ्रामक खबर प्रकाशित करके मेरे प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाकर मेरे ग्राहकों को न केवल भ्रमित किया गया बल्कि मेरी साख को समाज के बीच गिराने का काम भी किया है। मैं बिंदुवार आपके समक्ष प्रकाशित खबर के बारे में अपने तथ्य प्रस्तुत कर रहा हूं-
दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण ने जबलपुर फ्रंट पेज में ‘जेडीए की जमीन पर बन रहे अपूर्वा अपार्टमेंट के 56 फ्लैट’ शीर्षक के साथ खबर 23 जून 2021 को प्रकाशित की। इसके बाद 25 जून 2021 को जबलपुर फ्रंट पेज में ही पुनः खबर प्रकाशित की गई कि ‘जेडीए की 500 करोड़ की भूमि हो रही खुर्द खुर्द’। इसके साथ ही 27 जून 2021 एक समाचार और प्रकाशित किया गया कि सीईओ ने कहा कि अपूर्वा हाइट्स का काम रुकवा दिया गया जबकि मौके पर उधर धड़ल्ले के साथ तन रहा अपूर्वा अपार्टमेंट’।
इन तीनों ही खबरों में दैनिक भास्कर समाचार पत्र जबलपुर में विभिन्न तथ्यों का हवाला देते हुए यह सिद्ध करने की कोशिश की गयी है कि जहां पर अपूर्वा हाइट बन रहा है उसमें सिर्फ जेडीए का स्वामित्व होगा और किसी का स्वामित्व हो ही नहीं सकता यानी कि खबरों के माध्यम से यह बताने की कोशिश की गई कि जिन्होंने इस अपूर्वा हाइट के प्रोजेक्ट पर अपना इन्वेस्ट किया है वह किसी काम का नहीं और उनको इस भूमि का स्वामित्व प्राप्त नहीं होगा।
पुराने नोटिफिकेशन को करेक्ट कर नए आदेश जारी किए जा चुके हैं. लैटेस्ट राजपत्र के अवलोकन के बाद समझ आ जाता है कि दैनिक भास्कर अफवाह फैला रहा है. राजपत्र प्रकाशन 22 जून 2021 को ही हो चुका जबकि 23 जून को यह खबर प्रकाशित करके अपूर्वा प्रोजेक्ट को बदनाम किया गया। हमारे द्वारा दैनिक भास्कर को यह अवगत भी कराया गया कि जिस भूमि पर अपूर्वा प्रोजेक्ट को बनाया जा रहा है उस पर हमारा ही स्वामित्व है और सभी दस्तावेज सही हैं। उसके बावजूद हमारे पक्ष को दरकिनार करते हुए एकतरफा तरीके से खबर में हमारे स्वामित्व को खारिज करके यह बताने की कोशिश की गई कि हम अवैध तरीके से यहां पर फ्लैट का निर्माण कर रहे हैं।
इस तरह की खबर प्रकाशित करके दैनिक भास्कर ने अपनी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इसके बाद जब हमने इस खबर के संबंध में दैनिक भास्कर प्रबंधन के समक्ष पक्ष में दस्तावेज प्रस्तुत किये तो भी खबर का खंडन नहीं किया गया उल्टे दो बार और भी भ्रामक खबर प्रकाशित की गई। इससे ना हमें केवल मानसिक रूप से आघात पहुंचा बल्कि आर्थिक रूप से भी हानि उठानी पड़ी। उक्त कृत्य से प्रतीत होता है कि दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण ने अपूर्वा प्रोजेक्ट को बदनाम करने के लिए यह खबर प्रकाशित की। इस संदर्भ में हमने दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण के प्रबंधन को न केवल व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर खबर प्रकाशन के दिन ही पत्र दिया लेकिन जब दूसरे दिन खबर का खंडन नहीं किया गया तो पुनः हमने उनके समक्ष अपने तथ्य रखे लेकिन वे लगातार खबर छापते ही रहे। ऐसे में 6 जुलाई 2021 को स्पीड पोस्ट के माध्यम से श्री कैलाश अग्रवाल प्रबंध निदेशक दैनिक भास्कर समाचार पत्र जबलपुर संस्करण कार्यालय सिविक सेंटर जबलपुर, श्री गिरीश पांडे सहायक संपादक दैनिक भास्कर समाचार पत्र कार्यालय सिविक सेंटर जबलपुर, श्री आशीष शुक्ला संवाददाता दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण सिविक सेंटर को भी पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि आप ने जो खबर अपूर्वा हाइट के संदर्भ में प्रकाशित की है वह भ्रामक है और जिस के संदर्भ में हमने दस्तावेज भी आपको उपलब्ध करा दिए हैं कृपया आप खबर का खंडन करें।
महोदय दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण के उपरोक्त प्रतिनिधियों को व्यक्तिगत और पत्र के माध्यम से सूचित करने के बावजूद किसी भी तरह का जवाब हमें नहीं मिला और ना ही उपरोक्त खबर का खंडन दैनिक भास्कर में प्रकाशित किया गया। इससे साफ प्रतीत होता है कि दैनिक भास्कर समाचार पत्र जबलपुर संस्करण ने हमारे प्रोजेक्ट को बदनाम करने के लिए ही खबर को प्रकाशित किया। हमें यह भी प्रतीत होता है कि दैनिक भास्कर जबलपुर संस्करण ने किसी अन्य प्रतियोगी बिल्डर समूह से ब्लैक मनी लेकर हमारे प्रतिष्ठित प्रोजेक्ट को बदनाम किया।