Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

उन्माद फैलाने में भास्कर का रिपोर्टर गिरफ्तार, प्रबंधन को लगी मिर्ची, एसपी को दबाव में लेने की कोशिश

Mohammad Anas : इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि गैरज़िम्मेदार पत्रकारिता और भड़काऊ लेख पर भास्कर की गर्दन दबोची गई है। शर्म करो भास्कर। ब्रांड को तगड़ा झटका लगा है। एसपी योगेश यादव को दैनिक भास्कर कर रहा है ब्लैकमेल। अख़बार की ताक़त दिखाने की कोशिश। एसपी के खिलाफ ख़बर लिख कर दबाव बनाने की कोशिश। आज भास्कर अपने दलालों के साथ सीएम शिवराज से मुलाकात करेगा। हम सब एसपी योगेश यादव के साथ हैं। उन्होंने कानूनी दायरे में रह कर उचित कार्यवाई की है। यदि उनका ट्रांसफर या कुछ और किया जाएगा तो ठीक नहीं होगा। कुल मिलाकर दंगा भड़काने की दैनिक भास्कर की साज़िश हो गई है बेनक़ाब, जिसके बाद भास्कर प्रबंधन खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर अब एसपी को निशाना बना कर दबाव में लेने की कोशिश कर रहा है।

 

Advertisement. Scroll to continue reading.

 

हां, यह भी सुन लो भास्कर वालों। तुम अपने अख़बार से बदनाम करोगे तो हम तुम्हें सोशल मीडिया पर कहीं का नहीं छोड़ेंगे। छीछालेदर कर देंगे। मध्य प्रदेश और राजस्थान के मीडिया दफ्तरों में कल शाम से जो सबसे ज्यादा चर्चा में बात रही वो है,’क्या कल्पेश याग्निक ने सच में चेन स्नैचिंग की है।’ ‘क्या मुकेश माथुर सच में बाइक चोरी के आरोप में दो महीने की सज़ा काट चुका है।’ मीडिया साथियों ने चाय की चुस्कियों के बीच दिन भर इस बात पर मौज लिया। धन्यवाद फेसबुक। ये भी एक तरीका है, यदि अख़बार और संपादक को लगता है कि उन्होंने दौसा में कोई गलत काम नहीं किया है तो हमें भी लग रहा है कि हमने कुछ गलत नहीं लिखा। शोषितों का दर्द है, महसूस शायद ऐसे ही हो।

Advertisement. Scroll to continue reading.

 

Rishi Kumar Singh : दौसा में भास्कर के रिपोर्टर ने ईद मिलादुननबी के झंडे को पाकिस्तानी झंडा बता दिया। इससे याद आया कि क्यों पिछली मुलाकात में कुछ लोग दावा कर रहे थे कि बहराइच के फलां मुस्लिम बाहुल्य मोहल्ले में पाकिस्तानी झंडा लहराया जाता है। हालांकि उस वक्त मुझे ऐसी किसी गफलत का अंदाजा नहीं हुआ था, क्योंकि वे इस सवाल का जवाब नहीं दे पाए थे कि क्या आपने खुद अपनी आंखों से देखा है या किसी की कही दोहरा रहे हैं। जाहिर है कि उन्होंने खुद ऐसा कुछ नहीं देखा था या कहें कि कभी ऐसे मोहल्लों से गुजरे भी न थे। यह सांप्रदायिक विभाजन के साथ संवाद व भरोसे के घटने व अफवाह व आशंका की बढ़ोतरी का भी संकेत है। वैसे दौसा का मामला उन सभी पत्रकारों के लिए सबक है, जो खबर करते समय भक्त शिरोमणि बन जाते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

Sabyasachi Sen : पत्रकारिता के नाम पर जहर फैलाने वाले दैनिक भास्कर के नेशनल संपादक कल्पेश याग्निक को इस्तीफा देकर किसी सनातन संस्था टाईप कट्टरपंथी समुह ज्वॉइन कर लेना चाहिऐ। इस तस्वीर को पाकिस्तानी झंडा बनाने के साथ साथ गृहस्वामी का नाम पता छाप कर दादरी जैसे घटना को दोहराने की कोशिश करने वाले पर सख्त कारवाई की जानी चाहिए। भारतीय मीडिया कल्पेश याग्निक जैसे असमाजिक तत्वो से भड़ा पड़ा है, ऐसे तत्वो और ऐसे अखबारो का सार्वजनिक बहिष्कार हमसब को करना होगा। ये सिर्फ मुसलमानो का ही नही हर जिम्मेदार नागरिक का है जो इस देश मे शांति से जीना चाहता है। किसी भी न्यूज पर प्रतिक्रया देने से पहले उसकी विश्वसनीयता को अच्छी तरह से परख लेना चाहिए।

पत्रकार मोहम्मद अनस, ऋषि कुमार सिंह और सब्यसाची सेन के फेसबुक वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.

पूरे प्रकरण को जानने समझने के लिए नीचे दिए गए शीर्षकों पर क्लिक करें>

भास्कर की झूठी खबर से दंगा होते-होते बचा, सोशल मीडिया पर कल्पेश याज्ञनिक की थू-थू

xxx

Advertisement. Scroll to continue reading.

 

भास्कर ने आग लगाने का पूरा इंतज़ाम किया, लेकिन दादरी इस देश का अपवाद है, दौसा मुख्यधारा

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement