Mohammad Anas : सेवा में,
कल्पेश याग्निक,
नेशनल एडिटर, दैनिक भास्कर
श्रीमान,
जैसा कि कुछ लोगों ने मुझे बताया कि आप दैनिक भास्कर नाम के हिंदी अखबार के नेशनल एडिटर भी हैं तो मुझे आश्चर्य हुआ कि आप एक साथ दो काम कैसे कर लेते हैं. पहला काम ये कि अपने अखबार के माध्यम से इस्लाम और मुस्लिम विरोध की मुहीम चलवाते हैं और दूसरा काम सम्पादक जैसा निरपेक्ष और सम्मानित पद पर बने हुए हैं. यह दोनों तो अपने आप में ही विपरीत लगते हैं. या तो आप अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति घृणा ही करें और उसे फैलाएं या फिर सम्पादक पद से इस्तीफा दे कर सनातन संस्था जैसे कट्टर प्रवृत्ति के लोगों की कलम की स्याही ही बने रहें.
महोदय, यह जोधपुर शहर दैनिक भास्कर के अखबार की क्लिप है. जिसमें एक मुसलमान के घर पर ईद मिलादुननबी के अवसर पर होने वाले जश्न की तैयारियों के तहत इस्लामी झंडा लगाया गया है जिसे आपने अपने पत्रकारों और संपादकों के जरिये पाकिस्तानी बता कर न सिर्फ जोधपुर के मुसलमानों बल्कि पूरे देश के मुसलमानों की देश के प्रति निष्ठा,सेवा भाव एवं प्रेम पर न सिर्फ संदेह पैदा करने का काम किया है बल्कि अपमानित करने का घृणित कार्य भी किया है.
कल्पेश याग्निक जी, आप और आपका अखबार मुसलमानों से इतनी नफरत करता है की उसे उसके उत्सवों और खुशियों, उसकी पहचान, प्रतिष्ठा, सम्मान की ज़रा भी फ़िक्र नहीं. आपका अखबार है या फिर सनातन संस्था का जहर बुझा पत्र जिसमें नफरत की खेती की जाती है.
यह आपको पाकिस्तान का झंडा दिखाई दे रहा है? मुझे पता है आपके ऊपर और नेशनल न्यूज़ रूम के संपादकों पर इसका कुछ असर नहीं पड़ेगा लेकिन इतनी बेईमानी और नफरत के साथ कैसे नींद आती है आप लोगों को. इतनी लुच्चई और लफंगई के बाद भी आप लोगों को पत्रकार कैसे मान लिया जाता है. ऐसी नफरत की कमाई से अपने बच्चों को क्या खिला रहे हैं, कभी सोचा है? वो बच्चे इंसानी गोश्त और लहू का नाश्ता कर रहे हैं और आप उनको ख़ुशी ख़ुशी खिला रहे हैं. आप लोग जिस हवा में सांस ले रहे हैं वो हवा नहीं है ,वो तो आपके द्वारा उड़ाई गयी नफरतों से भरी अफवाहें हैं जिसके असर से रातों की नींद गायब रहती है और आपको लगता है की आप मज़े से सो रहे हैं.
चूँकि, किसी अदालत या कानून में फंसने लायक आप लोगों की गर्दन नहीं है इसलिए मैं आपके जमीर को ललकार रहा हूँ. जिस असाध्य रोग की चपेट में आप सब हैं उसका इलाज ऐसे ही होता है. यह पाकिस्तान का झंडा है कल्पेश याग्निक और उसके संपादकों? इतनी समझ आज तक नहीं हासिल कर सके, अरे जिन मुसलमानों के बीच सैकड़ों साल से रह रहे हो, उनकी पहचान, उनकी तहजीब से इतने कटे हो और दावा करते हो की पत्रकार हो. आप लोग तो दंगाई हैं, बिल्कुल वैसे दंगाई जो तलवार और पेट्रोल से महिलाओं /बच्चों /बूढ़ों का क़त्ल करते हैं. आपकी कलम और आपकी तस्वीरें हिन्दुस्तान का मुस्तकबिल बिगाड़ रही हैं.
कल्पेश याग्निक, शर्म आनी चाहिए आपको. एक समुदाय के खिलाफ समाज में नफरत फैलाते हुए लेकिन आपको क्यों आएगी ? आपने तो उसी दिन सब कुछ बेच दिया था जिस दिन दैनिक भास्कर के सम्पादक बन कर कुर्सी संभाली थी. कल्पेश याग्निक, इतनी नफरत बटोर कर कहाँ खर्च करते हो ? कितना फायदा होता है इंसानों के बीच मन मुटाव बढ़ा कर, क्या उस फायदे से कुछ हासिल भी हो रहा है? नहीं मिलेगा कुछ, बता रहा हूं.
कल्पेश याग्निक, ऐसे लाखों-करोड़ों झंडे भारत में मुसलमानों के घरों पर लगे हुए हैं. इतने परचम लहरा रहे हैं कि सबकी तस्वीर छापते छापते बुढ़ापा आ जाएगा तब भी नहीं ख़त्म होगी कहानी. सिर्फ एक घर नहीं है कल्पेश, पूरे हिन्दोस्तान में कई करोड़ घर हैं. आपकी माने तो वे सारे मुसलमान पाकिस्तानी हुए. तो भेज दो हमें पाकिस्तान कल्पेश याग्निक. बताओ कब और कैसे भेज रहे हो.
मैं तुम्हें और तुम्हारी राजस्थान दैनिक भास्कर टीम को दंगाई कहता हूं. मैं तुम्हें कट्टरता का दलाल कहता हूं. मैं तुम सबको मुल्क के अमन चैन से खिलवाड़ करने वाला कहता हूँ. असल में तुम्हारी एक गैंग है, जिसमें समाज का सुख चैन छिनने वाले डकैत काम करते हैं.
लगाओ देशद्रोह की धारा मुझ पर.
xxx
दादरी में अख़लाक की हत्या करने के लिए भीड़ को मंदिर के लाउडस्पीकर से आवाज़ देकर इकट्ठा किया गया था। आरोप था गाय का गोश्त फ्रिज में रखा गया है। जांच में यह आरोप झूठा पाया गया। दौसा, राजस्थान में एक घर पर लगे ईद मिलादुननबी के जश्न वाले हरे झंडे को दैनिक भास्कर ने पाकिस्तानी झंडा कहते हुए राजस्थान एडिशन में अफवाह फैलाई है। अख़बार के नेशनल एडिटर कल्पेश याज्ञनिक समेत राजस्थान डेस्क के हेड और दौसा के इंचार्ज़, कॉपी एडिटर और रिपोर्टर पर दंगा भड़काने के लिए झूठी अफवाह फैला कर समाज में नफरत का कारोबार करने का केस दर्ज किया जाना चाहिए। दादरी और दौसा की दोनों घटनाओं में कोई अंतर नहीं है। दादरी में हत्या हो गई थी, दौसा में हत्याकांड का पूरा प्लान कल्पेश याज्ञनिक और उसके लोगों ने तैयार कर लिया था। बस कामयाबी हाथ नहीं लगी। दैनिक भास्कर का बहिष्कार करें।
xxx
राजस्थान में दैनिक भास्कार द्वारा मुसलामानों के खिलाफ समाज में विद्वेष फैलाने के मकसद से एक फर्जी और भड़काऊ ख़बर लिखी गई. दैनिक भास्कर के नेशनल हेड कल्पेश याग्निक के इशारों पर राजस्थान के दौसा एडिशन में स्थानीय सम्पादक, कॉपी एडिटर और रिपोर्टर तथा फोटोग्राफर की मिली जुली साज़िश को सोच समझ कर अंजाम तक पहुंचाया गया. दौसा से शुरू हुआ प्रोपगंडा पूरे राजस्थान के दैनिक भास्कर एडिशन में पब्लिश किया गया. हजरत मुहम्मद के जन्मदिवस के अवसर पर ईद मिलादुन्नबी के तहत मुसलमान अपने घरों पर हरे रंग का झंडा लगाते हैं. इस झंडे को दैनिक भास्कर ने पाकिस्तानी झंडा बताते हुए पुलिस से कार्यवाई की मांग कर डाली. तो कल्पेश याग्निक और उसके डकैत देश भर के करोड़ों मुसलमानों को जेल भेजना चाहते हैं. जयपुर के कुछ लोग आई जी से मिल कर दैनिक भास्कर के खिलाफ ज्ञापन दे चुके हैं. कार्यवाई न होने तक प्रदर्शन होते रहेंगे. देश भर में भास्कर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की ख़बर मिल रही है. राजस्थान के जोधपुर में इस अखबार को जलाया जाएगा.
xxx
इस्लामी झंडे को पाकिस्तानी झंडा बता कर सांप्रदायिकता फैलाने वाले दैनिक भास्कर के नेशनल एडिटर कल्पेश याग्निक और राजस्थान दैनिक भास्कर के कार्यकारी संपादक मुकेश मधुर के खिलाफ तब तक लिखते रहिए जब तक ये अख़बार के माध्यम से अपमानित करने वाली अफवाह पर माफी न मांग लें। ईद मिलादुननबी के जश्न पर घरों पर लगने वाले हरे रंग के झंडे को पाकिस्तानी बता कर न सिर्फ एक मुस्लिम परिवार की सुरक्षा और भरोसे के साथ खिलवाड़ किया गया है बल्कि देश भर के मुसलमानों को अपमानित किया गया है।
xxx
ये रहा वो दंगाई कार्यकारी संपादक और उसकी पूरी टीम जिसने राजस्थान के दौसा के एक घर पर लगे हरे रंग के झंडे जिसमें चाँद तारा बना हुआ था को पाकिस्तानी झंडा बता कर पूरे राजस्थान में प्रचारित करने का अपराधिक कार्य किया है। इसका नाम है Mukesh Mathur. बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बाद भास्कर के नेशनल एडिटर कल्पेश याग्निक ने आज के अख़बारों में पूरा मामला पुलिस के कंधे पर डाल खुद को बचाने जैसी स्टोरी लगाई है। हमारी मांग है कि मुकेश माथुर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाई की जाए और संपादक जैसे महत्वपूर्ण पद से हटाया जाए। मुकेश माथुर के फेसबुक वॉल पर इस्लाम विरोधी कुप्रचार सामाग्री की भरमार है और हाल ही में उसने शाहरुख खान द्वारा दिए गए असहिष्णुता सम्बंधित बयान पर शाहरूख की आलोचना करती हुई पोस्ट लगाई है। ऐसे पूर्वाग्रही और दंगाई प्रवृत्ति के व्यक्ति ही बेहतर समाज और खुशहाल राष्ट्र निर्माण की राह में सबसे बड़े बाधक के रूम में गिने जाते हैं।
xxx
दैनिक भास्कर के नेशनल एडिटर कल्पेश याग्निक, राजस्थान दैनिक भास्कर के सम्पादक लक्ष्मी प्रसाद पंत, कार्यकारी सम्पादक मुकेश मधुर ने आज अपने अखबार में फर्जी अफवाह फैलाने और मुसलमानों को बदनाम करने की ख़बर वापस ले ली है. भास्कर ने राजस्थान में हिन्दू और मुसलमान दंगा करवाने की साज़िश के तहत जानबूझ कर ईद मिलादुन्नबी के जश्न के तौर पर एक घर पर लगे हरे रंग के झंडे को पाकिस्तानी बता कर अपमानित करने का काम किया था. भास्कर ने मकान मालिक का नाम भी छापा, जो प्रथम दृष्टया मानहानि और सुरक्षा को ख़तरे में डालने का मामला बनता है. मुस्लिम परिवार को पाकिस्तानी कहना और उसके मुखिया का नाम छाप कर उसकी सुरक्षा को खतरे में डालना, एक मुसलमान के प्रति अन्य समुदाय में यह भ्रम पैदा करवाना की वह पाकिस्तान समर्थक है, एक मुसलमान को समाज से अलग थलग करने की यह कोई अंजाने में लिखी गई ख़बर नहीं है. स्थानीय सम्पादक मुकेश मधुर और नेशनल एडिटर कल्पेश याग्निक को शर्म आनी चाहिए. उनका भेद खुल गया है.
माखनलाल विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई किए और आजकल सोशल मीडिया पर अल्पसंख्यकों के हितों को लेकर सक्रिय मोहम्मद अनस के फेसबुक वॉल से