शीतल पी सिंह-
अप्रैल आग उगल रहा है और मई जून सामने है । देश के 16 प्रमुख राज्यों में लगभग 10 घंटे की बिजली कटौती हो रही है। जिसमें लगभग 12 राज्य बीजेपी शासित हैं।
देश के पास सब संसाधन हैं लेकिन सर्वशक्तिमान मोदी जी कोयले की खदान से बिजली प्लांट तक कोयला नहीं पहुँचा पा रहे हैं ! देश की ऐसी दशा आज़ादी के पचहत्तर साल के अतीत में पहली बार हुई है कि सात सौ के क़रीब पैसेंजर ट्रेनों को रोककर उनसे ट्रैक ख़ाली कराया गया है जिससे कोयला खदानों से बिजलीघरों के बीच मालगाड़ियों को पहुँचने में समय कम लगे ।
नोटबंदी के अभिनव प्रयोग के बाद से ही हर समस्या के समाधान में मोदीजी की सरकार औंधे मुँह गिरी मिली है । अर्थव्यवस्था तब से सिर्फ़ तबाह हुई मिली है जिसे मुँह सुजाए अर्थमंत्राणी जबरन सफल बताने की हर कोशिश में असफल मिली हैं । महामारी से निबटने में सरकार अस्पतालों , शवगृहों , शमशानों तक किंकर्तव्यविमूढ़ मिली ।
पहली बार वैक्सीन बेचती सरकार भारत ने देखी जिसको सुप्रीम कोर्ट ने शर्मिंदा किया तब वह लोगों तक बिना पैसे लिए पहुँची ।
पश्चिमी सीमा पर सर्जिकल स्ट्राइक का ढोल पीटती सरकार पूर्वी सीमा पर मुँह खोलने में भी डरती मिली । चीन का नाम लेना शीर्ष नेतृत्व की डिक्शनरी से ग़ायब था ।
महंगाई /बेरोज़गारी के सवाल को तो लगभग भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है ।
लगता ही नहीं बल्कि साबित है कि मोदीजी की सरकार सिर्फ़ सामुदायिक विभाजन के भरोसे है । हर मर्ज़ की एक दवाई……मिंया भाई-मिंया भाई !
सरकार की कार्यकुशलता के लिए सिर्फ़ एक सैंपल काफ़ी है । इस समय क्रूड ऑयल का दाम दुनिया के बाज़ार में क़रीब 105 डालर प्रति बैरल है जो 2014 की शुरुआत में भी था जब मनमोहन सिंह सरकार थी । तब पेट्रोल सत्तर रुपये लीटर था और अब देश के बड़े हिस्से में 120 रुपये लीटर या उससे भी अधिक है ।
बिना छुट्टी लिए बिना सोए काम करने का नतीजा। आज़ाद भारत में पहली बार कोयले की सप्लाई के लिए तरसते बिजली घरों को कोयला पहुंचाने में बाधा न बनें इसलिए 670 पैसेंजर ट्रेन रद्द कर दी गई हैं। देश में भयंकर बिजली संकट। अडानी की कोयला कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई नीतियों का परिणाम।
यूपी की बिजली व्यवस्था सीधे प्रधानमंत्री के स्तर से सँभाली जा रही है। फ़र्क़ आपको दिख ही रहा होगा। हमारे पीएमओ के पूर्व नौकरशाह / मोदीजी के विश्वसनीय और वर्तमान में ऊर्जा मंत्री @aksharmaBharat के कुशल हाथों में यूपी का बिजली मंत्रालय है। क्या या हालचाल है आपके यहाँ?