डॉ राकेश पाठक
असत्य और अर्ध सत्य की आधी रोटी पर दाल लेकर भागने वाले अब हर दिन लद्द पद्द औंधे मुंह गिर रहे हैं..लेकिन हद ये है कि बाज फिर भी नहीं आते। राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष के लिये नामांकन भरा तो भाई लोगों को पेट में मरोड़ उठी। मध्य प्रदेश में बीजेपी के मीडिया सेल “जॉइंट मीडिया इंचार्ज” के सर्वेश तिवारी ने तुरंत फोटो शॉप की शरण गही और गांधी की फोटो की जगह किसी मुगल बादशाह की फोटो चैम्प दी। तिवारी ने अपनी फेसबुक वॉल और तमाम व्हाट्सएप्प ग्रुप्स में ये फ़र्ज़ी फोटो पटक दी और सवाल पूछा कि “राहुल गांधी की फोटो में कौन से महापुरुष दृष्टिगोचर हो रहे हैं..?
चंद मिनट में इस फ़र्ज़ी फोटो की कलई खुल गई। जाहिर है राहुल गांधी के नामांकन के समय पीछे किसी मुगल बादशाह की फोटो न थी न हो सकती थी। बीजेपी के इस फोटोशॉपिये सुरमा को अच्छी लानत मलामत सोशल मीडिया पर ही हो गयी। ये कोई पहला मौका नहीं है जबकि इस तरह के झूठ का शीराज़ा थोड़ी ही देर में न बिखर गया हो। अब तो हालात ये हो गयी है कि बीजेपी का आईटी सेल फोटो शॉप , कट पेस्ट का कारनामा करता है तो अगले कुछ मिनट में उसकी बखिया उधड़ जाती है। अगर आप पिछले चार पांच सालों पर नज़र डालें तो आसानी से साफ हो जाएगा कि उनके झूठ की उमर धीरे धीरे कम होती गयी है।
सन 2014 से पहले उनका झूठ कुछ महीनों ज़िंदा रहता था। जैसे नेहरू के गाज़ी खां का वंशज होने वाला मसाला। फिर 2015 में सुभाष चंद बोस के खिलाफ ब्रिटिश पीएम क्लीमेंट एटली को लिखी गई नेहरू की “फ़र्ज़ी” चिट्ठी कुछ घंटे जीवित रह पायी। 2016 में भी उनके परोसे गए झूठ कुछ घंटे से ज्यादा टिक नहीं पाए। और अब 2017 की इस उतरती सांझ में उनके झूठ चंद मिनट में ही दम तोड़ देते हैं। बीजेपी के आईटी सेल के राष्ट्रीय मुखिया अमित मालवीय हाल के दिनों लगभग हर पोस्ट पर चारों खाने चित्त गिरे। “नारियल के जूस” का मामला “आलू से सोने का जुमला” या नेहरू की अपनी सगी बहन को लाड़ करने वाली तस्वीरें अमित मालवीय का झूठ चार पाँच मिनट में ही काल कवलित हो गया।
और तो और प्रधान सेवक भी झूठ की सवारी गांठने में फिसल चुके हैं। अभी चार दिन पहले मोदी जी ने मोरबी की बाढ़ के समय इंदिरा गांधी द्वारा नाक पर रुमाल रखने का आरोप लगाया तो कुछ मिनट में “चित्रलेखा” पत्रिका की पूरी तस्वीर हक़ीक़त बयान करने को आ गयी। साफ दिख रहा था कि RSS कार्यकर्ता और प्रशासन के लोग भी नाक पर कपड़ा बांधे थे। लाशों और भीषण गंदगी के कारण प्रशासन ने बाकायदा निर्देश दिया था कि सब मास्क लगाएं।
ये बहुत थोड़े से नमूने हैं..बाक़ी आप याद कर लीजिए कि पिछले महीनों में इनके कितने झूठ ढेर हो चुके हैं। दरअसल संघ और बीजेपी ने 2010- 11 के आसपास तमाम झूठ गढ़े और इतिहास से अनभिज्ञ नई पीढ़ी को परोस दिये। “व्हाटसएप्प और फेसबुक विश्वविद्यालय” में पली बढ़ी इस पीढ़ी ने सहज ही इस पर यकीन कर लिया। “सत्तर साल में कुछ नहीं हुआ” जैसे निराधार जुमले पर यकीन करते वक्त उसे यह भी नहीं दिखा कि जिस इंटरनेट और आधुनिक युग में वो जी रही है उस में कुछ ठहर कर सच जानना ज्यादा कठिन नहीं है।
सच ये है कि जब इस झूठ और फर्जीवाड़े की सुनामी आ रही थी तब कांग्रेस और उसके कर्ताधर्ता कम्बल ओढ़ कर घी पी रहे थे। खाये अघाये इन लोगों ने झूठ के खिलाफ कमर नहीं कसी तब समाज के स्वतंत्रचेता लोगों ने कमान अपने हाथ मे ले ली। अब जब आधी लड़ाई साधारण लोग जीत चुके तब जाकर कांग्रेस की नींद टूटी। ये सच है कि दिव्य स्पंदन उर्फ राम्या के कांग्रेस आईटी सेल का मुखिया बनने के बाद सोशल मीडिया पर बीजेपी और संघ को कड़ी चुनौती मिल रही है लेकिन असल पटखनी तो वे लोग दे रहे थे जिनका कांग्रेस से सीधा कोई लेना देना नहीं है। ऐसे लोग बस अपनी मर्ज़ी से फर्जीवाड़े और झूठ के खिलाफ लड़ रहे थे।
आखिर में सवाल उन भले और भोले लोगों से… क्या आपको लगता है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहा व्यक्ति किसी मुगल बादशाह की तस्वीर अपने पीछे रखवायेगा? अगर आप इस तरह की तस्वीर पर यकीन कर उसे शेयर,फारवर्ड कर रहे थे तो माफ कीजिये झूठ परोसने वालों से ज्यादा मूर्ख आप ख़ुद हैं! वे तो जो हैं सो हइये हैं!
लेखक डॉ राकेश पाठक वरिष्ठ पत्रकार हैं. उनसे संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है.
Kashinath Matale
December 7, 2017 at 1:18 pm
If this type ghathiya kaam national party ya karti hai, to
SHAME ON THEM.