लखनऊ एयरपोर्ट पर अगर आपका आना जाना हुआ है तो देखा होगा कि वहां न्यूज चैनल के नाम पर सिर्फ ईटीवी उत्तर प्रदेश के विज्ञापन लगे हैं, वह भी काफी भारी भरकम ताकि नजर जरूर जाए. साथ ही इस विज्ञापन में ईटीवी यूपी के संपादक ब्रजेश मिश्र का लंबा चौड़ा फोटो है. टाटा स्काई ने पिछले दिनों अपने यहां चैनलों की नंबरिंग में काफी बदलाव किया. इससे कई सारे मेरे फेवरिट चैनल इधर-उधर हो गए. कैसे कैसे कर के नेशनल न्यूज चैनलों का नंबर फिर याद करने लगा लेकिन इस प्रक्रिया में ईटीवी यूपी उत्तराखंड चैनल कहीं खो गया था.
लखनऊ से कल दिल्ली रवाना होने से पहले करीब आधे घंटे तक लखनऊ एयरपोर्ट घूमता टहलता रहा तो बार-बार मेरी निगाह लंबे चौड़े ईटीवी यूपी और ब्रजेश मिश्र से टकरा जाती. साथ ही नीचे लिखे विभिन्न प्लेटफार्म्स पर ईटीवी यूपी की उपलब्धता की डिटेलिंग देखने लगता. इसमें सबसे पहले टाटा स्काई का जिक्र था जिसमें 1104 नंबर पर ईटीवी यूपी उत्तराखंड चैनल आता है. बार बार देखने के कारण ये नंबर मुझे याद हो गया था.
घर आकर रात में टाटा स्काई पर 1104 लगाया तो ब्रजेश जी के आठ बजे वाले प्राइम टाइम का रिपीट टेलीकास्ट हो रहा था. मुद्दा बड़ा जोरदार था. नेता लोग वैसे तो विचारधारा, वोट, जाति आदि को लेकर आपस में लट्ठ बजाते रहते हैं लेकिन जब उनकी खुद की सुख सुविधा का मामला सामने आता है तो सभी एक हो जाते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लखनऊ में जो पूर्व मुख्यमंत्रियों के नाम पर बंगाल कब्जाए गए हैं, उन्हें खाली करो. इस आदेश को अनडू यानि निष्प्रभावी बनाने के लिए सारे पूर्व मुख्यमंत्री यानि हर दल के नेता मिलकर एक हो गए लगते हैं और नया कानून बनाने वाले हैं ताकि इनसे बंगला खाली न कराया जा सके. इस डिबेट में पत्रकारों द्वारा मकान कब्जाने का भी जिक्र आया.
लेकिन सबसे जोरदार बात जो मुझे लगी, जिसके लिए इतनी लंबी चौड़ी भूमिका बनानी पड़ी वो ये कि प्राइम टाइम शुरू होने के तत्काल बाद ब्रजेश भाई आन एयर ही अपना बाल ठीक करने लगते हैं, साथ ही टाई भी. आमतौर पर ऐसे कृत्य एंकर तब करते हैं जब कैमरा उनकी तरफ मुखातिब न हो. लेकिन ये क्या, ब्रजेश जी इस प्राइम टाइम शो शुरू करने के दौरान तो खुद को टीवी पर देखने के बाद अपना बाल टाई ठीक करने में जुटे हैं, वह भी करोड़ों दर्शकों के सामने. मुझसे रहा न गया. ब्रजेश जी को फोन घुमा दिया. और, जैसा कि हमेशा होता है अति रिस्पांसिव ब्रजेश जी ने बिना देर किए खट से फोन उठा लिया.
मैंने सीधा सवाल दागा- ”अरे आप तो गजबे करते हैं महराज, आन एयर बाल टाई ठीक कर रहे हैं”. ब्रजेश भाई का हंसते हुए जवाब आया- ”यशवंत भाई, आदमी को नेचुरल रहना चाहिए. क्या छिपाना. आज जब प्राइम टाइम शो शुरू करने के बाद खुद को टीवी पर देखा तो लगा कि बाल थोड़े उखड़े बिखरे हैं, और टाई खिसकी-सी है, तो तुरंत दुरुस्त कर लिया. हमारे दर्शकों को लगना चाहिए कि शो बिलकुल बनवाटी नहीं है, सब कुछ नेचुरल है, लाइव है.”
मेरे मुंह से बस इतना निकला- ”वाह, क्या बात है”.
नीचे वो वीडियो लिंक है जिसमें ब्रजेश मिश्रा अपना बाल टाई आन एयर दुरुस्त कर रहे हैं. पूरा प्राइम टाइम देखेंगे तो आप को लगेगा कि ऐसी जोरदार बहसें तो नेशनल हिंदी न्यूज चैनलों तक पर नहीं होती. क्या खरी-खरी भाषा. क्या खूब तेवर. पूरी डिबेट के दौरान बृजेश जी हमलावर और व्यंग्यात्मक रुख अपनाए रहते हैं. प्राइम टाइम के मकान कब्जाऊ टापिक के दायरे में पत्रकारों तक को ले आया गया है ताकि बहस एकांगी यानि नेताओं तक सीमित न रहे. अफसरों की भी चर्चा आई है कि कैसे ये अफसर दिल्ली लखनऊ दोनों जगह सरकारी आवास कब्जाए रहते हैं. मेरी तरफ से मस्ट सी प्राइम टाइम है. आप भी जरूर देखिए. लिंक ये है: https://youtu.be/CyBCHgsUkW0
भड़ास के एडिटर यशवंत की एफबी वॉल से.