गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार में बनने वाली THomes सोसाइटी में फ्लैट देने के नाम पर महिला से 63 लाख रुपये की धोखाधडी का केस दर्ज
गाजियाबाद विजयनगर थाना क्षेत्र के सिद्धार्थ विहार स्थित टी होम्स सोसायटी में फ्लैट देने के नाम पर बिल्डर कंपनी ने एक महिला से 63 लाख रुपये की धोखाधड़ी की है। आरोपित कंपनी ने लेट पेमेंट दिखाकर पेनल्टी के नाम पर छह लाख रुपये की मांग की। छह लाख न देने पर बिल्डर ने फ्लैट का आवंटन निरस्त कर दिया। आरोप है कि बिल्डर ने महिला और उनके पति को धमकी भी दी। पुलिस कमिश्नर के आदेश पर पुलिस ने बिल्डर के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
राजनगर एक्सटेंशन की कामिनी सिंह का कहना है कि उन्होंने अपने पति गौरव के साथ मिलकर वर्ष 2019 में सिद्धार्थ विहार की टी होम्स सोसायटी में एक फ्लैट 60.10 लाख रुपये में बुक कराया था। बिल्डर ने सितंबर 2021 में फ्लैट पर कब्जा देने का वादा किया था । उन्होंने फ्लैट की कीमत व पांच प्रतिशत जीएसटी के साथ बिल्डर को 63 लाख का भुगतान किया। उन्होंने 20 लाख रुपए का बैंक से लोन भी लिया था।
आरोप है कि वर्तमान समय में फ्लैट की कीमत बढ़ गई है जिसके बाद बिल्डर अब उनके फ्लैट को हड़पना चाहता है उन पर देरी से हुई पेमेंट का आरोप लगाकर छह लाख की रंगदारी की मांग कर रहा है जिसे लेट पेमेंट इंट्रेस्ट का नाम दिया जा रहा है आरोप है कि वह बिल्डर को फ्लैट की कीमत से अधिक का भुगतान कर चुकी हैं, लेकिन बिल्डर ने एक फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें नान पेमेंट का डिफाल्टर दिखाकर उनके फ्लैट का आवंटन निरस्त करने का तुगलकी फरमान जारी दिया और जब उनके पति शिकायत लेकर बिल्डर के आफिस गए तो वहां अंकुश त्यागी और शिवम त्यागी सहित सीपी पांडे और बाउंसरों ने उन्हें फ्लैट का आवंटन निरस्त करने के साथ वहां दोबारा ना आने की हिदायत देते हुए गुंडागर्दी की , उन्होंने मामले में सितंबर 2022 में रेरा में केस दर्ज कर दिया था जो विचाराधीन है।
इस केस के दर्ज होने के बाद नवंबर 2022 में बिल्डर ने पत्र भेजकर फ्लैट का आवंटन निरस्त करने की जानकारी दी। उनका कहना है कि नियमों के मुताबिक 50 फीसदी से ज्यादा रकम का भुगतान होने के बाद आवंटन निरस्त नहीं किया जा सकता है जबकि वो तो आवंटन की राशि से भी ज्यादा पैसा दे चुके हैं । कामिनी सिंह का कहना है कि उन्होंने मामले में कई बार विजयनगर पुलिस से शिकायत की, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई जिसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर से न्याय की गुहार लगाते हुए फ्लैट का कब्जा दिलाने की मांग की तब एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन हुआ जिसने अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर और शासन को भेजी जिसके बाद पुलिस कमिश्नर के आदेश पर बिल्डर अंकुश त्यागी के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से घबराया बिल्डर अंकुश त्यागी भागा कोर्ट की शरण में
गौरतलब है कि फ्लैट आवंटन घोटाले में बिल्डर अंकुश त्यागी के खिलाफ गाजियाबाद के विजय नगर थाने में जैसे ही मुकदमा दर्ज होने की खबर बिल्डर अंकुश त्यागी और उसके गुर्गो तक पहुंची तो वह तुरंत ही अग्रिम जमानत लेने कोर्ट की शरण में पहुंच गया, सूत्रों से पता चला है कि गाजियाबाद की जिला अदालत में 1 मार्च 2023 को अंकुश त्यागी की अग्रिम जमानत पर सुनवाई होनी है इससे पहले बिल्डर अंकुश त्यागी पुलिस से बचता नजर आ रहा है पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट में बिल्डर अंकुश त्यागी और कंपनी के खिलाफ केविएट भी दाखिल कर दी है जिसे साफ हो जाता है कि आने वाले दिनों में टीएंडटी कंपनी की मुश्किलें बढ़ने वाली है
यूपी सरकार के राज्यमंत्री सुनील भराला ने भी बिल्डर अंकुश त्यागी पर गंभीर आरोप लगाए थे
गौरतलब है कि बिल्डर अंकुश त्यागी का शुरू से ही विवादों और धोखाधड़ी से नाता रहा है वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखी एक चिट्ठी में यह खुलासा किया गया था कि बिल्डर अंकुश त्यागी समितियों की जमीन पर फ्लैट बनाकर खुले बाजार में बेचकर करोड़ों अरबों की कमाई कर रहा है यह आरोप लगाने वाला शख्स कोई आम आदमी नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री सुनील भाराला थे जिन्होंने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि गाजियाबाद के सिद्धार्थ विहार में TandT का बिल्डर अंकुश त्यागी कौड़ियों के भाव पर समितियों के नाम पर जमीन आवंटित कर फ्लैट बना रहा है जिससे अरबों की कमाई कर रहा है उन्होंने बिल्डर अंकुश त्यागी पर विदेश भागने का भी संदेह जाहिर किया था फिलहाल इन आरोपों की जांच जारी है
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