Sanjay Verma-
आज टाइम्स में केतकी देसाई ने डेटिंग एप्स पर एक लेख लिखा है। लिखा है- अब नई पीढ़ी को ये डेटिंग ऐप्स ‘च्युगी’ (cheugy) लगने लगे हैं।
मुझे शब्द ‘च्युगी’ बहुत अच्छा लगता है।
कोलिन्स डायरेक्टरी ने 2021 की ‘वर्ड ऑफ द ईयर’ प्रतियोगिता के लिए इस शब्द को भी शामिल किया था। मगर यह NFT (नॉन फंजीबल टोकन) से हार गया ।
‘च्युगी’ मतलब कोई ऐसी चीज जिसका फैशन हाल ही में चला गया हो, पर इस्तेमाल करने वाले को पता ना हो और वह उसे बहुत कूल समझ रहा हो । जैसे कोई ड्रेस , ज्वेलरी , कोई लाइफस्टाइल पैटर्न या जुमला …! यह शब्द ‘आउटडेटेड’ से अलग है क्योंकि इसमें टाइम रेफेरेंस की शर्त है, जो बहुत हाल में ही गया हो वह।
इस शब्द का इस्तेमाल जनरेशन Z अपनी पिछली पीढ़ियों ज़ेन X और ज़ेन Y को चिढ़ाने में और उन्हें पुराना साबित करने के लिए भी कर रही है। नेटीजंस (इंटरनेट की दुनिया के नागरिकों) के बीच इस तरह का विवाद चलता रहता है। इस दिलचस्प जंग में ये पीढियां एक दूसरे के ऊपर कटाक्ष करती हैं ,मजे लेती हैं।
अंग्रेजी वालों ने पीढ़ियों के नाम रखे हुए हैं। हम जैसे बूढ़े लोग जो 50 और 60 के दशक में पैदा हुए, बूमर्स कहलाते हैं। 80 के दशक में पैदा हुए और 21वीं सदी में जवान हुए लोग मिलेनियल्स। उसके बाद ज़ेन ‘एक्स’ और ज़ेन ‘वाय’! और अब जो पीढ़ी मोबाइल हाथ में लेकर पैदा हुई है वह ज़ेन Z है, जिनकी उम्र अभी 15 से 20 साल है।
अंग्रेजी वाले भाषा पर जो काम करते हैं, नए शब्द और जुमले गढ़ते हैं, प्रयोग करते हैं, उसे देखकर ईर्ष्या होती है, कि हिंदी में हम लोग क्यों नहीं कुछ ऐसा करते हैं…!
मुझ जैसे हिंदी प्रेमी के लिए यह दुख की बात है कि इस बार टाइम्स ने बीते बरस के चुनिंदा शब्दों के फेहरिस्त बस एक देसी जुमला शामिल किया, वह भी हिंदी नहीं बांग्ला – ‘खेला होबे …’ !
हिंदी वालों, यार कुछ नया सोचो …!