एस. शुक्ला-
दूरदर्शन भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी भ्रष्टाचार और फर्जी भर्ती के घेरे में
दूरदर्शन केंद्र भोपाल के प्रादेशिक समाचार एकांश में भ्रष्टाचार और अवैध भर्ती का मामला सामने आया है. इसमें प्रसार भारती के नियमों को ताक पर रख कर कई वरिष्ठ आईआईएस अधिकारी अपने निजी लाभ के लिए कर्मचारियों की अवैध नियुक्ति में लिप्त पाये गए हैं.
आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दूरदर्शन भोपाल द्वारा 23 जनवरी 2014 को प्रसार भारती के निगरानी में 8 संविदा पदों की घोषणा की गई थी. इसमें 13 लोगों का चयन होना था. इसमें एंकर कम संवाददाता ग्रेड- III, संवाददाता, कॉपी एडिटर , ट्रेनी पैकेजिंग लेवल- I, वीडियो पोस्ट-प्रोडक्शन असिस्टेंट ग्रेड- II, ब्रॉडकास्ट एग्जीक्यूटिव ग्रेड- II, जूनियर असाइनमेंट कोऑर्डिनेटर और लाइब्रेरी असिस्टेंट के पद शामिल थे.
उम्मीदवारों का चयन लिखित परिक्षा और इंटरव्यू द्वारा किया गया था, जिसके लिए दूरदर्शन निदेशालय दिल्ली और प्रसार भारती द्वारा एक स्क्रीनिग कमिटी बनाई गई थी.
इन पदों के परिणाम 4 मार्च 2014 को प्रसार भारती द्वारा घोषित किया गये थे जिसका प्रकाशन दूरदर्शन की वेबसाइट पर हुआ था. परिणामों के साथ कोई प्रतीक्षा सूची (Waiting List) प्रकाशित नहीं की गई थी.
लाइब्रेरी असिस्टेंट के रिक्त पद को भरने में हुआ फर्जीवाड़ा
आरटीआई से प्राप्त परिणाम की प्रति से पता चलता है कि प्रसार भारती द्वारा घोषित अंतिम परिणाम में शौकत खान नाम के व्यक्ति का चयन लाइब्रेरी असिस्टेंट के पद पर हुआ था.
शौकात खान (लाइब्रेरी असिस्टेंट) को छोड़कर सभी 12 चयनित उम्मीदवारों ने मार्च और अप्रैल 2014 के दौरान कार्यालय जॉइन कर लिया था. परंतु शौकत खान ने व्यक्तिगत कारणों से कार्यालय ज्वाइन नहीं किया जिस कारण लाइब्रेरी असिस्टेंट का पद 6 महीने तक खाली रहा.
आरटीआई से हुआ अनियमितताओं का खुलासा
आरटीआई से पता चलता है की भर्ती प्रक्रिया के पूरे होने के 6 महीने के बाद 04 सितंबर 2014 को फर्जी तरीके से लाइब्रेरी असिस्टेंट के पद पर मो. इजराइल खान नाम के व्यक्ति को भर्ती कर लिया गया जबकी मो. इजराइल खान का चयन लिखित परिक्षा और इंटरव्यू में नहीं हुआ था जो कि प्रसार भारती की गाइडलाइन के विरूद्ध है.
इस अवैध भर्ती के बारे में प्रसार भारती, दूरदर्शन दिल्ली और दूरदर्शन भोपाल की वेबसाइट में कोई सार्वजनिक सूचना और परिपत्र प्रकाशित नहीं किया गया.
क्या है प्रसार भारती की संविदा पदों को भरने के नियम
प्रसार भारती की गाइडलाइन के अनुसार संविदा पदों की भर्ती के लिए दूरदर्शन निदेशालय दिल्ली द्वारा एक स्क्रीनिग कमिटी बनाई जाएगी जिसकी निगरानी में भर्ती प्रक्रीया संपन्न कराई जाएगी, जिसके अंतर्गत लिखित परिक्षा और इंटरव्यू में उत्तीर्ण हुए उम्मीदवारों का चयन होगा.
इसके अंतर्गत स्वीकृत पदों की भर्ती की और चयनित उम्मीदवारों के नाम की घोषणा दूरदर्शन की अधिकारिक वेबसाइट और समाचार पत्रों में किया जाना आवश्यक है.
भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी
यह नियुक्ति भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के 6 महीने बाद (04/09/2014) बिना किसी आधिकारिक अधिसूचना (Notification) के प्रसार भारती के भर्ती नियमों को ताक पर रख कर की गई है.
आरटीआई में पाया गया कि मो. इजराइल खान की नियुक्ति सितंबर 2014 में हुई थी जिस दौरान भारतीय सूचना सेवा के वरिष्ठ अधिकारी राजीव कुमार जैन प्रादेशिक समाचार एकांश, दूरदर्शन केंद्र भोपाल के निदेशक पद पर नियुक्त थे.
जब हमने दूरदर्शन भोपाल से आरटीआई द्वारा लाइब्रेरी असिस्टेंट की भर्ती की जानकारी मांगी तो पाया गया की मो. इजराइल खान नाम का व्यक्ति दूरदर्शन भोपाल में लाइब्रेरी असिस्टेंट के पद पर 04/09/2014 से कार्यरत है, परंतु दूरदर्शन भोपाल द्वारा दी गई मार्च 2014 में घोषित परिणामों की सूची में इस व्यक्ति का नाम नही है.
इस फर्जी नियुक्ति की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में की गई और मामले की जांच चल रही हैं, वहीं श्यामला हिल्स थाना भोपाल ने मामले पर संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण पर एक शिकायत दर्ज की गई है और जांच जारी है.
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दिल्ली से एस. शुक्ला की रिपोर्ट.