Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

भ्रष्टाचारी के यार हजार, सदाचारी अकेले खाए मार… (संदर्भ- डीजीपी सिद्धू, आईपीएस अमिताभ और देहरादून पत्रकार प्रकरण)

Yashwant Singh : पत्रकार अगर भ्रष्ट नेताओं और अफसरों की पैरवी न करें तो भला कैसे जूठन पाएंगे… मार्केट इकानामी ने मोरल वैल्यूज को धो-पोंछ-चाट कर रुपय्या को ही बप्पा मय्या बना डाला तो हर कोई नीति-नियम-नैतिकता छोड़कर दोनों हाथ से इसे उलीचने में जुटा है.. नेता, अफसर, कर्मचारी से लेकर अब तो जज तक रुपये की बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं.. पैसे ले देकर पोस्टिंग होती है, पैसे ले देकर गलत सही काम किए कराए जाते हैं और पैसे ले देकर मुकदमें और फैसले लिखे किए जाते हैं, पैसे ले देकर गड़बड़झाले-घोटाले दबा दिए जाते हैं… इस ‘अखिल भारतीय पैसा परिघटना’ से पत्रकार दूर कैसे रह सकता है.. और, जब मीडिया मालिक लगभग सारी मलाई चाट जा रहे हों तो बेचारे पत्रकार तो जूठन पर ही जीवन चलाएंगे न…

Yashwant Singh : पत्रकार अगर भ्रष्ट नेताओं और अफसरों की पैरवी न करें तो भला कैसे जूठन पाएंगे… मार्केट इकानामी ने मोरल वैल्यूज को धो-पोंछ-चाट कर रुपय्या को ही बप्पा मय्या बना डाला तो हर कोई नीति-नियम-नैतिकता छोड़कर दोनों हाथ से इसे उलीचने में जुटा है.. नेता, अफसर, कर्मचारी से लेकर अब तो जज तक रुपये की बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं.. पैसे ले देकर पोस्टिंग होती है, पैसे ले देकर गलत सही काम किए कराए जाते हैं और पैसे ले देकर मुकदमें और फैसले लिखे किए जाते हैं, पैसे ले देकर गड़बड़झाले-घोटाले दबा दिए जाते हैं… इस ‘अखिल भारतीय पैसा परिघटना’ से पत्रकार दूर कैसे रह सकता है.. और, जब मीडिया मालिक लगभग सारी मलाई चाट जा रहे हों तो बेचारे पत्रकार तो जूठन पर ही जीवन चलाएंगे न…

ऐसे ही जूठनबाज पत्रकारों के एक दल ने उत्तराखंड के भ्रष्ट डीजीपी सिद्धू की पैराकोरी का अघोषित अभियान चला रखा है… वो कहते भी हैं न कि भ्रष्टाचारी के यार हजार, सदाचारी अकेले खाए मार… इन यार पत्रकार ने सिद्धू के गड़बड़झाले को निजी हैसियत से जांचने गए आईपीएस अधिकारी Amitabh Thakur को ही निशाना बना डाला… इन पत्रकारों ने अगर इतना ही साहस उत्तराखंड की भ्रष्ट सरकार और भ्रष्ट अफसरों की पोल खोलने में दिखाया होता तो जनता जनार्दन की जाने कितनी भलाई हो गई होती.. पर अब जनता की कौन सोचता है… जनता बस मोहरा है… मोहरे की आड़ में सब माल पीट रहे हैं.. डीजीपी सिद्धू कांड तो सच में आंख खोलने वाला है… पता चला है कि दलाली के पैसे से गाल लाल कर मीडिया उद्यमी बने कुछ नए किस्म के अंतरदेशीय दल्ले भी सिद्धू की गुपचुप पैरोकारी में देहरादून के अखबारों के संपादकों को पटाते घूम रहे हैं… देखना, एक न एक दिन ये साले सब नंगे होंगे… रुपये-सत्ता के जोर से और भ्रष्टों के मेल से ये मीडिया के छोटे बड़े दल्ले भले ही आज खुद को पावरफुल महसूस कर रहे हैं लेकिन जब अचानक इनके पिछवाड़े कोई अदृश्य लात पड़ेगी तो इन्हें समझ में नहीं आएगा कि धूल चाटने गिरे कहां, दाएं बाएं या बीच में… क्योंकि तब भू-लुंठित होना कंपल्सरी होगा, आप्शन होगा केवल जगह चुनने की…

Advertisement. Scroll to continue reading.

फिलहाल तो अमिताभ ठाकुर को सलाम
जो अपने कबीराना-फकीराना अंदाज में
नित नए नए कर रहे हैं जोरदार काम…

आगे पढ़ें मीडिया के दल्लों का सच, Amitabh Thakur की जुबानी…

Advertisement. Scroll to continue reading.

भ्रष्ट डीजीपी सिद्धू के पैरोल पर हैं देहरादून के कई बड़े पत्रकार!
http://goo.gl/pYIMkR

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. shalini

    September 27, 2014 at 8:47 am

    उम्दा..

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement