नवेद शिकोह-
वीआरएस लेने वाले अफसरों को टिकट देना ठीक नहीं… महामारी में डाक्टर की बहुत ज्यादा जरुरत होती है, महामारी आते ही वो वीआरएस ले तो वो नाकारा और ग़ैर ज़िम्मेदार समझा जाएगा।
घर में मेहमान आ जाएं तो घर के रसोइया के काम की ज्यादा जरुरत पड़ती है। ऐसे समय पर उसकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। ऐसे में काम छोड़ दें तो उसकी छवि धूमिल हो जाएगी।
चुनावी मौसम में कानून व्यवस्था दुरुस्त करने से लेकर चुनाव संचालित करवाने में पुलिस बल की ज्यादा जरुरत होती है। ऐसे में चुनाव की तारीख घोषित होने के साथ ही यूपी के पुलिस अफसरों का वीआरएस लेना चिंतनीय है।
चुनाव तक इन अफसरों के वीआरएस के अनुरोध को नहीं स्वीकार करना चाहिए था। और ऐसे अफसरों को यदि कोई पार्टी टिकट देकर चुनाव लड़वाएगी तो उस पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा।
चुनाव से पहले बिहार के डीजीपी को जिस तरह टिकट न देकर उन्हें पैदल कर दिया गया था ऐसे ही चुनाव घोषित होते ही वीआरएस लेने वाले यूपी के पुलिस/ईडी के अफसरों के साथ भी होना चाहिए है।
- नवेद शिकोह (लखनऊ)