मीडिया मालिकों की नींद उड़ी, मीडियाकर्मियों में खुशी की लहर…
इंतजार की घड़ी खत्म होने को है. देश भर के प्रिंट मीडिया के कर्मियों के लिये न्याय का दिन आ गया है. सुप्रीमकोर्ट की तरफ से 19 जून को फैसला सुनाया जाएगा. जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड मामले में आर-पार का दिन होगा 19 जून 2017 की तारीख. अखबार मालिकों ने जो लंबे जुल्म ढाए हैं अपने मीडियाकर्मियों पर, जो भयंकर शोषण किया है, उसका हिसाब आने वाला है. इसी तारीख को तय हो जाएगा कि यह देश कानून, संविधान और नियम से चलता है या फिर कुछ मीडिया मालिकों, सत्तासीन नेताओं और भ्रष्ट नौकरशाहों की मिलीभगत से.
पहले तो मीडिया मालिक सुप्रीम कोर्ट इसलिए गए कि मजीठिया वेज बोर्ड से उनका धंधा तबाह हो जाएगा. कोर्ट में लंबी चली सुनवाई के बाद मालिकों के खिलाफ फैसला आया कि तुम लोगों को हर हाल में अपने कर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड के हिसाब से लाभ देना ही पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद जब मीडिया मालिकों ने अपनी मोटी चमड़ी दिखाते हुए मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ तरह तरह के बहानों के जरिए नहीं दिया तो सैकड़ों मीडियाकर्मियों ने अपने अपने संस्थानों के खिलाफ अवमानना याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में डालीं. उन्हीं याचिकाओं का निबटारा 19 जून को होना है.
19 जून को अवमानना मामले में सुप्रीमकोर्ट की तरफ से ऐतिहासिक फैसला सुनाया जाएगा. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के विद्वान न्यायाधीश रंजन गोगोई और नवीन सिन्हा की खंडपीठ सुनायेगी. यह ऐतिहासिक फैसला 19 जून दिन सोमवार को सुप्रीमकोर्ट में दोपहर तीन बजे कोर्ट नंबर तीन में सुनाया जायेगा. देश भर के मीडियाकर्मियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे एडवोकेट ने भी मीडियाकर्मियों के पक्ष में फैसला आने की उम्मीद जताई है.
सुप्रीमकोर्ट के फैसले की तिथि की घोषणा होते ही देश भर के मीडियाकर्मियों में खुशी की लहर है. वहीं अखबार मालिकों के खेमें में बेचैनी बढ़ गयी है. इस मामले की सुनवाई में मीडियाकर्मियों की तरफ से वरिष्ठ एडवोकेट कोलिन गोंसाल्विस, परमानंद पांडे और दिनेश तिवारी ने मीडियाकर्मियों का जोरदार तरीके से पक्ष रखा. अब सबकी नजरें 19 जून को सुप्रीमकोर्ट के एतिहासिक फैसले पर होगी. इस फैसले की तिथि की जानकारी पाते ही देश भर के पत्रकार नयी दिल्ली के लिये कूच करने की तैयारी कर रहे हैं.
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
९३२२४११३३५
Comments on “इसी 19 जून को आएगा मजीठिया वेज बोर्ड मामले में सुप्रीमकोर्ट का एतिहासिक फैसला”
🙂 Shashi Kant jee aapke muh mein ghee shakkar………………………………………………………:)