मोहम्मद ज़ाहिद-
21 सितंबर 1995 अर्थात आज से कोई 28 साल पहले ठीक “गणेश चतुर्थी” के दिन देश में यह अफ़वाह फैली कि गणेश जी की मुर्तियां दूध पी रहीं हैं और पूरा देश कटोरी में दूध लेकर मंदिरों के सामने लाईन लगाकर खड़ा हो गया था।
मंदिरों के सामने कई कई किलोमीटर तक श्रृद्धालू अपने गणपति को दूध पिलाने के लिए सारा दिन सारी रात लाईन लगाए रहते थे।
“आजतक” के संस्थापक और एंकर “सुरेंद्र प्रताप सिंह” के नेतृत्व में “आजतक” का सर्वप्रथम प्रसारण दूरदर्शन के डीडी मैट्रो पर रात्री 10 बजकर 20 पर होता था और सारा देश इस 40 मिनट के प्रोग्राम को देखता था जिसमें एंकरिंग “सुरेंद्र प्रताप सिंह” करते थे।
तब “आजतक” ने साहस दिखाया था और मोची द्वारा जूते रिपेयरिंग के औजार “तिकुनिया” अर्थात”Tripod Cobbler” की नोक पर दूध की कटोरी लगाकर पूरे देश को दिखाया कि गणेश जी ही नहीं Tripod Cobbler भी दूध पी रहा है।
“आजतक” ने तब दिखाया था कि
यह इनविजिबल लिक्विडिटी का मामला है और गणेश जी की संगमरमर की सफेद मुर्ति पर बहते सफेद दूध का नंगी आंखों से दिखाई नहीं देने के कारण पैदा भ्रम है।
वही “आजतक” सुधीर चौधरी से “धीरेन्द्र शास्री” के कदमों को चटवा कर पत्रकारिता कर रहा है और देश में अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहा है।
बस इतना ही विकास हुआ है।
सत्ता के इशारे पर मीडिया की 20 ओवी वैन पंडित धीरेन्द्र शास्री के चरणों में चारण वंदना करते हुए प्राईम टाईम समेत 24×7 लाईव दिखाकर देश की ओलंपियन और गोल्ड मेडलिस्ट बेटियों की लड़ाई को बेअसर कर दिया और बेटियों ने सरकार की शर्तों पर अपनी लड़ाई को खत्म कर दी।
मेडल जीत कर आने पर उनके साथ फोटो खिंचवाने वाले प्रधानमंत्री ने इनसे बात करना भी उचित नहीं समझा।
मीडिया के सहारे खेल हो गया। बृजभूषण शरण सिंह बने रहेंगे।
मीडिया के खिलाफ टैगलाइन चला कर जब तक इस देश में आंदोलन नहीं होगा , लोकतंत्र मुर्ख तंत्र में बनता चला जाएगा।