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मातृश्री पुरस्कार या दलालश्री एवार्ड! : साधना के मालिक गौरव गुप्ता और पंजाब केसरी के मालिक आदित्य नारायण चोपड़ा को किस काम के लिए पुरस्कार?

मातृश्री पुरस्कार या दलालश्री एवार्ड? यह सवाल अब उठेगा. साधना टीवी और पंजाब केसरी अखबार के मालिकों के बेटों को किस बात के लिए किस काम के लिए पुरस्कार देने की घोषणा की गई है? गौरव गुप्ता और आदित्य नारायण चोपड़ा ने आखिर पत्रकारिता क्षेत्र में क्या इतना बड़ा योगदान कर दिया है कि इन्हें भरी जवानी में पुरस्कृत किया जा रहा है? कहने का आशय ये कि जिन्हें अपने खानदान के मीडिया बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए आए हुए जुम्मा जुम्मा दो ही दिन हुए हों, उन्हें एवार्ड देने की जल्दी क्यों?  

मातृश्री पुरस्कार या दलालश्री एवार्ड? यह सवाल अब उठेगा. साधना टीवी और पंजाब केसरी अखबार के मालिकों के बेटों को किस बात के लिए किस काम के लिए पुरस्कार देने की घोषणा की गई है? गौरव गुप्ता और आदित्य नारायण चोपड़ा ने आखिर पत्रकारिता क्षेत्र में क्या इतना बड़ा योगदान कर दिया है कि इन्हें भरी जवानी में पुरस्कृत किया जा रहा है? कहने का आशय ये कि जिन्हें अपने खानदान के मीडिया बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए आए हुए जुम्मा जुम्मा दो ही दिन हुए हों, उन्हें एवार्ड देने की जल्दी क्यों?  

आजकल पुरस्कारों की स्थिति बहुत बुरी हो गई है. हर कोई पुरस्कृत हो रहा है. वह चाहे बेइमान हो या इमानदार. पुरस्कार देने वाले लाइन लगाए हैं. ओबलाइज हो रहे हैं और ओबलाइज कर रहे हैं. मातृश्री पुरस्कारों को ही ले लीजिए. इस बार साधना टीवी चैनल के मालिक गौरव गुप्ता और पंजाब केसरी के मालिक आदित्य नारायण चोपड़ा को भी यह एवार्ड देने की घोषणा की गई है. इन युवा मालिकों ने अभी कुछ ही दिन हुए जब अपने अपने पिताओं के संस्थानों में कामकाज संभाला है. मालिकों के बेटे को हमेशा निदेशक ही कहा जाता है. यह पद वंशानुगत होता है. कभी कभी बेटा एमडी यानि मैनेजिंग डायरेक्टर भी हो जाया करता है और पिता सीएमडी यानि चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर कहलाया करता है. बाप बेटे पदों की कबड्डी ऐसे ही खेला करते हैं और अपना धंधा पानी चमकाते रहते हैं.

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पहले बात गौरव गुप्ता की. इन सज्जन ने ऐसा क्या एक काम कर दिया है, जिसके कारण उन्हें मातृश्री एवार्ड दे दिया गया? यह पुरस्कार देने वाले नहीं बता रहे. लेकिन साधना टीवी से जुड़े रहे लोगों का कहना है कि गौरव गुप्ता ने अपने चैनल के माध्यम से पत्रकारिता को कलंकित करने का काम ही हमेशा किया है, सरोकारों से उनका दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं. बिजनेस-धंधा-मार्केटिंग ही इस शख्स का पेशा शगल क्षेत्र रहा है. जिस भी तरीके से हो, ज्यादा से ज्यादा पैसा बनाओ, यह इसका एजेंडा रहा है. इसी तरह मातृश्री पुरस्कार देने वालों से पूछा जाना चाहिए कि पंजाब केसरी के निदेशक आदित्य नारायण चोपड़ा ने ऐसा क्या कर दिया है कि उन्हें पुरस्कार दिया जा रहा है. सिर्फ इसलिए कि वे चोपड़ा खानदान में से किसी एक चोपड़ा के पुत्र हैं? गौरव गुप्ता हों या आदित्य नारायण चोपड़ा, इन युवा मीडिया मालिकों ने सिर्फ अपने अपने संस्थानों को ज्यादा से ज्यादा मानेटाइज करने के लिए अपना दमखम लगाया है, अच्छी पत्रकारिता के लिए कोई एनर्जी खर्च नहीं किया है. बल्कि संभव है कि कुछ अच्छे पत्रकारों को धंधे में उतारकर मीडिया का माकीनाकासाकीनाका करने में अच्छा-खासा योगदान दिलाया हो.

ऐसा लगता है कि ये पुरस्कार हर साल मीडिया के ढेर सारे अच्छे बुरे लोगों को ओबलाइज करने के लिए एक साथ थोक के भाव दे दिया जाता है… जब घटिया लोगों को एवार्ड दिया जाएगा तो सवाल उठना लाजिमी है. बात सिर्फ मातृश्री पुरस्कारों की ही नहीं है. साल भर में हजारों पुरस्कार मीडिया वालों के लिए अलग अलग संगठन संस्थाएं ट्रस्ट एनजीओ कंपनियां सरकारें घोषित करती हैं जिनका अपना अपना निजी एजेंडा होता है. इसी कड़ी में मातृश्री पुरस्कारों की भी अपनी एक मनमर्जी वाली निजी राजनीति है. हो सकता है मातृश्री पुरस्कार के लिए कई जेनुइन लोगों का भी सेलेक्शन किया गया है. लेकिन जैसे एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर सकती है उसी तरह पुरस्कार के लिए एक घटिया और सेटिंग वाला चयन सारे पुरस्कार लेने वालों पर सवालिया निशान लगाने के लिए काफी है.

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-यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया


मातृश्री एवार्ड से जुड़ी मूल खबर इस प्रकार है…

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मातृश्री मीडिया अवार्ड समिति के संयोजक दिनेश शर्मा ने मातृश्री पुरस्कारों की घोषण कर दी. उन्होंने बताया कि साधना टीवी चैनल के निदेशक गौरव गुप्ता, पंजाब केसरी के निदेशक आदित्य नारायण चोपड़ा, यूनीवार्ता की पत्रकार प्रीति कनौजिया और पीटीआई के संजय आनंद को इस वर्ष का मातृश्री पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कला और पत्रकारिता के क्षेत्र में इस वर्ष के मातृश्री पुरस्कारों की घोषणा कर दी गयी है जिनमें चर्चित फिल्म मैरीकाम’’ को सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म माना गया है. समाज सेवा के क्षेत्र में पूर्व विधायक श्याम लाल गर्ग का चयन किया गया है. उन्होंने कहा कि 40 वें मातृश्री पुरस्कारों के लिए पत्रकारों और कलाकारों का चयन कर लिया गया है.

श्री शर्मा ने बताया कि पुरस्कार वितरण समारोह 26 अप्रैल को होगा और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ये पुरस्कार प्रदान करेंगे. इस पुरस्कार के तहत पत्रकारों तथा कलाकारों को भारत माता की आकृति वाली शील्ड और प्रशस्ति पत्र भेंट दिया जाता है. उन्होंने बताया कि समाचार समितियों में युनाईटेड न्यूज आफ इंडिया की पत्रकार रिंकू बहेड़ा और यूनीवार्ता की प्रीति कनौजिया तथा प्रेस ट्रस्ट आफ इंडिया के पत्रकार संजय आनंद और भाषा के अजय श्रीवास्तव का चयन किया गया है.

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इसके अलावा नवभारत टाइम्स के शाहनवाज मलिक, पंजाब केसरी के आदित्य नारायण चोपड़ा, साधना टीवी चैनल से गौरव गुप्ता के नाम की घोषणा की गयी है. दैनिक हिन्दुस्तान के अनुराग मिश्र, अमर उजाला के पवन कुमार, राष्ट्रीय सहारा के अजय नैथानी, सांध्य टाइम्स के मेखला गुप्ता और सार इकोनोमिस्ट के डा. अरविंद कुमार को मातृश्री पुरस्कार देने का फैसला किया गया है. इसके अलावा पीटीआई के फोटोग्राफर शाहनवाज खान, आज तक टीवी चैनल के कपिल दुबे, टोटल टीवी चैनल के जितेंद्र चौहान, चैनल वन की प्रीत किरण, दूरदर्शन के महेंद्र दुबे, आकाशवाणी की ललिता चतुव्रेदी, न्यूज नेशन के सुमित चौधरी, इंडिया न्यूज के कैमरामेन प्रकाश तिवारी और आईबीएन के रवि सिंह को भी यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा.

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