नई दिल्ली : सु्प्रीम कोर्ट द्वारा सभी राज्यों से मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को लागू करने की मांगी गई रिपोर्ट पर दिल्ली में बवाल मच गया है। सूत्रों का कहना है कि श्रम विभाग ने अपनी मनमानी की रिपार्ट बिना मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और श्रम मंत्री को दिखाए यहां तक कि बिना बताए ही सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दी है। इस बिना सिर-पैर और मालिकों व प्रबंधन के बयानों पर आधारित 23 पेज की रिपार्ट पर श्रम मंत्री गोपाल राय काफी नाराज बताए जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट में श्रम विभाग द्वारा अपनी तरफ से रिपोर्ट पेश कर दिए जाने की खबर से खुद श्रम मंत्री हैरान थे।
बताया जा रहा है कि उन्होंने तुरंत नव नियुक्त श्रमायुक्त को तलब किया और रिपोर्ट फिर से तैयार करने को कहा। हो सकता है दिल्ली सरकार अतिरिक्त रिपोर्ट भी पेश करे। समझा जा रहा है कि उन्होंने इस तरह की रिपार्ट और श्रम विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में तय है कि जल्दी ही श्रम विभाग के कई अधिकारियों पर गाज गिरने वाली है।
एक और सूत्र ने खबर दी है कि रिपोर्ट तैयार करने से पहले अल्पकालीन तत्कालीन श्रमायुक्तस मधु तेवतिया को इस बारे में सरकार की संवदेनशीलता के बारे में बताया गया था। लेकिन इसके बावजूद विभाग ने इस तरह की रिपार्ट पेश की। यह भी कहा जा रहा है कि तत्कालीन संयुक्त श्रमायुक्त कपिल सिंह द्वारा तैयार प्रोफारमा के अनुसार भी यह रिपार्ट तैयार नहीं की गई है। इस बारे में कहा जा रहा कि सरकारी वकील ने अधिकारियों को मौजूदा रूप में रिपार्ट बनाने की सलाह दी थी।
k Asthana
September 16, 2015 at 8:11 am
Its not carelessness but it is conduct of corruption. Dy labour commissioner Mr. Kamal Malhotra prepared reports for BusinessBhaskar (now closed), Dainik Bhaskar, Indian Express and many other newspaper. The official behavior was tilted. Mr. Kapil Singh warned him but Kamal did not correct report because he was beloved of CM Arvind Kejriwal. Kapil Singh Shunted out from the work. Actually, newspaper promoters succeeded to manage Kejriwal government. It exposed wrong claim of Arvind Kejriwal for Pro- journalist approach. once again ditch….