Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

यूपी में पत्रकारों के लिए नई बनी हेल्‍पलाइन का मतलब रामनाम सत्‍त है

Kumar Sauvir : पत्रकारों के लिए हेल्‍पलाइन मतलब रामनाम सत्‍त है. किस्‍सा यह है कि पत्रकारों के उत्‍पीड़न-प्रताड़ना के खिलाफ मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने जो हेल्‍पलाइन वाला जो शिगूफा छेड़ा था, वह न सिर्फ अब फुस्‍स हो चुका है, बल्कि अब हालात अपमानजनक हालत तक पहुंचती जा रही है। आज शामली काण्‍ड में प्रताडि़त एक पत्रकार ने जब इस हेल्‍पलाइन से सम्‍पर्क किया तो, फोन रिसीव करने वाले ने उस पत्रकार को झड़की देते हुए कहा कि मामले की रिपोर्ट करानी हो तो अपने थाने में ही दर्ज होगा। यहां हेल्‍पलाइन इस लिए नहीं बनायी गयी है कि तुम जैसे लोगों की बकवास सुनती रहे।

<p>Kumar Sauvir : पत्रकारों के लिए हेल्‍पलाइन मतलब रामनाम सत्‍त है. किस्‍सा यह है कि पत्रकारों के उत्‍पीड़न-प्रताड़ना के खिलाफ मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने जो हेल्‍पलाइन वाला जो शिगूफा छेड़ा था, वह न सिर्फ अब फुस्‍स हो चुका है, बल्कि अब हालात अपमानजनक हालत तक पहुंचती जा रही है। आज शामली काण्‍ड में प्रताडि़त एक पत्रकार ने जब इस हेल्‍पलाइन से सम्‍पर्क किया तो, फोन रिसीव करने वाले ने उस पत्रकार को झड़की देते हुए कहा कि मामले की रिपोर्ट करानी हो तो अपने थाने में ही दर्ज होगा। यहां हेल्‍पलाइन इस लिए नहीं बनायी गयी है कि तुम जैसे लोगों की बकवास सुनती रहे।</p>

Kumar Sauvir : पत्रकारों के लिए हेल्‍पलाइन मतलब रामनाम सत्‍त है. किस्‍सा यह है कि पत्रकारों के उत्‍पीड़न-प्रताड़ना के खिलाफ मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने जो हेल्‍पलाइन वाला जो शिगूफा छेड़ा था, वह न सिर्फ अब फुस्‍स हो चुका है, बल्कि अब हालात अपमानजनक हालत तक पहुंचती जा रही है। आज शामली काण्‍ड में प्रताडि़त एक पत्रकार ने जब इस हेल्‍पलाइन से सम्‍पर्क किया तो, फोन रिसीव करने वाले ने उस पत्रकार को झड़की देते हुए कहा कि मामले की रिपोर्ट करानी हो तो अपने थाने में ही दर्ज होगा। यहां हेल्‍पलाइन इस लिए नहीं बनायी गयी है कि तुम जैसे लोगों की बकवास सुनती रहे।

आपको ज्ञात होगा कि पश्चिम यूपी के जिले शामली में ब्‍लाक चुनाव को लेकर खूब हंगामा हुआ था। असल बवाल तो कैराना में हुआ। वहां चुनाव को लेकर जमकर बवाल हुआ, लेकिन प्रशासन चुपचाप बैठा रहा। इसी खामोशी के चलते दंगाइयों के हौसले बढ़े और जितना भी हंगांमा हो सकता था, हो गया। पूरे पश्चिम यूपी क्षेत्र में अब तक इसकी आग धधकती दिख रही है। बहरहाल, इस पूरे दंगे को कवर करने के लिए एक न्‍यूज चैनल के रिपोर्ट ने अपना कैमरा निकाला और लगा शूटिंग करने। लेकिन वह तो गनीमत रही कि इसी बीच इस बवालियों ने एक स्‍थानीय विधायक की शह पर उस पत्रकार पर पीट दिया और उसके कैमरे पर शूट हो चुकी फोटो-वीडियो को डिलीट कर दिया। हादसे के वक्‍त विधायक जी मौके पर मौजूद थे और पत्रकारों के खिलाफ अपनी टोली का हौसला बढा रहे। जब पत्रकार ने ऐतराज किया तो उसे खुली धमकी दी गयी कि अगर ज्‍यादा चिल्‍लाओगे तो अंजाम बहुत बुरा होगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब एक नया किस्‍सा सुनिये। उस पत्रकार ने आज शाम मुख्‍यमंत्री द्वारा पत्रकारों के लिए तैयार की गयी हेल्‍प लाइन का इस्‍तेमाल करते हुए फोन मिलाया और अपना पूरा किस्‍सा सुनाया। लेकिन इस मामले पर कोई भी संज्ञान लेने के लिए वहां मौजूद किसी भी अफसर ने जहमत नहीं उठायी। हां, इस पत्रकार को यह सलाह जरूर दे दी गयी कि वह हेल्‍पलाइन-शेल्‍पलाइन के चक्‍कर न पड़े, बल्कि अगर कोई बड़ी दिक्‍कत हो तो सीधे कैराना थाने पर पहुंच कर अपनी रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचे। हेल्‍पलाइन में उसे कोई भी कोई मदद नहीं मिल सकेगी।

यह बात तो शायद कभी खुल भी न पाती, अगर इस हेल्‍पलाइन के आफिस में एक बड़ा पत्रकार पहुंच कर पूरी बातचीत न सुन लेता। कहने की जरूरत नहीं कि हेल्‍पलाइन के अधिकारी और पीडि़त-प्रताडि़त पत्रकार के बीच हुई इस बातचीत को इस बड़े पत्रकार ने सुन लिया। तो बोलो, रामनाम सत्‍त है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर की रिपोर्ट.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement