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सुख-दुख

बाबा रामदेव ने दो कार्टूनिस्टों के ख़िलाफ़ दर्ज कराया मुक़दमा

कनखल थाना प्रभारी मुकेश चौहान ने बताया कि पतंजलि योगपीठ के कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर कार्टूनिस्ट गजेंद्र रावत और हेमंत मालवीय के खिलाफ यहां कनखल थाने में मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि दोनों पर अश्लील पोस्टर बनाकर और इन्हें सोशल मीडिया पर वायरल कर योग गुरु की छवि खराब करने का आरोप है. अधिकारी ने बताया कि इन लोगों के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाश शुरू कर दी गई है.

इस मुद्दे पर कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय का पक्ष पढ़ें-

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हेमंत मालवीय-

अंततः मेरा प्रारब्ध मुझे वहां तक ले ही आया जहां आने के लिए इस देश की मिट्टी औऱ सियासी हालात ने मुझे कार्टूनिस्ट के रूप में जन्म दिया .. सोशल मीडिया की खबरों के अनुसार एक कार्टून बनाने के कारण योग व्यवसायी बाबा रामदेव की व्यवसायी संस्था पतंजलि ने मेरे औऱ एक अन्य कार्टूनिस्ट के खिलाफ धारा 155a के तहत जो एक गैर जमानती धारा है, उत्तराखंड के हरिद्वार के कनखल थाने में मुकदमा दर्ज कराया है और मेरी तलाश शुरू हो चुकी है।

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मैं भागूंगा नही …भाग कर जाऊंगा भी तो कहां? औऱ बाबा की तरह तो कतई नहीं भाग सकता ! शुगर हाइपरटेंशन ब्लड प्रेशर का शिकार हार्ट अटैक झेल चुका दिल का मरीज हूँ ….मेरा एक परिवार है… ! ना मैं बाबा रामदेव जैसा ताकतवर अमीर व्यवसायी आदमी ठहरा जिसने इतने वकील रख रखे हों कि अलग से पतञ्जलि लीगल सेल ही खोल रखी है लोगों पर मुकदमे लगाने के लिए।

मैं तो अदना सा गरीब कार्टूनिस्ट हूँ, जो पैसे रसूख औऱ सत्ता की ताकत के आगे 130 अरब जनता में तो मामूली सी चींटी जितनी हैसियत भी नहीं रखता , एक आम आदमी के नाते कार्पोरेट राजनीति मीडिया की नाटकबाजी झेल नहीं पाता तो अपनी फ्रस्ट्रेशन को अपनी वाल पे अपने दायरे में कभी कार्टून तो कभी व्यंग्य तो कभी कटाक्ष कर अपने मानसिक तनाव को निकाल लिया करता है …! मुझे कतई अंदाज नहीं था ऐसा करना अपराध है ..!

मुझे देश की महान कानून व्यवस्था पे पूरा भरोसा है… पर मेरे पास इतना पैसा नहीं है कि पतंजलि के वकीलों की फौज से एक अदद वकील खड़ा कर लड़ भी पाऊँ …सो जब चाहो तब समर्पण कर दूंगा..

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बचपन से मे मैं गांधी जी औऱ भगत सिंह के बारे में पढा करता था. … सोचता था आज अगर भगत सिंह जिंदा होते तो वे आजकल के हालात पे किस तरह रिएक्ट करते…? और यदि वे कर पाते तो क्या आज हमारे आज के समाज हालत में उन्हें भगत सिंह ही समझा जाता ? …..

70 के दशक में मेरे पिता भी ऐसे ही कार्टूनिस्ट थे … कार्टूनों में उनके सवाल भी ऐसे ही तीखे होते थे ! ऐसे ही करारे कटाक्ष करते थे , छोटे से अखबार में छपते थे आपात काल भी था … मगर वो समय भी ऐसा नहीं था कि उन पर किसी ने कभी मुकदमा कर दिया हो, … खैर मैं कोशिश करूंगा जमानत के वक्त गांधीजी का अनुसरण कर सकूँ ! हे ईश्वर मुझे ताकत दे… हे भारत देश की जनता मुझे सम्बल हौसला दे ..अदालत मुझे न्याय दे !

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1 Comment

1 Comment

  1. Hem Raj

    December 21, 2022 at 2:16 pm

    आप घबराये नहीं, डरे नहीं, बेशक वे रसूख वाले हैं तो क्या हुआ!
    आम आदमी ने ही सियासतों की नींव हिलाई है!

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