कर्मियों के साथ उनके परिजनों ने भी धरना स्थल पर जमाया डेरा, आमरण अनशन के तीसरे दिन व धरने के छह दिन विभिन्न जन संगठनों ने दिया समर्थन
हिसार : आकाशवाणी प्रस्तोता संघ के बैनर तले आकाशवाणी के गेट पर दिए जा रहे अनिश्चितकालीन धरने पर अब आंदोलनरत कर्मचारियों के साथ साथ उनके परिजनों ने भी डेरा जमा लिया है। उन्होंने सख्त चेतावनी दी है कि जब तक आकस्मिक प्रस्तोताओं को पूर्णत: न्याय नहीं मिल जाता, उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं दूसरी तरफ संघ के प्रधान डॉ. नरेंद्र चहल, वरिष्ठ सदस्या क्षमा भारद्वाज व सचिव राजेंद्र दुहन का आमरण अनशन सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। प्रेस प्रवक्ता नरेंद्र कौशिक धरतीपकड़ ने बताया कि धरने व आमरण अनशन को डेमोके्रटिक फोरम के अध्यक्ष डॉ. मधुसूदन पाटिल ने पुरजोर समर्थन करते हुए मांग की कि संघ के कर्मचारियों की जायज मांगों को अधिकारियों को शीघ्र मान लेना चाहिए, क्योंकि यही सभी प्रस्तोता संघ कर्मचारी आकाशवाणी केंद्र हिसार का समुचित एवं व्यवस्थित संचालन पिछले कई वर्षों से करते आ रहे हैं।
उनके अलावा सर्व कर्मचारी संघ के नलवा हलका विधायक रणबीर सिंह गंगवा, इंडियन डिफेंस एकेडमी के अध्यक्ष संजय वैराणिया, स्वास्थ्य विभाग से रामचंद्र, हसला के प्रधान भगवानदास, शिकारपुर के सपंच राजकुमार श्योराण, नेशनल इंटीग्रडिट फोरम ऑफ आर्टिस्ट एंड एक्टिविस्ट्स हिसार इकाई के जिलाध्यक्ष साधुराम, महासचिव अमित कथुरिया, पशुपालन विभाग के राज्य महासचिव राजेंद्र भानखड़, महासंघ जिला प्रधान राजबीर बैनीवाल, धर्मपाल चिनिया, आकाशवाणी रोहतक से उषा मलिक, आकाशवाणी चुरू से मुरारी वशिष्ठ, मनीष भारद्वाज, गोवर्धन शर्मा, रवि प्रकाश शर्मा, कनिष्क शर्मा, आकाशवाणी शिमला से ऑल इंडिया प्रस्तोता संघ के प्रधान हरिकृष्ण शर्मा व डॉ. पुरुषोत्तम शर्मा तथा पार्षद कृष्ण सातरोड़ ने धरना स्थल पर पहुंचकर कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया।
आकाशवाणी गेट पर अंदर से लगाया ताला : प्रेस प्रवक्ता नरेंद्र कौशिक धरतीपकड़ ने कहा कि एक तरफ तो माननीय मुख्यमंत्री स्वच्छता का संदेश देते हुए खुले में शौचमुक्त अभियान चला रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ आकाशवाणी के अधिकारियों ने अनशन पर बैठी बीमार महिला कर्मी व उनकी साथी महिलाओं को शौचालय प्रयोग करने से रोक लगा दी है। यहां तक की आकाशवाणी के गेट पर अंदर से ताला लगा दिया गया है। जबकि संघ की ओर से किसी प्रकार की हिंसक व गैर कानूनी घटना नहीं की गई। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी संस्था में शौचालय के प्रयोग पर रोक नहीं लगाई जा सकती। वे इसकी शिकायत मानवाधिकार व हिसार आयुक्त को करते हुए दोषी अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की मांग करेंगे।
अशोक अनुराग
कैज़ुअल हिंदी एनाउंसर, अकाशवाणी दिल्ली