सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी से मिले आकाशवाणी के कैज़ुअल एनाउंसर

आल इंडिया रेडियो कैज़ुअल अनाउन्सर एंड कंपेयर यूनियन रजिस्टर्ड और आल इंडिया रेडियो ब्रॉडकास्टिंग प्रॉफेशनल एसोसिएशन रजिस्टर्ड का एक प्रतिनिधि मंडल माननीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी से यूनियन महासचिव डॉ शबनम खानम और शरद तिवारी के नेतृत्व और शिमला के सांसद वीरेंद्र कश्यप के संरक्षण में मिला। प्रतिनिधि मंडल में उपरोक्त के अलावा अर्चना गोयल, संजीव अग्निहोत्री और मनोज सिंह शामिल थे। मंत्री ने कैजुअल कर्मियों की सभी समस्याओं का सिरे से निवारण करने का आश्वासन दिया है। इस कार्य हेतु वे देश के हर केंद्र के प्रतिनिधियों की दिल्ली में मीटिंग लेंगी, जिसमें देश भर के केजुअल कर्मियों की समस्याओं का निवारण किया जाएगा।

अकाशवाणी हिसार के कैज़ुअल एनाउंसर आमरण अनशन पर

कर्मियों के साथ उनके परिजनों ने भी धरना स्थल पर जमाया डेरा, आमरण अनशन के तीसरे दिन व धरने के छह दिन विभिन्न जन संगठनों ने दिया समर्थन

हिसार : आकाशवाणी प्रस्तोता संघ के बैनर तले आकाशवाणी के गेट पर दिए जा रहे अनिश्चितकालीन धरने पर अब आंदोलनरत कर्मचारियों के साथ साथ उनके परिजनों ने भी डेरा जमा लिया है। उन्होंने सख्त चेतावनी दी है कि जब तक आकस्मिक प्रस्तोताओं को पूर्णत: न्याय नहीं मिल जाता, उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।

क्या प्रसार भारती और आकाशवाणी महानिदेशालय माननीय सर्वोच्च न्यायालय व संसद से भी बड़ी हो गई है!

आकाशवाणी के दोहरे मापदंड एवं हठधर्मिता के चलते लंबे समय से काम रहे आकस्मिक उद्घोषकों का नियमितिकरण नहीं किया जा रहा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट भी संविधान पीठ भी दस वर्षों या अधिक समय से कार्यरत संविदा कर्मियों की सेवाओं का नियमितिकरण एक मुश्त उपाय के तहत करने के निर्देश दे चुकी है। आकाशवाणी में आकस्मिक कलाकार/ कर्मचारी सन 1980 से अर्थात प्रसार भारती के लागू होने के वर्षों पहले से स्वीकृत एवं रिक्त पड़े पदों के स्थान पर आकस्मिक उद्घोषक/ कम्पीयर के रूप में काम कर रहे हैं।

नियमितीकरण के लिए आकाशवाणी के उद्घोषकों का जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन

दिल्ली : अखिल भारतीय आकस्मिक उद्घोषक/ कम्पीयर कर्मचारी एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी मनोज कुमार पाठक ने बताया कि नियमितीकरण की मांगों के समर्थन में सभी आकस्मिक उद्घोषकों (कम्पीयर) ने 3 एवं 4 अगस्त को जंतर-मंतर पर शांति पूर्ण तरीके से दो दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया। 

बे-मन की बात : आकाशवाणी के कैजुअल एनाउंसरों पर लटक रही छंटनी की तलवार

न्यायालय और संसदीय कमेटी के आदेश को भी दरकिनार करते हुए आकाशवाणी में कार्यरत कैज़ुअल एनाउंसरों को असंवैधानिक तरीके से बाहर निकालने की साजिश चल रही है। ख़ासकर वे कैज़ुअल एनाउंसर, जो पिछले पंद्रह वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं, उन्हें एक अंडरटेकिंग के माध्यम से निकाले जाने का अंदेशा गहराता जा रहा है।